गाजा तूफान से गांव वालों को बचाने के लिए इस IAS अफसर ने लिया रिस्क
तमिलनाडु के रामनंतपुरम में मत्स्य पालन विभाग में एडिशनल डायरेक्टर के पद पर तैनात जॉनी टॉम वर्गीज मछुआरों को गाजा तूफान से बचाने के लिए नागापट्टिनम पहुंच गए।
दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर मंडराने वाला प्रचंड तूफान ‘गाजा’ पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ गया है। पिछले छह घंटों के दौरान उसकी रफ्तार 22 किलोमीटर प्रति घंटा रही है।
बीते कुछ दिनों से गाजा तूफान ने तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और उसके आसपास के तटीय इलाकों में जमकर तबाही मचाई। इससे तटीय क्षेत्रों में रहने वालों का जीवन अस्तव्यस्त हो गया। 80-90 की रफ्तार से चल रही हवाओं ने पेड़ उखाड़ दिए और घर तक बर्बाद हो गए। तबाही के इस मंजर के बीच पुलिस और प्रशासन लोगों की मदद करने के लिए पूरी तरह से लगा हुआ है। यहां तक कि आईएएस अफसर भी सीधे जमीन पर उतर कर अपने काम से लोगों का दिल जीत रहे हैं।
ऐसे माहौल में लोगों को अगर त्वरित मदद न पहुंचाई जाए तो उनकी जिंदगी खतरे में भी पड़ सकती है। तमिलनाडु के रामनंतपुरम में मत्स्य पालन विभाग में एडिशनल डायरेक्टर के पद पर तैनात जॉनी टॉम वर्गीज मछुआरों को गाजा तूफान से बचाने के लिए नागापट्टिनम पहुंच गए। इन दिनों वे नागापट्टिनम में नोडल ऑफिसर के पद पर नियुक्त हैं। उन्होंने इस बीच कई गांवों का दौरा किया।
फेसबुक पर एक विडियो वायरल हो रहा है जिसमें जॉनी वर्गीज अपनी टीम के साथ नाव से उतर रहे हैं। ऐसे माहौल में जब लोगों की जिंदगियां खतरें में हों, खुद रिस्क लेकर तूफान प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच जाना वाकई काबिल ए तारीफ है। दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर मंडराने वाला प्रचंड तूफान ‘गाजा’ पश्चिम-दक्षिणपश्चिम दिशा में आगे बढ़ गया है। पिछले छह घंटों के दौरान उसकी रफ्तार 22 किलोमीटर प्रति घंटा रही है। इस दौरान तूफानी हवाएं 80-90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी और उनकी रफ्तार 100 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंचने की आशंका है। प्रचंड तूफान ‘गाजा’ को चेन्नई और कराइकल में ‘डोपलर वेदर रडार’ द्वारा ट्रेक किया जा रहा है।
इसके कारण झोपड़ियों, फूस के घरों और छतों को नुकसान पहुंच सकता है। बिजली और टेलीफोन लाइनों को भी क्षति हो सकती है। तेज हवा के कारण घर की छतें और छतों पर लगाई जाने वाली इस्पात की चादरें उड़ सकती हैं। कच्ची सड़कों को भारी और पक्की सड़कों को मामूली नुकसान हो सकता है। तेज हवा के कारण पेड़ों के शाखें टूट सकती हैं और सड़कों के किनारे लगे पेड़ उखड़ सकते हैं। धान, केले, पपीते के पेड़ों और बागों को नुकसान पहुंच सकता है।
प्रशासन की तरफ से चेतावनी दी गई है कि अगले 24 घंटों के दौरान तमिलनाडु एवं पुडुचेरी तथा पड़ोसी दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों पर मछली पकड़ने की गतिविधियां रोक दी जाएं। मछुआरों को सलाह दी गई है कि अगले 24 घंटों के दौरान वे दक्षिण-पश्चिम एवं पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में समुद्र में न जाएं। इसी तरह तट के निकट झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।
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