Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

मदुरै के मीनाक्षी मंदिर ने सफाई के मामले में ताज महल और तिरुपति मंदिर को छोड़ा पीछे

मदुरै के मीनाक्षी मंदिर ने सफाई के मामले में ताज महल और तिरुपति मंदिर को छोड़ा पीछे

Wednesday October 04, 2017 , 3 min Read

मीनाक्षी मंदिर प्रशासन के मुताबिक मार्च 2018 तक मंदिर परिसर पूरी तरह प्लास्टिक मुक्त हो जाएगा। मंदिर की सफाई में 60 कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं और हर महीने 300 वॉलंटियर सफाई अभियान चलाते हैं।

मदुरै का मीनाक्षी मंदिर (फोटो साभार- मदुरै प्रशासन)

मदुरै का मीनाक्षी मंदिर (फोटो साभार- मदुरै प्रशासन)


मदुरै के मीनाक्षी मंदिर को बेस्ट इनोवेटिव ऐंड साइंटिफिक डिजाइन के अवार्ड से सम्मानित किया गया है। वहीं दूसरा अवॉर्ड अंबिकापुर के कस्तूरबा गांधी कन्या महाविद्यालय को मिला है।

मंदिर प्रशासन के संयुक्त आयुक्त एन नटराजन ने कहा कि मंदिर प्रशासन ने मंदिर को साफ करने के लिए कई सारे टूल का प्रयोग करता है। इसमें झाड़ से साफ करने की मशीन, वॉटर एयरगन, हाइड्रॉलिक सीढ़ी शामिल है।

तमिलनाडु के मदुरै में स्थित मीनाक्षी सुंदरेश्वरार मंदिर को भारत के प्रसिद्ध स्थलों में सबसे साफ जगह का खिताब मिला है। देशभर में कुल 10 जगहों में से इस जगह को स्वच्छता पुरस्कार के लिए चुना गया। मदुरै के जिला कलेक्टर के वीरा राघव और निगम आयुक्त एस अनीश शेखर ने सोमवार को पेयजल और स्वच्छता मंत्री उमा भारती से इसके लिए सम्मान प्राप्त किया। मंदिर का चयन देश के 10 प्रसिद्ध स्थलों में से किया गया है। इनमें मीनाक्षी मंदिर के साथ-साथ अजमेर शरीफ दरगाह, महाराष्ट्र का सीएसटी स्टेशन, अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर, असम का कामाख्या मंदिर, जम्मू स्थित माता वैष्णो मंदिर, ओडिशा का पुरी मंदिर, आगरा स्थित ताजमहल और आंध्रप्रदेश का तिरुपति मंदिर भी शामिल थे।

मंदिर प्रशासन के मुताबिक मार्च 2018 तक मंदिर परिसर पूरी तरह प्लास्टिक मुक्त हो जाएगा। मंदिर की सफाई में 60 कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं और हर महीने 300 वॉलंटियर सफाई अभियान चलाते हैं। इस मंदिर को बेस्ट इनोवेटिव ऐंड साइंटिफिक डिजाइन के अवार्ड से सम्मानित किया गया। वहीं दूसरा अवॉर्ड अंबिकापुर के कस्तूरबा गांधी कन्या महाविद्यालय को मिला है। इस स्कूल को देश का सबसे स्वच्छ स्कूल घोषित किया गया है। तीसरा अवार्ड अंबिकापुर की ही स्वच्छ अंबिकापुर सहकारी मर्यादित समिति को कचरा प्रबंधन के लिए मिला है। चौथा अवार्ड दुर्ग की माही स्वयंसहायता समूह की महिलाओं को बत्तख पालन के जरिये तालाब के संरक्षण और सफाई करने के लिए दिया गया है।

मदुरै के इस मीनाक्षी मंदिर को साफ करने के लिए पिछले कुछ सालों में कई सारे प्रयास किए गए हैं। इस मंदिर को प्लास्टिक फ्री कर दिया गया है। लगभग 60 कर्मचारी इस मंदिर को साफ रखने में मदद करते हैं और लगभग 300 वॉलंटियर इसे साफ करने के अभियान में हर महीने अपना योगदान देते हैं। मंदिर प्रशासन के संयुक्त आयुक्त एन नटराजन ने कहा कि मंदिर प्रशासन ने मंदिर को साफ करने के लिए कई सारे टूल का प्रयोग करता है। इसमें झाड़ से साफ करने की मशीन, वॉटर एयरगन, हाइड्रॉलिक सीढ़ी शामिल है। इससे मंदिर परिसर में साफ-सफाई का काम आसान हो जाता है।

इतना ही नहीं मंदिर में गंदगी फैलाने वालों पर 50 रुपये जुर्माना वसूला जाता है। मंदिर का कामकाज देखने वाले लोगों का कहना है कि हालांकि यह जुर्माना कभी लगता ही नहीं है क्योंकि साफ-सुथरे माहौल को देखकर लोग गंदगी फैलाने से डरते हैं। त्योहार के समय इस मंदिर में सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक रोजाना तकरीबन 40,000 लोग दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर को साफ करने की शुरुआत आज से नहीं बल्कि 12 साल पहले की गई थी। मंदिर में साफ-सफाई का काम संभालने वालों को तिरुपति मंदिर में साफ-सफाई का काम देखने भेजा गया था। मंदिर को साफ रखने के लिएए श्रद्धालुओं से लेकर वहां फूल-माला बेचने वाले स्टाफ को भी अच्छे से समझाया गया। इसी वजह से इस मंदिर को 'स्वच्छ आइकॉनिक प्लेस' का अवॉर्ड मिला।

यह भी पढ़ें: ट्रेन में टिकट अपग्रेड करने का मौका चाहिए तो करें सिर्फ डिजिटल पेमेंट