MSME से जुड़े ई-कॉमर्स वेंचर में उतरेगा आदित्य बिड़ला ग्रुप, 2000 करोड़ रुपये किए जाएंगे खर्च
नया आने वाला प्लेटफॉर्म मुख्य रूप से निर्माण सामग्री खंड में MSME पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिसमें अन्य प्रासंगिक श्रेणियों को आगे बढ़ाने की क्षमता होगी.
आदित्य बिड़ला ग्रुप (Aditya Birla Group) की प्रमुख कंपनी Grasim ने भवन निर्माण सामग्री यानी बिल्डिंग मैटेरियल्स के लिए बी2बी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म में प्रवेश की घोषणा की है. ग्रुप की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि Grasim के निदेशक मंडल ने अगले 5 वर्षों में 2,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ भवन निर्माण सामग्री खंड के लिए बी2बी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म में प्रवेश को मंजूरी दे दी है. Grasim इंडस्ट्रीज लिमिटेड, आदित्य बिड़ला समूह की एक प्रमुख कंपनी है. यह भारत में सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध शीर्ष कंपनियों में शुमार है.
नया आने वाला प्लेटफॉर्म मुख्य रूप से निर्माण सामग्री खंड में MSME पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिसमें अन्य प्रासंगिक श्रेणियों को आगे बढ़ाने की क्षमता होगी. मुख्य वैल्यू प्रपोजीशन एक एकीकृत खरीद समाधान होगा, जिसमें समय पर डिलीवरी और प्रतिस्पर्धी मूल्य पर एक बेहतर प्रॉडक्ट रेंज शामिल है.
नई लीडरशिप टीम करेगी ऑपरेट
यह प्लेटफॉर्म, डिजिटल इकोसिस्टम से नई भर्ती की गई लीडरशिप टीम द्वारा संचालित किया जाएगा. कंपनी का मानना है कि बी2बी ई-कॉमर्स आकर्षक लंबी अवधि के रिटर्न के साथ एक उच्च विकास अवसर है और अपने हितधारकों के लिए अत्यधिक मूल्यवान होगा. भारत में समग्र निर्माण सामग्री खरीद खंड पिछले 3 वर्षों में 14 प्रतिशत के सीएजीआर से बढ़ा है. यह उद्योग केवल 2 प्रतिशत की वर्तमान डिजिटल पहुंच के साथ 100 अरब डॉलर का है. Grasim का डिजिटल प्लेटफॉर्म मौजूदा आपूर्ति श्रृंखला के भीतर विभिन्न चुनौतियों का समाधान करेगा.
MSME यूनिवर्स के विकास को करेगा कैटलाइज
आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा, “बी2बी ई-कॉमर्स में प्रवेश अभी एक और रणनीतिक पोर्टफोलियो विकल्प है क्योंकि यह नए युग, उच्च विकास वाले डिजिटल स्पेस में निवेश करने के हमारे इरादे को स्पष्ट करता है. भवन निर्माण सामग्री खंड लाभप्रदता के लिए एक सिद्ध मार्ग के साथ एक विशाल स्केलेबल व्यावसायिक अवसर प्रस्तुत करता है. इस प्रयास के साथ, Grasim, आदित्य बिड़ला समूह के भीतर बड़े बी2बी इकोसिस्टम का लाभ उठाने में सक्षम होगी. यह कदम भारत में MSME यूनिवर्स के विकास को भी कैटलाइज करेगा और सरकार के 'डिजिटल इंडिया' के दृष्टिकोण को गति प्रदान करेगा."