भारत से स्मार्टफोन निर्यात के मामले में सैमसंग को टक्कर दे रहा एपल, अगले FY निकल जाएगा आगे!
सैमसंग स्मार्टफोन का निर्यात अप्रैल-अक्टूबर के बीच वैल्यू के लिहाज से लगभग 2.8 अरब डॉलर के आसपास था, जबकि एपल के स्मार्टफोन्स का एक्सपोर्ट इसी अवधि में 2.2 अरब डॉलर के पास है.
एपल और सैमसंग दोनों ही भारत में अपने फोन की मैन्युफैक्चरिंग कर बाहरी देशों में उसकी सप्लाई करते हैं. अभी तक इस मामले में सैमसंग आगे रहा है मगर एपल भी बड़ी तेजी से उसे टक्कर देने उसकी बराबरी पर पहुंच रहा है.
सैमसंग स्मार्टफोन का निर्यात अप्रैल-अक्टूबर के बीच वैल्यू के लिहाज से लगभग 2.8 अरब डॉलर के आसपास था, जबकि एपल इसी अवधि में 2.2 अरब डॉलर के पास है.
एपल का यह आंकड़ा इसलिए गौर करने लायक है क्योंकि एक साल पहले तक भारत से निर्यात के मामले में एपल की बेहद मामूली हिस्सेदारी थी.
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि एपल चालू वित्त वर्ष के आखिर तक एपल सैमसंग की बराबरी कर लेगा और अगले वित्त वर्ष के आखिर तक वह साउथ कोरियाई कंपनी को पीछे भी छोड़ देगी.
अप्रैल से अक्टूबर के बीच 2022 कुल 5 अरब डॉलर के फोन का निर्यात हुआ, यह पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 127 पर्सेंट ज्यादा है.
दोनों ही कंपनियों ने भारत में सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड स्कीम (PLI) के तहत स्मार्टफोन्स बनाना शुरू किया है. एपल फोन भारत में तीन मैन्युफैक्चरर्स- फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और विस्ट्रॉन बनाते हैं.
अप्रैल-अक्टूबर 2021 के बीच भारत से कुल मोबाइल फोन का एक्सपोर्ट 2.2 अरब डॉलर रहा था. इसमें 90 फीसदी सैमसंग के फोन थे जिनकी वैल्यू 1.98 अरब डॉलर थी.
एपल के फोन का शेयर महज 10 फीसदी था जिसकी वैल्यू 220 मिलियन के करीब थी. एपल ने प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट अगस्त 2021 में ही शुरू किया था जबकि सैमसंग ने अगस्त 2020 से प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट चालू कर दिया था.
सैमसंग PLI के तहत वित्त वर्ष 2021 के लिए क्वालिफाईड हो गई थी लेकिन एपल कोविड की वजह से बिगड़े सप्लाई चेन की वजह से क्वालिफाई नहीं कर पाई थी.
सैमसंग पहले से ही भारत में प्रॉडक्शन कर रही थी इसलिए उस पर सप्लाई चेन में रुकावट का कोई असर नहीं पड़ा. कोविड की वजह से कंपनियों को जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई के लिए सरकार ने बाद में एक अतिरिक्त साल का समय दिया.
मालूम हो कि कंपनियां PLI स्कीम के अंतर्गत तय छः साल की अवधि में से इंक्रीमेंटल प्रोडक्शन और सेल्स टारगेट हासिल करने के लिए 5 साल की अवधि भी चुन सकती हैं. सैमसंग ने इस टारगेट के लिए जहां 2025 को चुना था वहीं एपल ने 2026 को अपना टारगेट तय किया था.
इन दो कंपनियों की तरफ से एक्सपोर्ट को मिले बढ़ावे का असर इलेक्ट्रॉनिक्स के निर्यात पर भी नजर आया. अप्रैल से अक्टूबर के बीच देश से इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्यात दूसरा सबसे अधिक एक्सपोर्ट था.
वैल्यू के लिहाज से यह 12.14 अरब डॉलर के पास रहा जो एक साल पहले की अवधि से 55 फीसदी अधिक 7.87 अरब डॉलर था. अप्रैल-अक्टूबर 2021 के दौरान कुल इलेक्ट्रॉनिक्स के एक्सपोर्ट में मोबाइल फोन्स की हिस्सेदारी 30 फीसदी रही थी जो सालाना आधार पर 41 फीसदी अधिक है.
Edited by Upasana