16,000 किलोमीटर की दूरी तय कर एयर इंडिया की महिला पायलटों ने रचा इतिहास, नॉर्थ पोल क्रॉस कर बेंगलुरु पहुंची फ्लाइट
सैन फ्रांसिस्को टू बेंगलुरु: एअर इंडिया की महिला पायलटों की एक टीम ने दुनिया के सबसे लंबे हवाई मार्ग पर उड़ान भरने का कीर्तिमान रचा
"समाचार एजेंसी एएनआई से मिली जानकारी के अनुसार एयर इंडिया की चार महिला पायलटों की एक टीम ने दुनिया के सबसे लंबे हवाई मार्ग नॉर्थ पोल पर उड़ान भर एक नया इतिहास रच दिया है। रविवार को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को से उड़ान भरने के बाद महिला पायलटों की यह टीम नॉर्थ पोल से होते हुए बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंची। इस सफर के दौरान करीब 16,000 किलोमीटर की दूरी तय की गई।"
एक ऑल वुमन कॉकपिट क्रू के साथ सैन फ्रांसिस्को से बेंगलुरु जाने वाली एयर इंडिया की सबसे लंबी उड़ान आज (सोमवार को) सफलतापूर्वक साउथर्न सिटी में उतरी। राष्ट्रीय वाहक ने शनिवार को कहा था कि यह उड़ान किसी भी भारतीय एयरलाइन द्वारा संचालित की जाने वाली दुनिया की सबसे लंबी कमर्शियल उड़ान होगी और उस दिन इस गति के आधार पर इस मार्ग पर कुल उड़ान का समय 17 घंटे से अधिक होगा।
गौरतलब है कि दुनिया के विपरीत छोर पर दोनों शहरों (सैन फ्रांसिस्को-बेंगलुरु) के बीच की सीधी दूरी 13,993 किमी है, जिसमें समय क्षेत्र लगभग 13.5 घंटे का है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि कैप्टन जोया अग्रवाल, कैप्टन पपागरी थनमई, कैप्टन आकांशा सोनवरे और कैप्टन शिवानी को सैन फ्रांसिस्को से बेंगलुरु में लैंड करने के लिए उत्तरी ध्रुव पर उड़ान भरने के लिए हार्दिक बधाई।
फ्लाइट AI176 शनिवार को यूएसए के सैन फ्रांसिस्को से रात करीब 8.30 बजे (स्थानीय समयानुसार) रवाना हुई और सोमवार को लगभग 3.45 बजे (स्थानीय समयानुसार) सुबह केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरी।फ्लाइट को बोइंग 777-200LR विमान के साथ 238 सीटों की बैठने की क्षमता के साथ संचालित किया गया था, जिसमें आठ फर्स्ट क्लास, 35 बिजनेस क्लास, 195 इकोनॉमी क्लास कॉन्फ़िगरेशन के अलावा चार कॉकपिट और 12 केबिन क्रू शामिल थे।
विमान नॉर्थ पोल के ऊपर से गुजरकर भारत पहुंचा। यह फ्लाइट नॉर्थ पोल के ऊपर से होते हुए और अटलांटिक मार्ग से बेंगलुरु एयरपोर्ट पहुंची। गौरतलब है, कि कैप्टन ज़ोया अग्रवाल ने इस ऐतिहासिक उड़ान का नेतृत्व किया, साथ ही को-पायलट के तौर पर जोया के साथ कैप्टन पापागरी तनमई, कैप्टन शिवानी और कैप्टन आकांक्षा सोनवरे शामिल थीं। इस विमान को पूरी तरह से महिला पायलट ही चला रही थीं और विमान को लीड कैप्टन जोया अग्रवाल कर रही थीं।
उड़ान भरने से पहले कैप्टन जोया ने बताया था,
'ध्रुवीय उड़ान पहले भी भरी गई है, लेकिन यह पहली बार है जब हमारे पास चालक दल में सभी महिलाएं हैं। 'भारत की बेटियां' अमेरिका की सिलिकॉन वैली से भारत की सिलिकॉन वैली तक उड़ान भरेंगी।'
कैप्टन जोया अग्रवाल ने कहा,
"आज, हमने न केवल उत्तरी ध्रुव पर उड़ान भरकर, बल्कि सभी महिला पायलटों को भी सफलता दिलाकर विश्व इतिहास रचा है। हमने इसका हिस्सा बनकर बेहद खुश और गर्व महसूस किया है। इस मार्ग से 10 टन ईंधन की बचत हुई है।"
एअर इंडिया ने ट्वीट किया,
'वेलकम होम, हमें आप सभी (महिला पायलटों) पर गर्व है। हम AI176 के पैसेंजर्स को भी बधाई देते हैं, जो इस एतेहासिक सफर का हिस्सा बने।'
सैन फ्रांसिस्को से विमान के उड़ान भरने के बाद हरदीप पुरी ने अपने ट्वीट में लिखा,
'कॉकपिट में पेशेवर, टैलेंटेड और कॉन्फिडेंट महिला पायलटों ने एयर इंडिया के विमान से सैन फ्रांसिस्को से बेंगलुरु के लिए उड़ान भरी है। वे नॉर्थ पोल से गुजरेंगी। हमारी नारी शक्ति ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।'
सिविल एविएशन मिनिस्टर हरदीप पुरी ने अपने ट्वीट में लिखा,
"सैन फ्रांसिस्को से बेंगलुरु तक का ये ऐतिहासिक सफर महिला पायलटों की वजह से वंदे भारत मिशन को और भी खास बनाता है। मिशन ने अब तक 46.5 लाख से अधिक लोगों की अंतर्राष्ट्रीय यात्रा की सुविधा प्रदान की है। फिलहाल, विमान नॉर्थ पोल क्रॉस करके के बाद भारतीय वायु क्षेत्र में प्रवेश कर चुका है।"
एयर इंडिया की सैन फ्रांसिस्को-बेंगलुरु की उद्घाटन फ्लाइट का संचालन करने वाली टीम में से एक पायलट शिवानी ने कहा, यह एक रोमांचक अनुभव था, क्योंकि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। यहां पहुंचने में लगभग 17 घंटे लग गए।
बता दें कि जब यह विमान सैन फ्रांसिस्को से चला था, उसके बाद से ही इसकी हर लोकेशन की जानकारी खुद एयर इंडिया अपने ट्विटर हैंडल से समय-समय पर दे रहा था।