आंखों पर पट्टी बांध कर नेत्र दान का प्रण लिया
विश्व दृष्टि दिवस पर दिल्ली शहर की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने एक साथ मिलकर एक बेहद ही अलग तरह का कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें संस्थाओं के पदाधिकारियों ने जिला चिकित्सालय के पीछे बने नेत्र चिकित्सालय के प्रांगण में अपनी आंखों पर काली पट्टी बांधकर नेत्रहीन लोगों के प्रति अपने दु:ख को ज़ाहिर करते हुए, आंखों को दान करने का संकल्प लिया।
नेत्र दान के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए सैकड़ों लोगों ने आज विश्व दृष्टि दिवस के मौके पर अपनी आंखों पर पट्टी बांध कर नेत्रहीन लोगों के साथ एकजुटता प्रकट करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में मार्च किया।
वीर चक्र से सम्मानित कर्नल अनिल कौल की अगुवाई में लोगों ने दौड़ में हिस्सा लिया जिन्होंने अपनी आंखों को दान करने का प्रण लिया। कौल की दाहिनी आंख की रोशनी एक सैन्य अभियान में चली गई थी।
इस दौड़ का आयोजन बैंगलूरू स्थित गैर सरकारी पहल ‘प्रोजेक्ट विजिन’ ने किया था। इस दौड़ का आयोजन सरकार से ‘104 ’ को समूचे देश में नेत्रदान करने वालों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर बनाने की गुजारिश करने के लिए किया गया था।
इसने इस बाबत केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर को एक ज्ञापन भी दिया है। लोगों से नेत्र दान की अपील करते हुए गुर्जर ने कहा कि कभी भी ऐसी कोई मशीन नहीं बनाई गई है जो आंखों को बना सके। मंत्री ने वायदा किया कि वह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के समक्ष मामले को उठाएंगे और इस बाबत लोगों को कार्रवाई का आश्वासन दिया।
तमिलनाडु में पिछले साल नेत्र दान करने वालों के लिए 104 हेल्पलाइन नंबर की शुरू की गई थी और देश के अन्य हिस्सों में इसे अभी लागू किया जाना है।
धार्मिक रूख से उपर उठकर नेत्रदान पर जोर देने के लिए गिरजाघरों, मंदिरों और मस्जिदों के प्रतिनिधियों ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत की। पूर्व विधायक और सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने दौड़ में शिरकत करते हुए कहा ‘‘ आंखों पर पट्टी बांधने के बाद मैं कैसा महसूस कर रहा हूं यह शब्दों में बयान नहीं कर सकता हूं। ऐसा लग रहा है कि दुनिया खत्म हो गई हो।’’