अपने आप दो हिस्सों में बंट रहा है अफ्रीका, युगांडा और जाम्बिया के पास हो सकते हैं अपने समुद्र तट
जीपीएस ट्रैकिंग से पता चलता है कि टेक्टोनिक प्लेट्स के बीच जमीन का मूवमेंट लगातार हो रहा है लेकिन अलग-अलग दरों पर.
अफ्रीका (Africa) में धीरे-धीरे एक नया महासागर उभर रहा है. इसके चलते यह महाद्वीप भविष्य में दो हिस्सों में बंट सकता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि महासागर उभरने की वजह, अफ्रीका के दो प्रमुख भागों का अलग होना है. अगर अफ्रीका दो हिस्सों में बंटता है तो युगांडा और जाम्बिया जैसे लैंडलॉक्ड देशों के पास संभावित रूप से अपने स्वयं के समुद्र तट हो सकते हैं. लेकिन ऐसा हाल फिलहाल नहीं होने जा रहा, इसमें लाखों साल लग सकते हैं. वर्तमान में अफ्रीका में 54 देश हैं.
2005 में इथियोपिया के रेगिस्तान में 35 मील लंबी दरार आ गई, जिसे ईस्ट अफ्रीकन रिफ्ट नाम दिया गया. इस दरार ने एक नए समुद्र के निर्माण की शुरुआत को चिह्नित किया. पीयर-रिव्यूड जर्नल जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स में प्रस्तुत किया गया भूकंपीय डेटा यानी सीस्मिक डेटा दर्शाता है कि रिफ्ट का निर्माण टेक्टोनिक प्रक्रियाओं द्वारा संचालित था. ये प्रक्रियाएं समुद्र के तल में होने वाली प्रक्रियाओं के समान थीं. दरार की पहचान तीन टेक्टोनिक प्लेट्स की सीमा पर होने के रूप में की गई थी. ये प्लेट्स- अफ्रीकी न्युबियन, अफ्रीकी सोमाली और अरेबियन पहले से ही कुछ समय से खुद को दूर कर रहे थे.
अफ्रीका से प्रति वर्ष 1 इंच दूर हो रही अरब प्लेट
पूर्वी अफ्रीका और पश्चिमी एशिया के बीच लाल सागर और अदन की खाड़ी के निर्माण में भी इस प्रकार के टेक्टोनिक शिफ्ट देखे गए थे. रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि जीपीएस ट्रैकिंग से पता चलता है कि टेक्टोनिक प्लेट्स के बीच जमीन का मूवमेंट लगातार हो रहा है लेकिन अलग-अलग दरों पर. अरब प्लेट प्रति वर्ष एक इंच की गति से अफ्रीका से दूर जा रही है. लाल सागर और अदन की खाड़ी, अफार क्षेत्र और ईस्ट अफ्रीकन रिफ्ट घाटी को डुबा देंगे और एक नए महासागर में बदल देंगे. पूर्वी अफ्रीका का हिस्सा एक अलग महाद्वीप बन जाएगा.
Edited by Ritika Singh