असम ने की ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड की स्थापना, ऐसा करने वाला 7वां राज्य बना असम
इस ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड के पास समन जारी करने की शक्ति के साथ अर्ध-न्यायिक शक्तियां भी होंगी।
असम सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड की स्थापना की है, जिसमें राज्य के ट्रांसजेंडर समुदाय के 6 सदस्य शामिल हैं। ऑल असम ट्रांसजेंडर एसोशिएशन की मानें तो असम इस तरह के बोर्ड का गठन करने वाला सातवाँ राज्य बन गया है।
इसके पहले असम ने इसी साल फरवरी में राज्य के ट्रांसजेंडर समुदाय के उत्थान के लिए एक ड्राफ्ट पॉलिसी को स्वीकृति दी थी। राज्य सरकार द्वारा 17 जून को जारी किए गए नोटिस के बाद इसकी पुष्टि हुई है।
यह नया बोर्ड अब रोज़गार के क्षेत्र में भेदभाव को समाप्त करने की कोशिश करेगा। इसी के साथ ट्रांसजेंडर समुदाय के साथ लगभग रोजाना होने वाले यौन उत्पीड़न और अन्य मुद्दे, जो समुदाय को कमजोर बनाते हैं, बोर्ड उनपर भी काम करेगा।
इस कल्याण बोर्ड के पास समन जारी करने की शक्ति के साथ अर्ध-न्यायिक शक्तियां भी होंगी। ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड के साथम अब राज्य शैक्षिक संस्थानों, चिकित्सा सुविधाओं, सशक्तीकरण और भेदभाव से लड़ने के लिए आरक्षण प्रदान करके समुदाय के उत्थान के लिए प्रयास करेगा।
इस संदर्भ में एक ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता स्वाति बिधान बरुआ को बोर्ड के एसोसिएट वाइस चेयरपर्सन के रूप में नामित किया गया है।
द वायर से बात करते हुए बरुआ ने कहा कि उनके और उनके साथी ट्रांसजेंडर कार्यकर्ताओं द्वारा लड़ी गई गई सालों की लड़ाई और जमीनी स्तर पर सक्रियता के बाद ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की स्थापना सही दिशा में बढ़ा हुआ एक कदम है।