Vistara को महंगी पड़ गई पायलट की आधी-अधूरी ट्रेनिंग, अब भरने होंगे 10 लाख रुपये
यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि विस्तारा के इस प्लेन ने कहां से और कब उड़ान भरी थी. विस्तारा के एक प्रवक्ता का कहना है कि यह घटना अगस्त 2021 में हुई थी, लेकिन उन्होंने इसकी तारीख नहीं बताई.
विमानन क्षेत्र के नियामक DGCA ने एयरलाइन Vistara पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. कंपनी पर यह जुर्माना लगभग एक साल पहले इंदौर हवाईअड्डे पर समुचित रूप से प्रशिक्षित नहीं किए गए पायलट को भी विमान उतारने की अनुमति देने के लिए लगाया गया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई भाषा के मुताबिक, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि इस उड़ान के फर्स्ट ऑफिसर के रूप में तैनात पायलट ने सिम्युलेटर में जरूरी ट्रेनिंग लिए बिना विमान को इंदौर हवाई अड्डे पर उतारा था. एक अधिकारी का कहा कि यह एक गंभीर उल्लंघन था, जिससे विमान में सवार यात्रियों की जान को खतरा हो सकता था.’
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि विस्तारा के इस प्लेन ने कहां से और कब उड़ान भरी थी. विस्तारा के एक प्रवक्ता का कहना है कि यह घटना अगस्त 2021 में हुई थी, लेकिन उन्होंने इसकी तारीख नहीं बताई.
क्या कहते हैं कायदे-कानून
किसी फ्लाइट के फर्स्ट ऑफिसर के रूप में तैनात पायलट को पहले एक सिम्युलेटर में विमान उतारने के लिए ट्रेन्ड किया जाता है. उसके बाद ही वह यात्रियों के साथ विमान को उतारने के योग्य माना जाता है. इसके अलावा विमान के कैप्टन को भी सिम्युलेटर में ट्रेनिंग लेना जरूरी होता है. DGCA के नियमों के अनुसार, एक नए नियोक्ता को फर्स्ट ऑफिसर को विमान की निगरानी में लैंडिंग करने की अनुमति देने से पहले फिर से सिम्युलेटर प्रशिक्षण आयोजित करना होता है. अधिकारियों का कहना है कि कैप्टन के अलावा विस्तारा की इंदौर उड़ान के फर्स्ट ऑफिसर ने भी सिम्युलेटर में ट्रेनिंग नहीं ली थी. इसके बावजूद एयरलाइन ने फर्स्ट ऑफिसर को हवाईअड्डे पर विमान उतारने की अनुमति दी थी. डीजीसीए के अधिकारियों ने कहा कि जांच में समय लगने से इस पर कार्रवाई में देरी हुई. मामले में विस्तारा पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
कंपनी का क्या है कहना
विस्तारा की ओर से जारी किए गए बयान में प्रवक्ता के अनुसार, अगस्त 2021 में एक अनुभवी कैप्टन की निगरानी में इंदौर की उड़ान पर एक पर्यवेक्षित टेक ऑफ एवं लैंडिंग (एसओटीएल) की गई थी. पायलट पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित थे और उनके पिछले नियोक्ता ने वैध एसटीओएल प्रमाणपत्र जारी किए थे. विस्तारा ने अधिकारियों को खुद ही सूचित किया था कि नियामकीय जरूरतों के अनुरूप दोबारा प्रशिक्षण नहीं लिया गया, जिससे यह खेदजनक उल्लंघन हुआ. आगे कहा गया कि विस्तारा हमेशा यात्रियों और कर्मचारियों की सुरक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखती है.