19 साल के इस इंजीनियर ने बनाया भारत का पहला इंटरेक्टिव डिजिटल मैप पोर्टल, पारिवारिक व्यवसाय को पहुंचाया 200 करोड़ के पार
90 के दशक की शुरुआत में, एक युवा रोहन वर्मा ने अपने माता-पिता के कंप्यूटर और उनके द्वारा तैयार किए गए गए डिजिटल मैप्स के बारे में जाना। रोहन के माता-पिता राकेश वर्मा और रश्मि वर्मा डिजिटल मैप डेटाबेस बिजनेस सीई इन्फोसिस्टम्स (CE Infosystems) के संस्थापक थे, जिन्होंने कंपनी शुरू करने के लिए अपनी अमेरिकी नौकरियां छोड़ दीं और नई दिल्ली आकर बस गए।
जब 1995 में सीई इन्फोसिस्टम्स शुरू किया गया था, तब भारत में अमेरिका की तरह मैप-रीडिंग कल्चर नहीं था। लेकिन राकेश और रश्मि का मानना था कि भारत में डिजिटल मैप्स बाजार में तेजी आएगा और सभी डेटा का 80 प्रतिशत लोकेशन कम्पोनेंट होगा। रोहन के माता-पिता ने कंपनी की शुरुआत 50 लाख रुपये से की थी, जिसे उन्होंने जनरल मोटर्स और आईबीएम में यूएस की नौकरी करते हुए बचाया था।
रोहन कहते हैं,
“मेरे पिता और माँ ने देखा कि मैप्स अमेरिका में बिजनेस और सरकारी संगठनों के लिए काफी फायदेमंद थे। न केवल अमेरिका में लोग डिजिटल मैप्स का उपयोग करते थे, बल्कि रोड ट्रिप्स करने के लिए प्रिंट मैप्स का भी उपयोग करते थे। इसलिए, वे इस तरह की तकनीकी प्रगति को भारत में लाना चाहते थे।”
रोहन एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं जो 2004 में अपने माता-पिता के व्यवसाय में शामिल हो गए और सीईओ और कार्यकारी निदेशक के रूप में काम किया।
कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर में, सीई इंफोसिस्टम्स को MapmyIndia के नाम से जाना जाने लगा। ये इंटरेक्टिव मैप्स पोर्टल राकेश ने विकसित किया था, जो डिजिटल मैप डेटाबेस को उपभोक्ता बाजार तक पहुंच बनाने के लिए विकसित किया गया। उनके माता-पिता ने गैम्बल खेला और मैप्स को ऑनलाइन रखा जिसका उन्हें लाभ हुआ। इन वर्षों में, भारत में डिजिटल मैप्स के बाजार में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई क्योंकि देश ने कनेक्टिंग डिवाइसेस और इंटरनेट को अपनाने में एक बड़ा बदलाव देखा।
लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन प्रबंधन के लिए ई-कॉमर्स और हाइपरलोकल डिलीवरी में शामिल व्यवसायों ने डिजिटल मैप्स का उपयोग करना शुरू कर दिया और उन्होंने खुद अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेस में इसको बिल्ट किया।
MapmyIndia ने इस मौके को भुनाया और और कन्ज्यूमर ऐप, नेविगेशन डिवाइस, लाइसेंसिंग, मैप एपीआई, ट्रैकिंग, और एनालिटिक्स आदि के माध्यम से अपनी मैप्स ऑफरिंग को मोनिटाइज कर दिया। इसने ऑटोमोबाइल, ईकॉमर्स, बैंकिंग और बीमा, स्पेसटेक आदि जैसे उद्योगों में ग्राहकों को अपने सलूशन बेचे।
MapmyIndia के इनबिल्ट डिजिटल मैप सॉल्यूशंस का इस्तेमाल Tata Motors, Hyundai, Mahindra & Mahindra, BMW, Ford, Jaguar, TVS Motors जैसी दिग्गज ऑटो कंपनियां करती हैं। इसके मैप्स में फ्लिपकार्ट, अमेजॉन और ओला कैब्स की भी शामिल है।
Mordor Intelligence की रिपोर्ट के अनुसार 2019 से 2024 तक डिजिटल मैप्स की मांग लगातार बढ़ रही है और वैश्विक बाजार 15 प्रतिशत CAGR से बढ़ने की उम्मीद है। इसके अलावा, एशिया-प्रशांत बाजार सबसे तेजी से बढ़ रहा है। 2017 में, रोहन ने दावा किया कि MapmyIndia 200 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व हासिल कर रहा है और पांच साल में 1,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने का लक्ष्य रखता है। हालांकि उन्होंने कंपनी के वर्तमान कारोबार का खुलासा नहीं किया, लेकिन उनका कहना है कि यह लाभदायक और ग्रो कर रही है।
वे कहते हैं,
“हम एक डीप टेक कंपनी हैं और हमारे यहां लगभग 1,000 कर्मचारी हैं। इसमें से 900 डेटा साइंटिस्ट और इंजीनियर हैं, और 100 सेल्स, मार्केटिंग और अन्य भूमिकाओं में हैं।”
डिजिटल मैप डाटा
डिजिटल मैप डेटा कोई भी वह जानकारी होती है जिसमें लोकेशन डेटा होता है।
रोहन बताते हैं,
“यह घरों, व्यवसायों या सड़कों के पते जैसा डेटा हो सकता है। डिजिटल मैप डेटा में देशांतर (longitude) और अक्षांश (latitude) के कॉर्डिनेट्स होते हैं। डेटा इमारतों, सड़कों और वस्तुओं के 3डी मॉडल के रियल वर्ल्ड ग्राफ से आता है।”
यह ग्राफ 360 डिग्री और एक निश्चित क्षेत्र के लाइव डिजिटल मॉडल पर आधारित है।
वे बताते हैं, “डेटा कलेक्शन, क्रिएशन, प्रोसेसिंग और पब्लिशिंग से लेकर एनालिटिक्स और एपीआई तक, ऐसे मॉडल बनाना जटिल है। लेकिन हम ऐसा करते हैं ताकि हाइपरलोकल डिलीवरी, शेयर्ड मोबिलिटी, रियल एस्टेट आदि के लिए सैकड़ों एप्लिकेशन डिजिटल मैप ट्विन के शीर्ष पर बनाए जा सकें। लगभग सभी ऐसे ऐप मैप्स का उपयोग या तो फ्रंट एंड में या बैकएंड पर जरूर करते हैं।”
रोहन के डिजिटल मैप डेटा की इंडस्ट्री एक्सपर्टीज का पता तब से लगाया जा सकता है जब वह सिर्फ 19 साल के थे। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग ग्रेजुएट ने अपने माता-पिता की कंपनी के लिए MapmyIndia पोर्टल का निर्माण किया।
वे कहते हैं,
"मेरे पिता ने मुझसे एक मैप पोर्टल बनाने में मदद करने के लिए कहा, और इस तकनीकी चुनौती ने मुझे उत्साहित किया क्योंकि यह अभी भी अल्पविकसित था और इसके बारे में किसी को ज्यादा जानकारी नहीं थी।"
सबसे पहले, कंपनी बड़ी कंपनियों को मैप डेटा की मदद से उनके ऑपरेशन को डिजिटल बनाने और कम्प्यूटरीकृत करने में सक्षम बना रही थी। रोहन के कारोबार में शामिल होने से पहले, उनके माता-पिता टाटा स्टील और कोका कोला जैसे क्लाइंट्स के साथ काम कर रहे थे, जो भारत में कवरेज गैप और नेटवर्क वितरकों को समझना चाहते थे। जब उन्होंने फुल-टाइम ज्वाइन किया, तो रोहन और MapmyIndia ने नेविगेशन डिवाइस, जीपीएस नेविगेशन और मैप्स, एपीआई, IoT डिवाइस, लोकेशन-बेस्ड एंटरप्राइजेज SaaS और बहुत कुछ बनाया।
अब तक, कंपनी ने अपनी टेक्नोलॉजी और एसेट्स के निर्माण में 1,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। 2006 और 2015 के बीच, इसने लाइटबॉक्स वेंचर्स, नेक्सस वेंचर पार्टनर्स, क्वालकॉम वेंचर्स और जेनिन से वेंचर कैपिटल फंडिंग जुटाई। 2015 में, फ्लिपकार्ट ने 1,600 करोड़ रुपये में कंपनी की अल्पमत हिस्सेदारी हासिल की।
मुश्किल का दौर
केवल कुछ कंपनियों ने डिजिटल मैप डेटा की क्षमता को समझा। MapmyIndia के लिए एक निरंतर चुनौती ऐप निर्माण में डिजिटल मैप के उपयोग के बारे में जागरूकता की कमी है।
वे कहते हैं,
"यह अभी भी कायम है, और लोग आमतौर पर महसूस नहीं करते हैं कि डिजिटल मैप्स का उपयोग करने वाले हजारों ऐप हैं और यह मैप्स एक डीप टेक्नोलॉजी हैं। मैप्स को अक्सर तुच्छ माना जाता है।"
भारत में किसी पते को मैप करना बेहद जटिल है, जैसा कि रोहन देश को एक फेडरल, फ्रगमेंट, हाइपरलोकल और डाइवर्स मानते हैं।
वे कहते हैं,
"हालांकि, हम लंबे समय से इसी में लगे थे और इस कॉम्प्लेक्सिटी की सराहना करते हैं, हम एक ऐसा मंच बनाने में सक्षम थे जो पावरफुल और फ्लेक्सिबल हो।"
इसके बाद जब Google मैप्स ने बाजार में प्रवेश किया, तो MapmyIndia ने पाया कि उसके GPS डिवाइस और कन्ज्यूमर ऑफरिंग प्रभावित हो रहे हैं। ऐप एंड्रॉइड फोन्स में Google मैप्स में पहले से ही लोड होकर आता है, ऐसे में कन्ज्यूमर अल्टरनेटिव ऑप्शन के लिए क्यों सोचेगा।
वे कहते हैं,
“हर कोई अलग-अलग जीपीएस डिवाइसेस खरीनदने के लिए के लिए पे नहीं कर सकता था, और Google मैप्स स्मार्टफोन में फ्री और प्रीलोडेड आते थे। इस उपभोक्ता बाजार में, यह हमारे लिए डेविड बनाम गोलियत जैसी स्थिति बन गई।”
इसके अलावा, MapmyIndia पोर्टल का SEO भी Google पर निर्भर था। रोहन का कहना है कि यह एक कठिन समय था, लेकिन कंपनी ने अपनी कन्ज्यूमर ऑफरिंग में निवेश करना जारी रखा और कहा कि यह बेहतर प्रोडक्ट है।
रोहन का कहना है कि डेवलपर्स के लिए MapmyIndia का फ्री प्लेटफॉर्म एक और ऐसी पेशकश है जो उन्हें सबसे अलग करती है।
वे कहते हैं,
“छोटे और बड़े दोनों डेवलपर्स हमारे एपीआई प्लेटफॉर्म को पसंद करते हैं। उन्हें पता चलता है कि हमारे मैप्स फ्री हैं और वे हमारे पास आते हैं। Google की कीमतें बढ़ गई हैं और वे महंगे हैं।”
निकट भविष्य में, उन्हें उम्मीद है कि MapmyIndia में निवेश जारी रहेगा और यह फ्री प्लेटफॉर्म डेवलपर्स को समर्थन जारी रखेगा। इसके अलावा कंपनी सक्रिय रूप से अधिक लोगों को काम पर रखने के जरिए अपनी तकनीकी प्रतिभा को बढ़ाना चाहती है।