अश्नीर ग्रोवर के बाद अब मुख्य को-फाउंडर ने भी छोड़ी कंपनी, BharatPe विवाद और गहराया
मई में भारतपे के को-फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर अश्नीर ग्रोवर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने यह इस्तीफा कई हफ्तों तक फंड की कथित वित्तीय अनियमितता को लेकर उनके और मैनेजमेंट के बीच चले विवाद के बाद दिया था. कंपनी ने उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर को भी निकाल दिया था.
शार्क अश्नीर ग्रोवर के बाद भारतपे के फाउंडर भाविक कोलडिया ने यूनिकॉर्न फिनटेक कंपनी से इस्तीफा दे दिया है. भारतपे के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी में कोलडिया का कान्ट्रैक्ट पीरियड 31 जुलाई, 2022 को समाप्त हो गया. उन्होंने अब भारतपे के बाहर किसी अन्य असाइनमेंट अपना समय बिताने की इच्छा जाहिर की है.
भारतपे ने कहा कि कोलडिया एक स्वतंत्र कंसल्टेंट के रूप में जुड़े थे और वह कंपनी की प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजी टीमों की गाइडिंग करते थे. कंपनी ने कहा कि भारतपे को देश की सबसे बड़ी फिनटेक कंपनी बनाने में भाविक की बड़ी भूमिका थी और वह हमारी इस यात्रा का अहम आतंरिक हिस्सा थे. हम उन्हें शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद करते हैं कि वह भविष्य में भी हमें गाइड करते रहेंगे.
बता दें कि, कोलडिया ने साल 2018 में शाश्वत नकरानी के साथ भारतपे की स्थापना की थी. दोनों के पास कंपनी की 50 फीसदी हिस्सेदारी थी. उस समय नकरानी आईआईटी दिल्ली में पढ़ाई करते थे.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो भारतपे के साथ कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) के साथ मतभेदों के कारण कोलडिया ने कंपनी छोड़ने का फैसला किया है. कोलडिया, ग्रोवर के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में केस करना चाहते थे लेकिन कंपनी ने ऐसा करने से उन्हें रोक दिया.
एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि कोलडिया के कॉन्ट्रैक्ट को रिन्यू नहीं किया गया और साल 2015 में अमेरिका में क्रेडिट कार्ड फ्रॉड का दोषी पाए जाने के कारण उन्हें भारतपे से हटाया गया है. हालांकि, कोलडिया के पास अभी भी 5.75 फीसदी हिस्सेदारी है.
विवाद के बाद ग्रोवर को देना पड़ा था इस्तीफा
मई में भारतपे के को-फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर अश्नीर ग्रोवर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने यह इस्तीफा कई हफ्तों तक फंड की कथित वित्तीय अनियमितता को लेकर उनके और मैनेजमेंट के बीच चले विवाद के बाद दिया था. कंपनी ने उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर को भी निकाल दिया था.
दरअसल जनवरी की शुरुआत में आए एक ऑडियो क्लिप में ग्रोवर कथित तौर पर कोटक महिंद्रा बैंक के एक कर्मचारी को फोन पर धमकाते हुए सुनाई दिए थे. वह नायका के आईपीओ के दौरान शेयर आवंटन में बैंक की तरफ से गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए सुनाई दिए थे.
बाद में ग्रोवर ने कथित तौर पर यह कहा कि छुट्टी पर जाने के लिए कंपनी के निवेशकों ने उन पर दबाव बनाया और उनका सीईओ समीर सुहैल पर से भरोसा उठ गया है.
साल 2018 में ही ग्रोवर तीसरे फाउंडर के रूप में कंपनी से जुड़े थे. उससे पहले ग्रोवर पीसी ज्वेलर से जुड़े थे. वह ऑनलाइन ग्रॉसरी फर्म ग्रोफर्स के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) भी थे और अमेरिकन एक्सप्रेस के शीर्ष अधिकारी के रूप में भी काम कर चुके थे.
अगस्त, 2021 में कंपनी द्वारा जुटाई गई आखिरी फंडिंग के अनुसार, भारतपे का कुल कारोबार 2.8 अरब डॉलर था. ग्रोवर के पास कंपनी के 9.5 फीसदी शेयर थे जिसकी कुल कीमत 1915 करोड़ रुपये थी.
FY23 की पहली तिमाही में बांटे 3600 करोड़ रुपये से अधिक के लोन
FY23 की पहली तिमाही में कंपनी ने अब तक की सबसे अधिक वृद्धि हासिल की है. वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में 3600 करोड़ रुपये से अधिक के लोन बांटकर, कंपनी ने वित्त वर्ष 2022 की चौथी
तिमाही की वृद्धि को दोगुना कर दिया. पिछली तिमाही की तुलना में 112 फीसदी की आश्चर्यजनक वृद्धि दर्ज की.
भारतपे ने वार्षिक टीपीवी में 18.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का सर्वकालिक उच्च स्तर हासिल किया, जोकि वित्त वर्ष 22 की चौथी तिमाही से 50% से अधिक की वृद्धि है.
कंपनी ने वित्त वर्ष 2022 की अंतिम तिमाही में 66,000 व्यापारियों की तुलना में वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में 1.2 लाख से अधिक व्यापारियों को लोन बांटे.