अॉनलाइन शॉपिंग करने जा रहे हैं, तो हो जायें सावधान
ऑनलाइन शॉपिंग पर हैकरों की नजर
इन दिनो भारत में तेरह करोड़ से अधिक उपभोक्ता ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं। बाजार में एक ओर ऑनलाइन शॉपिंग की धूम मची है, तो दूसरी तरफ ग्राहकों के लिए खतरे के बादल भी मंडराते रहते हैं। खरीदारों के गोपनीय डॉटा पर हैकरों की नज़र रहती है। वे डॉटा चुराकर बेंच देते हैं। इसलिए आज जरूरी हो गया है कि ग्राहक ऐसी साइट्स से ही ऑनलाइन शॉपिंग करें, जहां उपभोक्ता के गोपनीय डॉटा की सुरक्षा की भी गारंटी हो।
इस समय फैशन कारोबार साढ़े चार सौ अरब रुपए का है, जिसमें ऑनलाइन शॉपिंग की लगभग 260 अरब रुपए की साझेदारी बन चुकी है।
हमारे देश में जैसे-जैसे इंटरनेट अपनी पकड़ मजबूत करता जा रहा है, लोगों में ऑनलाइन शॉपिंग का शौक भी उसी रफ्तार से बढ़ रहा है। वैसे तो देश में ज्यादा डिस्काउंट और बढ़िया ऑफर का दावा करने वाली कई ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स सक्रिय हैं लेकिन मंत्रा डॉट कॉम, फ्लिपकार्ट डॉट कॉम, जबांग डॉट कॉम, एमेजन डॉट कॉम, स्नैप डील डॉट कॉम आदि पर ग्राहक की आवक लगातार बढ़ती जा रही है।
स्टार्टअप के नए जमाने को बाजार ने जितने नए-नए इंतजाम और हुनर दिए हैं, उनमें ऑनलाइन शॉपिंग की एक ओर धूम मची हुई है, जबकि दूसरी तरफ ग्राहकों के लिए इसके खतरे भी कुछ कम नहीं है। गौरतलब है कि इस समय फैशन कारोबार साढ़े चार सौ अरब रुपए का चल रहा है, जिसमें ऑनलाइन शॉपिंग की लगभग 260 अरब रुपए की साझेदारी बन चुकी है। इसी साल ग्लोबल बोस्टन कंसलटिंग ग्रुप और सोशल मीडिया जाएंट फेसबुक के एक सर्वे में पता चला है कि हमारे देश में आगामी तीन वर्षों के भीतर ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों की तादाद 13 करोड़ से ज्यादा हो सकती है। भारत में इस वक्त ऐसे लगभग 55 लाख उपभोक्ता हैं।
हमारे देश में जैसे-जैसे इंटरनेट अपनी पकड़ मजबूत करता जा रहा है, लोगों में ऑनलाइन शॉपिंग का शौक भी उसी रफ्तार से बढ़ रहा है। वैसे तो देश में ज्यादा डिस्काउंट और बढ़िया ऑफर का दावा करने वाली कई ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स सक्रिय हैं लेकिन मंत्रा डॉट कॉम, फ्लिपकार्ट डॉट कॉम, जबांग डॉट कॉम, अमेजन डॉट कॉम, स्नैपडील डॉट कॉम आदि पर ग्राहक की आवक लगातार बढ़ती जा रही है। मंत्रा डॉट कॉम को मुकेश बंसल, आशुतोष लवानिया और विनीत सक्सेना ने मिलकर बनाया था। ये तीनों आईआईटी पासआउट थे। इस कंपनी का हेडक्वार्टर बेंगलूरु में है। इस पर आप टी-शर्ट, मग, कलैंडर, ग्रीटिंग कार्ड, चैन, डायरी और वाइन ग्लास भी खरीद सकते हैं।
देश के 15 प्रतिशत से ज्यादा ऑनलाइन ग्राहक अमेजन डॉट कॉम का इस्तेमाल करते हैं। मूल रूप से ये अमेरिका की साइट है। शुरुआत में यह साइट ऑनलाइन ग्राहकों को किताबें, मूवी और टीवी शो मुहैया कराती थी। अब फिलहाल मोबाइल से लेकर ईबुक्स और किडल ऐसेसरीज भी ऑनलाइन उपलब्ध कराती है।
फ्लिपकार्ट डॉट कॉम पहले किताबों को ऑनलाइन बुक करती थी। अब ये इलेक्ट्रॉनिक सामान के साथ कई अन्य उत्पादों की भी ऑनलाइन बिक्री करती है। जबांग डॉट कॉम फैशन और लाइफस्टाइल के सामनों की बिक्री करती है। ये साइट जनवरी 2012 में शुरू की गई थी। इसको अरूण चंद्रमोहन, प्रवीण सिन्हा और लक्ष्मी ने मिलकर बनाया था। देश के 15 प्रतिशत से ज्यादा ऑनलाइन ग्राहक अमेजन डॉट कॉम का इस्तेमाल करते हैं। मूल रूप से ये अमेरिका की साइट है। शुरुआत में यह साइट ऑनलाइन ग्राहकों को किताबें, मूवी और टीवी शो मुहैया कराती थी। अब फिलहाल मोबाइल से लेकर ईबुक्स और किडल ऐसेसरीज भी ऑनलाइन उपलब्ध कराती है। दस प्रतिशत से अधिक ऑनलाइन ग्राहक स्नैपडील डॉट कॉम का इस्तेमाल करते हैं। यह साइट भारतीय मूल के छात्रों द्वारा शुरू की गई थी जिनमें कुनाल बहल और रोहित बंसल यंग उद्यमी शामिल थे। इस साइट के जरिए आप मोबाइल, लैपटॉप, कैमरा, टैबलेट और कई दूसरे उत्पाद भी खरीद सकते हैं।
एक जानकारी के मुताबिक ऑनलाइन शॉपिंग कराने वाली लगभग 6000 वेब शॉप साइट्स क्रेडिट कार्ड की जानकारियां चुरा कर उसका गलत उपयोग कर रही हैं।
ऑनलाइन शॉपिंग के खतरे भी हैं, क्योंकि इन पर सक्रिय खरीदारों पर हैकरों की नज़र रहती है। हैकर ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान उपभोक्ता के क्रेडिट कार्ड का डेटा चुराने की कोशिश में लगे रहते हैं। एक जानकारी के मुताबिक ऑनलाइन शॉपिंग कराने वाली लगभग 6000 वेब शॉप साइट्स क्रेडिट कार्ड की जानकारियां चुरा कर उसका गलत उपयोग कर रही हैं। क्रेडिट कार्ड का कोड साइबर चोर साइटों पर डाल देते हैं। लगभग 5925 ऐसी वेब साइट्स हैं।
हैकर सबसे अधिक सक्रिय शॉपिंग साइट्स को अपना निशाना बनाते हैं। हैकर पहले वेबसाइटों में घुसने का रास्ता बनाते हैं, वहां से ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड, लेनदेन आदि की जानकारियां चुराते हैं, फिर उसे डार्क वेब मार्केट को बेच देते हैं। कार निर्माता, फैशन कंपनियां, सरकारी साइटें, संग्रहालय खासतौर से हैकरों के निशाने पर रहते हैं। हैकरों की सक्रियता को देखते हुए स्टोर मालिक अब अपने सॉफ्टवेयर नियमित रूप से अपडेट करने लगे हैं। लेकिन फिर भी यह एक ऐसा मामला है, जिसे प्रायः दुकानदार नजरअंदाज कर देते हैं। कंपनियों की लिस्ट जारी करने के बाद कुछ स्टोर्स ने इसे संजीदगी से लेना शुरू किया है। ऐसे में ज़रूरी है कि ग्राहक ऐसी साइट्स से ही ऑनलाइन शॉपिंग करें, जहां उपभोक्ता के गोपनीय डेटा की सुरक्षा की भी गारंटी हो।