वन्य जीव प्रेमियों के लिए बुरी खबर, असम के उमानंदा द्वीप के आखिरी गोल्डन लंगूर ने दम तोड़ा
वन्य जीवों की कई प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं या विलुप्त होने की कगार पर खड़ी हैं। ऐसी ही एक प्रजाति है गोल्डन लंगूर की। असम से वन्य जीव प्रेमियों को दुखी करने वाली खबर सामने आई है। गोल्डन लंगूर प्रजाति के आखिरी लंगूर की भी मौत हो गई है। असम के उमानंदा द्वीप के आखिरी गोल्डन लंगूर ने भी दम तोड़ दिया है। भारतीय वन सेवा (आईएफएस) अधिकारी परवीन कासवान ने इस खबर की जानकारी ट्विटर के जरिए दी।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि असम के उमानंदा द्वीप के आखिरी जीवित गोल्डन लंगूर ने भी दम तोड़ दिया। परवीन वन्य जीवों से जुड़े ट्वीट करते रहते हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में एक फोटो पोस्ट करते हुए लिखा,
'उमानंदा द्वीप के आखिरी जिंदा गोल्डन लंगूर की भी मौत हो गई है। गोल्डन लंगूर, लंगूरों की एक विलुप्त होती प्रजाति है जो भूटान और पश्चिमी असम के कुछ भागों में पाई जाती है। यह भारत की सबसे विलुप्तप्राय प्रजातियों में से एक है जो एकदम विलुप्त होने की कगार पर है।'
देखें ट्वीट...
इस ट्वीट के बाद से कई यूजर्स ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। कइयों ने इसके पीछे इंसानों को जिम्मेदार बताया। इस पर बॉलिवुड के मशहूर ऐक्टर शेखर कपूर ने ट्वीट कर लिखा,
'यह एक बहुत दुखभरा दिन है। अपने काम के लिए ऐसा पैशन रखने और हमें बेहद अमेजिंग विडियो दिखाने के लिए परवीन को धन्यवाद। इतने शोर में भी हमें ऐसी जानकारियों से रूबरू करवाते रहना। हम जल्द ही मिलते हैं।'
देखें ट्वीट...
काफी समझदार प्रजाति के बंदर होते हैं गोल्डन लंगूर
यह एक बंदरों प्रजाति है जो असम के पश्चिमी हिस्से में पाई जाती है। यह एकदम विलुप्त होने की कगार पर है। ई.पी. जी ने साल 1950 के करीब गोल्डन लंगूरों को पहली बार पश्चिमी दुनिया से रूबरू करवाया था। ये क्रीम से लेकर गोल्डन कलर के होते हैं। काले मुंह वाले इन लंगूरों की काफी लंबी पूंछ होती है जो 50 सेंटीमीटर तक होती है। इन्हें काफी समझदार माना जाता है।