Tata Communications को 70 करोड़ रुपये चुकाएगा Reliance Jio, सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश
August 02, 2022, Updated on : Tue Aug 02 2022 12:34:33 GMT+0000

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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को रिलायंस जियो इंफोकॉम
को दो सप्ताह के अंदर टाटा कम्यूनिकेशंस को 70 करोड़ रुपये चुकाने का आदेश दिया है. रिलायंस जियो को यह राशि टाटा कम्यूनिकेशंस की केबल लैंडिंग स्टेशंस (CLS) की सुविधा का इस्तेमाल करने के लिए चुकाने होंगे.सीजेआई एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह आदेश देते हुए टाटा कम्यूनिकेशंस से कहा है कि वह रिलायंस जियो की केबल लैंडिंग स्टेशंस में व्यवधान पैदा न करे.
बता दें कि, टाटा कम्यूनिकेशंस ने 1 जनवरी, 2013 और 27 नवंबर, 2018 के बीच CLS के तहत एक्सेस फैसिलिएशन चार्ज (AFC) और को-लोकेशन चार्ज (CLC) की सुविधाओं के इस्तेमाल के लिए 147 करोड़ रुपये की मांग की थी.
हालांकि, रिलायंस जियो ने इसी अवधिक के दौरान टाटा कम्यूनिकेशंस को अतिरिक्त राशि देने के बदले में ब्याज के साथ 103.57 करोड़ रुपये की मांग रखी थी.
यह विवाद रिलायंस जियो द्वारा 1 जनवरी, 2013 से नवंबर, 2018 के बीच टाटा कम्यूनिकेशंस और भारती एयरटेल का CLS इस्तेमाल करने को लेकर है.
CLS चार्जेज में AFC, ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस चार्जेज और CLC चार्जेज शामिल हैं जिन्हें टेलीकॉम कंपनिया अपने यूजर्स को दूसरे टेलीकॉम कंपनियों के यूजर्स से कनेक्ट करने के लिए इस्तेमाल करती हैं.
अप्रैल 2020 में टेलीकॉम डिस्प्यूट्स सेटलमेंट एंड अपीलेट ट्रिब्यनल (TDSAT) ने रिलायंस जियो की याचिका को खारिज कर दिया था. रिलायंस जियो ने आरोप लगाया था कि 2007 के विनियमों के तहत ट्राई द्वारा तय की गई दरों से काफी अधिक CLS-RIO दरों पर शुल्क लिया गया था. उसने कहा था कि वह चाहता है कि शुल्क की गणना 2018 ट्राई के नियमों के अनुसार की जाए.
टाटा कम्युनिकेशंस से 147 करोड़ वापस मांगने के साथ ही रिलायंस जियो ने भारती एयरटेल से 122.71 करोड़ का भुगतान करने के लिए कहा है.
इसने आरोप लगाया कि एयरटेल ने 14 नवंबर, 2019 के मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के बाद अपने भुगतान को सुरक्षित करने के लिए अपनी 122.71 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी को गलत तरीके से भुनाया था और यह मुद्दा शीर्ष अदालत के समक्ष चुनौती के अधीन है.
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