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हिंदी फिल्मों की रेटिंग का गूगल “फैन मैंगो”

यहां मिलते हैं नई पुरानी फिल्मों के रिव्यूदर्शक निभाते हैं आलोचक की भूमिकाफिल्म समीक्षकों के लिए बड़ी खोज “फैन मैंगो”

हिंदी फिल्मों की रेटिंग का गूगल “फैन मैंगो”

Thursday June 11, 2015 , 4 min Read

भारत में दो चीजें बेहद लोकप्रिय हैं, पहला बॉलीवुड और दूसरा क्रिकेट। आज के दौर में बाजार में कई तरह के मोबाइल ऐप हैं जो तुरंत क्रिकेट मैच का स्कोर बताते हैं इनमें से कुछ ही ऐप ऐसे हैं जो नई बॉलीवुड फिल्मों के रिव्यू तुरंत उपलब्ध कराते हैं। FanMango एक ऐसा मोबाइल एप्लिकेशन है जो बॉलिवुड के शौकीन लोगों के लिए फिल्म समीक्षा का पर्याय बन गया है।

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आशुतोष के मुताबिक “भारत में पहली बार फिल्म की समीक्षा के लिए एक प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है जो बिना किसी पक्षपात, निष्पक्ष और फिल्म रेटिंग की समीक्षा करता है।” खास बात ये है कि बॉलीवुड एप्लिकेशन के माध्यम से ये सार्वजनिक समीक्षा करता है। यानी दर्शक ही आलोचक की भूमिका निभाते हैं।

ये ऐप एनरॉयड और आईओएस दोनों प्लेटफॉर्म पर मौजूद है। इस ऐप में रिलीज होने वाली नई फिल्मों की जानकारी, पिछले हफ्ते रिलीज हुई फिल्म, नई फिल्मों के ट्रेलर और दूसरी कई चीजों का समावेश है। ये ऐप बॉलिवुड के दो मुरीद आशुतोष वालानी और वरूण चोपड़ा के दिमाग की उपज है। दोनों लोग पुराने दिनों को याद ताजा करते हुए बताते हैं कि जब वो कॉलेज के दिनों में थे तो अपनी पढ़ाई छोड़ नई पिक्चर का पहला दिन पहला शो देखने के लिए चले जाते थे। ये ऐप उन लोगों के लिए है जो बॉलीवुड को लेकर काफी भावुक रहते हैं। साथ ही ये ऐसे दर्शकों के लिए भी है जो रिव्यू के बाद फिल्म देखने का फैसला करते हैं। FanMango का लक्ष्य है ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार करना जहां पर इसको इस्तेमाल करने वाले आम दर्शक फिल्म की रेटिंग भी कर सकें। फिर चाहे वो एनरोइड फोन इस्तेमाल करते हों या फिर आईओएस।

आज की भागदौड़ भरी दुनिया में लोगों के पास इतना वक्त नहीं है कि वो किसी भी चीज के लिए वक्त निकाल सकें। हम उस मुकाम पर हैं जहां अपने जीवन में काम का संतुलन बनाना मुश्किल हो रहा है। यही कारण है कि हम लगातार फिल्में देखने नहीं जा सकते। ऐसे में मुश्किल होता है कि हमें मनपसंद मनोरंजन मिल सके जिसे हम पसंद करते हैं। इन्ही हालात को देखते हुए आशुतोष का कहना है कि “हम अपने अमूल्य तीन घंटे सिनेमा हॉल में बैठकर यूं ही नहीं गुजार सकते वो भी उस फिल्म के लिए जो हमारी पसंद की ना हो ऐसे में समय बचाने और मनोरंजन के लिए जरूरत होती है निष्पक्ष रूप से की गई फिल्म की समीक्षा की।”

फिल्म समीक्षकों के लिए FanMango एक बड़ी खोज है ये अपने आप में अकेला ऐसा ऐप है जिसमें आम लोगों के विचारों को बड़े स्तर पर तरजीह दी जाती है। इसमें देश के कौने कौने से आये विचारों को शामिल किया जाता है। खास तौर से पारंपरिक दर्शकों के साथ अपरंपरागत दर्शकों के विचारों को इसमें साझा किया जाता है। आशुतोष के मुताबिक “इसे हिन्दी सिनेमा की रेटिंग का ‘गूगल’ भी कहा जा सकता है। जिसमें बिना भेदभाव के फिल्म प्रशंसकों के रिव्यू को शामिल किया जाता है।“

इस ऐप में पांच स्टार या मैंगो रेटिंग स्केल दिये जाते हैं। वरूण का कहना है कि “हम नियमित तौर पर अपने उपयोगकर्ताओं को साप्ताहिक पुरस्कार देते हैं साथ ही जो हमारे निष्ठावान सदस्य हैं उनको भी कई तरह के सरप्राइज देते हैं। जल्द ही इंटरैक्टिव मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से सोशल मीडिया को भी जोड़ने की कोशिश की जा रही है।“ उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही ये सोशल मीडिया में खुद को बढ़ावा देने के लिए अपने पांव पसारेगा। आय बढ़ाने के लिए फिलहाल काम किया जा रहा है, लेकिन वरुण और आशुतोष का प्राथमिक ध्यान उपयोगकर्ताओं के अनुभव पर है उनका मानना है कि आय का साधन उपयोगकर्ताओं की संतुष्टी से जुड़ा है। यही कारण है कि फैन मैंगो ने बॉलिवुड से जुड़े सभी संगठनों से अपने को अलग रखा हुआ है ताकि लोगों तक निष्पक्ष रिव्यू और रेटिंग की जानकारी पहुंचे।