हौसले की मिसाल: एक बुरे हादसे के बाद कई छोटी-मोटी नौकरियां कर इस महिला उद्यमी ने कैसे खड़ी कर दीं दो डिजाइन कंपनियां
पूजा गुप्ता, Amiraah की संस्थापक हैं। यह कानपुर स्थित एक मल्टी डिजाइनर स्टोर है, जहां आपको देश के कुछ सबसे बड़े डिजाइनरों की रचनाएं मिलेंगी। वह I-Design Studio की भी संस्थापक हैं और FICCI FLO के कानपुर चैप्टर की उपाध्यक्ष भी हैं।
1999 में कानपुर यूनिवर्सिटी से एमकॉम की पढ़ाई पूरी करने के तुरंत बाद पूजा गुप्ता छुट्टियों में अपने कानपुर में स्थित घर आई थीं। दुर्भाग्यवश, तब उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि एक बुरी त्रासदी उनका इंतजार कर रही है, जो उनकी जिंदगी को हमेशा के लिए बदल देगी। उनके पिता को अचानक हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई।
पूजा YourStory को बताती हैं, "सिर्फ यह कहना कि इससे मेरी दुनिया पूरी तरह से बदल गई है, मेरी उस समय की समस्या को थोड़ा कमतर आंकना है। मेरे सामने न सिर्फ पूरे परिवार का खर्चा चलाने की अचानक जिम्मेदारी आई गई, बल्कि इसके साथ मैं परिवार को भावनात्मक रूप से एकजुट रखने की भी कोशिश कर रही थी। मैंने स्कूलों में छोटी-मोटी नौकरियां कीं, ड्राफ्टिंग का काम किया, साथ ही यहां-वहां ट्यूशन भी पढ़ाया, जबकि मेरे अंदर पूरे समय एक इंटीरियर डिजाइनर बनने की इच्छा थी।
तब मेरे पास इंटर्नशिप करने और दूसरों की तरह अनुभव हासिल करने की विलासिता नहीं थी। हालांकि जीवन अपने आप में एक महान शिक्षक है और मैंने इससे जो सबक सीखे हैं, उसने न केवल मेरे व्यक्तित्व को बल्कि मेरे चीजों को देखने के नजरिए को भी आकार दिया है।”
उन्होंने कानपुर के एक स्कूल में एक अंग्रेजी टीचर के रूप में काम किया और उसी के साथ करीब तीन साल तक शहर के एक प्रमुख वास्तुकार के साथ प्रशिक्षु के तौर पर भी काम किा। इसी दौरान उन्होंने सन 2000 में आई-डिज़ाइन स्टूडियो को लॉन्च कर अपना खुद का अभ्यास शुरू किया और फिर 2016 में अमीराह को लॉन्च किया।
अमीराह, कानपुर में स्थित एक मल्टी-डिजाइनर स्टोर है, जिसमें तरुण तहिलियानी, एएम:पीएम, आम्रपाली, नम्रता जोशीपुरा, अनुश्री रेड्डी, कविता भारतीय, जॉय मित्रा सहित देश के कुछ सबसे बड़े डिजाइनरों की रचनाएं हैं।
वहीं आई-डिज़ाइन स्टूडियो, एक इंटीरियर डिजाइन फर्म है। इसे फर्म को कुछ सुंदर घरों के निर्माण का श्रेय भी दिया जाता है और इनमें से कुछ को कई पब्लिकेशन में शीर्ष 25 सूची में जगह दी गई है। पूजा फिलहाल सिंगल मदर होने के साथ-साथ फिक्की एफएलओ-कानपुर चैप्टर की वाइस चेयरपर्सन हैं।
अलग-अलग नौकरियां करना
पूजा को अलग-अलग नौकरियों में काम करने के शुरुआती अनुभव से मदद मिली। अपने करियर की शुरुआत में, पूजा को लखनऊ, गोरखपुर, बरेली और बांदा जैसे शहर के आसपास के क्षेत्रों में काम करने के कई अवसर मिले।
पूजा कहती हैं, “छोटे शहर के किसी भी व्यक्ति से आप यह जान सकते हैं कि वहां लोगों का जीवन और व्यवसाय सभी आपस में जुड़े हुए हैं। इसलिए, यदि कोई ग्राहक आपको नोटिस करता है, तो वे आपके संपर्क को अपने सर्कल के साथ साझा करेंगे और इस तरह आप नए ग्राहकों को हासिल कर सकते हैं। इसे आप विशुद्ध रूप से वर्ड-ऑफ-माउथ पब्लिसिटी कह सकते हैं।”
कला से प्यार
पूजा फैशन इंडस्ट्री में विभिन्न परियोजनाओं पर काम करके और नाना प्रकार के पुराने और उभरते ट्रेंड्स की समझ हासिल कर खुद को अपडेट रखती हैं। वह क्रिएटिविटी को लेकर अपनी जागरूकता का श्रेय अपने बचपन को देती हैं, जो उत्तर भारत के कई शहरों में बड़े होकर बीता।
पूजा कहती हैं, "इसने मुझे भारत के विविध शहरों और संस्कृतियों की परंपराओं, स्थलों और ध्वनियों से अवगत कराया। इसमें रंगीन बाजार, शांतिपूर्ण धार्मिक स्थल, मनमोहक कला और शिल्प रूप, सुंदर कढ़ाई और वस्त्र व जटिल वास्तुकला आदि शामिल हैं।"
पूजा बताती हैं कि उनके सभी उत्पाद डिजाइन के विवरणों के आधार पर तैयार और क्यूरेट किए जाते हैं, जो ग्राहक की मांगों के अनुरूप होता है। इसके बाद टीम क्लाइंट की मांग या उनके विजन को पूरा करने के लिए कच्चे माल को खरीदती है
पूजा कहती हैं।, "डिजाइन के विवरण, पैटर्न और मेटल वर्क जैसी सरल चीजों पर भी ध्यान दिया जाता है। चाहे वह फर्नीचर का टुकड़ा हो, कलाकृति हो या छत का परिवर्तन, डिजाइन के लिए रिसर्च बेहद अहम है।”
पूर्वाग्रहों पर काम करना
हालांकि, पूजा का सफर आसान नहीं रहा है। पूजा कहती हैं समाज अकेली महिलाओं को यह महसूस कराता है कि वह केवल पुरुष या बच्चों के साथ ही मान्य हैं।
पूजा कहती हैं, "तो हां, ऐसे पूर्वाग्रह समाज में मौजूद हैं और कभी-कभी वे आप पर हावी हो जाते हैं और इसे दूर करना मुश्किल होता है। मेरे लिए अपने परिवार के समर्थन के बिना अपने पेशेवर जीवन को आगे बढ़ाना मुश्किल था। इतना उथल-पुथल भरा समय होने के बावजूद, मेरा हमेशा से लक्ष्य एक सफल इंटीरियर डिजाइनर बनने लक्ष्य था। इसलिए उदासी भरे दिनों में, मेरा जुनून एक इंद्रधनुष की तरह बन गया, जिसने आत्म-संदेह के तूफानी आसमान को काटकर अपनी छटा बिखेरी।”
हालांकि कोविड-19 ने उनकी कुछ योजनाओं को पीछे धकेल दिया। हालांकि इससे पूजा रुकने वाली नहीं हैं। वह कहती हैं कि उनका लक्ष्य निकट भविष्य में हाउस ऑफ अमीराह के रिटेल स्टोरों का विस्तार करना है। साथ ही वह इंटीरियर के रूप में विस्तार पर भी ध्यान केंद्रित कर रही हैं।
पूजा कहती हैं, “इसके अलावा, मैं ऑनलाइन को एक दिलचस्प माध्यम के रूप में देखती हूं जो मुझे स्थानीय के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर ग्राहकों की बड़ी आबादी तक पहुंचने में मदद करेगा। उदाहरण के लिए, कनाडा में बैठे व्यक्ति की ऐसे डिजाइनरों तक पहुंच होनी चाहिए, जो ना सिर्फ जाना-माना नाम हों, बल्कि आगामी और विशिष्ट भी हैं।”
वह आगे कहती हैं कि आई-डिज़ाइन के साथ, वह एक रिस्टोरेशन प्रोजेक्ट पर भी काम करना चाहती हैं।
दूसरी महिला उद्यमियों को सलाह देते हुए पूजा कहती हैं, “अपनी कला के प्रति सकारात्मक और जुनूनी बनें। जब आप एक बार सफल होने के लिए ठान लेते हैं, तो फिर कोई भी रुकावट आपको रोक नहीं सकती है। आप हमेशा सफलता का मार्ग प्रशस्त करेंगी। सफलता का एकमात्र गुप्त राज यही है, आप इसके लिए कोशिश करिए, इसके अलावा और कुछ ना सोचिए, बिना जोखिम लिए आप कभी सफल नहीं हो सकते हैं।