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जीएसटी को अगले साल सितंबर तक लागू करने की संवैधानिक बाध्यता: जेटली

जीएसटी को अगले साल सितंबर तक लागू करने की संवैधानिक बाध्यता: जेटली

Friday December 02, 2016 , 2 min Read

वित्त मंत्री अरण जेटली ने आज कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को अगले साल 16 सितंबर तक लागू करने की संवैधानिक बाध्यता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा अप्रत्यक्ष कर उस समय तक समाप्त हो जाएगा ऐसे में देश को बिना राजस्व संग्रहण के चलाना संभव नहीं है। उन्होंने कर आधार व्यापक करने पर जोर दिया। वित्त मंत्री ने कहा कि कराधान प्रक्रिया और सरल करने के प्रयास किए जा रहे हैं और साथ ही दरों को भी उचित स्तर पर लाने की जरूरत है। जेटली ने कहा कि जीएसटी परिषद कराधान प्रक्रिया छोटी करने के मुद्दे पर विचार विमर्श कर रही है। इसमें कर अधिकारियों द्वारा किये जाने वाले आकलन पर गौर किया जा रहा है। उन्होंने कहा आज प्रत्येक व्यक्ति का आकलन तीन करों (वैट और केन्द्रीय उत्पाद सहित) में तीन बार होता है। अब एक बार आकलन की जरूरत है। एक अधिकारी जो आकलन करेगा अन्य को उसे मानना होगा।

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जीएसटी को तस्वीर बदलने वाला बताते हुए जेटली ने कहा, ‘‘संविधान जीएसटी के क्रियान्वयन में विलंब की इजाजत नहीं देता। सरकार ने जीएसटी को 16 सितंबर को अधिसूचित किया है। संविधान संशोधन कहता है कि मौजूदा अप्रत्यक्ष कर प्रणाली एक साल तक चलेगी। उसके बाद जीएसटी अस्तित्व में आएगा।’’ वित्त मंत्री ने कहा कि यदि 16 सितंबर, 2017 तक जीएसटी नहीं होता है, तो देश में कराधान की कोई प्रणाली नहीं होगी। जेटली ने कहा कि राज्यों को प्रत्येक सुधार का सिर्फ विरोध के लिए विरोध नहीं करना चाहिए। इससे निवेशकांे में चिंता पैदा होती है। ‘‘राज्यों को इस फैसले का स्वागत करना चाहिए। यदि किसी राज्य को प्रत्येक सुधार का विरोध करते देखा जाएगा, तो देश के निवेशक और देश के बाहर से आने वाले निवेशक फैसला करेंगे कि उन्हें किस राज्य में निवेश करना है।’’ उन्होंने कहा कि यदि किसी राज्य को सुधार की गलत दिशा में देखा जाता है तो निवेशक वहां जाने से कतराएंगे।