किसान के बेटे को IIT में नहीं मिला था एडमिशन, अब एमेजॉन ने दिया एक करोड़ का पैकेज
हिसार, मंडी आदमुपर (हरियाणा) के किसान-पुत्र अमित को अमेरिका में एमेजॉन कंपनी में एक करोड़ रुपए सालाना पैकेज पर सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी मिली है। भारत में आईआईटी में दाखिला न मिल पाने पर अमित दो साल पहले कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए अमेरिका चले गए थे।
हरियाणा के एक किसान के बेटे अमित बिश्नोई को अपनी कड़ी मेहनत और हुनर के बूते अमेरिकी कंपनी एमेजॉन में एक करोड़ रुपए सालाना का पैकेज मिला है। हिसार, मंडी आदमुपर (हरियाणा) के गांव ठसका निवासी उनके पिता सियाराम पंवार बिश्नोई खेतीबाड़ी करते हैं। पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर अमित बिश्नोई बचपन से पढ़ाई में तेज थे। उनका बचपन नाना-नानी के पास बीता। उनकी शुरुआती पढ़ाई आदमपुर के गुरु जंभेश्वर स्कूल और शांति निकेतन से हुई। डीएवी से 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने आईआईटी में दाखिले के लिए कोशिश की, लेकिन असफल रहे। इसके बाद उन्होंने गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय हिसार (हरियाणा) से कंप्यूटर साइंस में ग्रैजुएशन किया। इसके बाद पोस्ट ग्रैजुएशन की पढ़ाई के लिए वह अमेरिका चले गए।
अमेरिका में अमित ने कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी लांगबीच में दाखिला ले लिया और पिछले माह मई में उनकी पोस्ट ग्रैजुएशन की पढ़ाई भी पूरी हो गई। अब उन्हें वहीं एमेजॉन कंपनी में एक करोड़ रुपए सालाना के सैलरी पैकेज पर नौकरी मिल गई है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर अमित बिश्नोई के मामा कृष्ण खिच्चड़ के मुताबिक, दो साल पहले अमित को अमेरिका की दो यूनिवर्सिटी से दाखिले के लिए कॉल आई थी। उसके बाद अमेरिका जाकर उन्होंने वर्ष 2017 में कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी लॉगबीच में दाखिला ले लिया।
उनको मई 2019 में स्नातकोत्तर की डिग्री भी मिल गई। अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के सदस्य पृथ्वी सिंह बैनीवाल के मुताबिक डिग्री मिलने के दौरान दीक्षांत समारोह में अमित के नाना रामनारायण, नानी रोशनी देवी, मामा कृष्ण खिचड़, बुआ कृष्णा देवी, बहन रानी बिश्नोई, उर्वशी बिश्नोई, जीजा राहुल बिश्नोई और चाचा जगदीश बिश्नोई आदि भी उपस्थित रहे।
यह डिग्री हासिल करने से पहले अमित ने मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषय का चयन करते हुए विभाग के प्रोफेसर के साथ शोध किया। इसमें इंसान के दिमाग की विद्युतीय तरंगों से उत्पन्न सांख्यिकी को मशीन के जरिये इकट्ठा कर कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर से दिमाग में उत्पन हो रहे प्रत्यावेगों को अलग-अलग भागों में विभाजित कर दिया जाता है। आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (एआई) एक कम्प्यूरीकृत कृत्रिम बुद्ध प्रदर्शन होता है, जो अपने पर्यावरण को देखकर, अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की कोशिश करता है।
इस वैज्ञानिक प्रक्रिया में कंप्यूटर इंसान के संज्ञानात्मक कार्यों की नकल करता है। दरअसल, कृत्रिम बुद्धि, कंप्यूटर विज्ञान की एक शाखा है जो मशीनों और सॉफ्टवेयर को खुफिया के साथ विकसित करती है। वर्ष 1955 में जॉन मकार्ति ने इसको कृत्रिम बुद्धि का नाम दिया था। आज यह प्रौद्योगिकी का सबसे महत्वपूर्ण और अनिवार्य हिस्सा बन चुका है। एमेजॉन में अमित को इसी पढ़ाई का इतना बड़ा पैकेज मिला है। एमेजॉन ने अमित को अपने यहां सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी पर रखा है।