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मार्च में बैंकों ने MSME को 24.6 लाख करोड़ रुपये का लोन दिया: RBI डेटा

इससे पहले, बीते साल, मार्च 2023 में 20.69 लाख करोड़ रुपये का लोन दिया गया था, जोकि इस साल 19.2 प्रतिशत बढ़ गया है.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष मार्च के दौरान प्राथमिकता क्षेत्र ऋण के तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को 24.67 लाख करोड़ रुपये का लोन दिया गया. इससे पहले, बीते साल, मार्च 2023 में 20.69 लाख करोड़ रुपये का लोन दिया गया था, जोकि इस साल 19.2 प्रतिशत बढ़ गया है.

मार्च में प्राथमिकता क्षेत्र ऋण के तहत एमएसएमई को कुल बैंक लोन महीने के दौरान भारत के गैर-खाद्य ऋण में 164.11 लाख करोड़ रुपये का 15 प्रतिशत था.

सेगमेंट वाइज आंकड़ों पर गौर करें तो, सूक्ष्म और लघु उद्यमों (MSE) में तैनाती मार्च 2024 में 20.1 प्रतिशत बढ़कर 19.76 लाख करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले की अवधि के दौरान 16.45 लाख करोड़ रुपये थी. इसी तरह, इस अवधि के दौरान मध्यम आकार के व्यवसायों के लिए लोन 4.23 लाख करोड़ रुपये से 15.8 प्रतिशत बढ़कर 4.90 लाख करोड़ रुपये हो गया.

भले ही एमएसएमई को बैंक लोन में वृद्धि जारी है, यह नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियाां (NBFCs) हैं जो एमएसएमई को लोन दिलाने में सहायता में अग्रणी हैं. पिछले साल दिसंबर में बैंकिंग क्षेत्र की एक प्रदर्शन रिपोर्ट के अनुसार, एमएसएमई को एनबीएफसी लोन बैंकों द्वारा दिए गए लोन से तीन गुना अधिक था.

रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2022 और मार्च 2023 तक बैंकों द्वारा एमएसएमई लोन में सालाना आधार पर 12.7 प्रतिशत और 12.4 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में, एनबीएफसी द्वारा एमएसएमई को लोन वृद्धि क्रमशः 21.2 प्रतिशत और 42.4 प्रतिशत रही.

मार्च 2023 तक, उद्योगों में एमएसएमई के 33.4 प्रतिशत की तुलना में एमएसएमई को एनबीएफसी लोन में सेवा एमएसएमई की हिस्सेदारी 66.6 प्रतिशत थी. हालाँकि, एमएसएमई के विकास के लिए लोन पहुंच की कमी प्रमुख चुनौतियों में से एक बनी हुई है.