ट्रैक्टर क्वीन ऑफ इंडिया: कैसे मल्लिका ने खड़ा किया 10,000 करोड़ रुपये का कृषि-साम्राज्य
पुरुष प्रधान उद्योग में बाधाओं को तोड़ते हुए ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने तक, मल्लिका श्रीनिवासन की विरासत एक प्रेरणादायक कहानी है जो दृढ़ संकल्प और सफलता की गाथा सुनाती है.
ट्रैक्टर्स एंड फार्म इक्विपमेंट लिमिटेड (TAFE) की चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मल्लिका श्रीनिवासन (Mallika Srinivasan) की कहानी न केवल उनकी अदम्य महत्वाकांक्षा और इनोवेशन की गाथा है, बल्कि यह भारत के कृषि तंत्र के पुनरावलोकन की भी मिसाल है. "ट्रैक्टर क्वीन" (Tractor Queen) के नाम से मशहूर, मल्लिका ने TAFE को विश्व के तीसरे सबसे बड़े ट्रैक्टर निर्माता के रूप में स्थापित किया है, जिसकी आय अब 10,000 करोड़ रुपए से अधिक है.
शुरुआती जीवन और शिक्षा
1959 में जन्मी मल्लिका ने अपने शैक्षणिक सफर से ही अपने उज्ज्वल करियर की नींव रखी. महिला क्रिश्चियन कॉलेज से गणित में स्नातक करने के बाद, उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से अर्थमिति (Econometrics) में महारत हासिल की और विश्वविद्यालय की स्वर्ण पदक विजेता बनीं. फिर व्हार्टन स्कूल ऑफ बिजनेस, पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में उन्होंने अपनी पहचान बनाई.
इनोवेशन से दक्षता और उत्पादकता में वृद्धि
मल्लिका के नेतृत्व में TAFE ने न केवल विश्व स्तर पर तीसरे सबसे बड़े ट्रैक्टर निर्माता का दर्जा हासिल किया, बल्कि उन्होंने विभिन्न प्रकार के कृषि उपकरणों की बड़ी रेंज प्रदान की. यह इनोवेशन उनकी प्रतिस्पर्धी बढ़त और कृषि क्षेत्र की बदलती जरूरतों का समाधान करने में महत्वपूर्ण रहा है.
सटीक खेती की दिशा में पहल
मल्लिका की दूरदृष्टि ने TAFE को सटीक खेती की ओर अग्रसर किया. उनके नेतृत्व में, कंपनी ने पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ प्रथाओं को अपनाया है.
सामाजिक प्रभाव और दान
मल्लिका का प्रभाव केवल व्यावसायिक क्षेत्र तक सीमित नहीं है; उन्होंने संकरा नेत्रालय और चेन्नई के कैंसर अस्पताल के साथ-साथ तिरुनेलवेली जिले में शिक्षा और स्वास्थ्य पहलों को भी समर्थन दिया है.
सम्मान और वैश्विक नेतृत्व
श्रीनिवासन को पद्म श्री पुरस्कार से नवाजा जा चुका है. उन्हें अर्न्स्ट एंड यंग द्वारा ऑन्त्रप्रेन्योर ऑफ द ईयर, और फोर्ब्स एशिया की शीर्ष 50 एशियाई पावर बिजनेसवुमेन की सूची में शामिल किया गया है. इसके अलावा, यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल और एजीसीओ कॉर्पोरेशन सहित विभिन्न बोर्डों में उनकी भूमिकाएं ग्लोबल बिजनेस लीडर के रूप में उनके कद को बढाती हैं.
मल्लिका श्रीनिवासन की यह यात्रा हमें यह सिखाती है कि कैसे एक दृढ़ संकल्प, नवाचार, और नेतृत्व की शक्ति से न केवल उद्योगों का, बल्कि समाजों का भी रूपांतरण संभव है. TAFE के तहत उनकी नेतृत्व क्षमता के चलते, मल्लिका श्रीनिवासन की विरासत भविष्य के लीडर्स के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी.