पंद्रह अगस्त को पीएम जम्मू-कश्मीर पर कर सकते हैं एक और बड़ा ऐलान!
लोकसभा में भी अनुच्छेद 370 की विदाई के साथ ही जम्मू-कश्मीर और लेह लद्दाख में नई सुबह दस्तक वाली है। पीएम नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को दिल्ली के लाल किले की प्राचीर से वहां के लिए कॉरपोरेट इकोनॉमी की रिस्ट्रक्चरिंग के साथ ही, रेलवे, फूड पार्क, टूरिज्म आदि से जुड़े कई बड़े इंफ्रा प्रोजेक्ट्स का कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं!
राज्यसभा के बाद, लोकसभा में भी अनुच्छेद-370 को समाप्त करने के पक्ष में 370, विपक्ष में 70 मतों के साथ जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पारित हो चुका है। अब चर्चाएं तेज हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 15 अगस्त को दिल्ली के लाल किले की प्राचीर से जम्मू-कश्मीर में कॉरपोरेट इकोनॉमी की रिस्ट्रक्चरिंग के लिए रोड-हाईवे, रेलवे, फूड पार्क, टूरिज्म आदि से जुड़े कई बड़े इंफ्रा प्रोजेक्ट वाला एक और बड़ा ऐलान कर सकते हैं! उसके बाद केंद्र सरकार का अगला फोकस जम्मू-कश्मीर के विकास पर होगा।
बताया जा रहा है कि पीएमओ ने इस सम्बंध में सभी प्रमुख मंत्रालयों से डीटेल रिपोर्ट तलब कर ली है। सरकार पहले ही कह जम्मू-कश्मीर में इंडियन रेलवे के प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करने के निर्देश दे चुकी है। इसी क्रम में अब हर सप्ताह सोमवार सुबह ग्यारह बजे राज्य के चीफ सेक्रेटरी बीवीआर सुब्रह्मण्यम को रेलवे प्रोजेक्ट की प्रोग्रेस रिपोर्ट रेल मंत्रालय को देने का फरमान जारी किया गया है। गृहमंत्री अमित शाह राज्यसभा में संकेत कर ही चुके हैं कि केंद्र सरकार जल्द ही जम्मू-कश्मीर के लिए नए तरीके से विकास (फूड पार्क, रेलवे, हाइवे आदि) का खाका खींचने जा रही है। अनुच्छेद 370 ने विकास का रास्ता रोक रखा था। निवेशक समिट में भारत ही नहीं, दुनिया के कई बड़े कारोबारी हिस्सा लेंगे।
कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा जाता है। अनुच्छेद 370 और 35A के हटने का स्वागत करते हुए कॉरपोरेट जगत ने कहा है कि इससे वहां निवेश का रास्ता खुलेगा और भारतीय कंपनियां जम्मू-कश्मीर के आर्थिक विकास में अपना सहयोग देने के लिए तैयार हैं। इंडस्ट्री चैंबर एसोचैम के प्रेजिडेंट बी के गोयनका के मुताबिक, भारतीय कंपनियां अब मुस्तैदी के साथ जम्मू-कश्मीर में निवेश के लिए तैयार हैं। इस वक्त राज्य में इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को मजबूत बनाने की जरूरत है। इस बीच रियल एस्टेट कंपनियों के संगठन नेरेडको के नैशनल चेयरमैन डा. निरंजन हीरानंदानी ने कहा है कि अब वहां इस सेक्टर में भी निवेश की अपार संभावानाएं हैं। अब पूरे रणनीतिक तरीके से वहां रियल एस्टेट कंपनियां निवेश बढ़ाएंगी।
एशिया की सबसे बड़ी हेल्मेट कंपनी स्टीलबर्ड हाईटेक ने भी जम्मू-कश्मीर में विनिर्माण संयंत्र लगाने की पेशकश की है। स्टीलबर्ड हेल्मेट्स के चेयरमैन सुभाष कपूर ने कहा है कि अब कश्मीर घाटी में नई औद्योगिक क्रांति शुरू होने जा रही है, जिसमें बड़ी संख्या में वहां के लोगों को रोजगार मिलेगा। अभी तक इस राज्य में ज्यादातर विनिर्माण गतिविधियां कृषि और हस्तशिल्प तक सीमित रही हैं। अब उनकी कंपनी स्टीलबर्ड हाई-टेक इंडिया लिमिटेड अक्टूबर में वहां होने वाले निवेशक सम्मेलन के अनुरूप अपना हेलमेट मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की योजना बना रही है, जिसमें एक हजार लोगों को रोजगार मिल सकता है। इससे पहले ये कंपनी तीन हजार कर्मचारियों की मदद से एक दिन में 44,500 हेलमेट बनाने के लिए बद्दी (हिमाचल प्रदेश) में स्थापित अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में 150 करोड़ रूपए का निवेश कर चुकी है।
अनुच्छेद 370 की विदाई के बाद वक़्त करवट ले रहा है तो अब कश्मीर में वर्तमान निर्यात के मुकाबले 200 फीसदी उछाल की तो कालीन निर्यात में ही उछाल आने की संभावना जाग उठी है। कारपेट एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन सिद्धनाथ सिंह का कहना है कि अब तक पांच सौ करोड़ रुपए तक ठहरा हुआ कालीन निर्यात अगले दो साल में कम से कम 1500 करोड़ रुपए का हो जाएगा। विवादित अनुच्छेद के कारण अब तक कश्मीर में बाहरी लोग जमीन-जायदाद में निवेश नहीं कर सकते थे। उद्योगपति वहां अपनी विनिर्माण इकाइयां स्थापित नहीं पा रहे थे। इस तरह औद्योगिक घरानों और कॉरपोरेट जगत के सहयोग से जम्मू-कश्मीर की तरक्की का रोडमैप खोल रही मोदी सरकार अब राज्य में टूरिज्म की भी नई इबारत लिखने जा रही है।
स्थितियां अनुकूल न होने से अब तक वहां पर्यटन को अपेक्षित बढ़ावा नहीं मिल सका है। अब वहां बड़े-बड़े होटल खोलने के साथ ही ट्रांसपोर्ट सुविधाएं भी बेहतर बनाने का वक़्त आ गया है। इसी क्रम में केंद्र सरकार ने दो माह बाद दशहरा के आसपास अक्टूबर में जम्मू-कश्मीर में एक बड़ा निवेशक सम्मेलन आयोजित किया है, जिसमें देश-विदेश की कॉरपोरेट हस्तियों का जमावड़ा होने वाला है, जिसमें करोड़ों के प्रोजेक्ट घाटी के दरवाजे पर दस्तक दे सकते हैं। अब तक लेह लद्दाख का भी इकोनॉमिक ग्रोथ ठहरा रहा है। वहां भी कोई निवेशक इंडस्ट्री, होटल, निजी शिक्षण संस्थान, अस्पताल खोलने को तैयार नहीं था। अब वहां भी नई सुबह दस्तक दे चुकी है।