Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

रोबोटिक्स और AI के जरिए पैथोलॉजी सेक्टर में क्रांति ला रहा है स्टार्टअप SigTuple

SigTuple बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप है जो हेल्थटेक सेक्टर में इनोवेशन के जरिए हेल्थकेयर को आसान बना रहा है. यह स्टार्टअप रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के जरिए पैथोलॉजी सेक्टर में क्रांति लाने की और अग्रसर है.

रोबोटिक्स और AI के जरिए पैथोलॉजी सेक्टर में क्रांति ला रहा है स्टार्टअप SigTuple

Saturday July 22, 2023 , 9 min Read

हाइलाइट्स

  • हेल्थकेयर सेक्टर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) और कंप्यूटर विज़न को लागू करने के लक्ष्य के साथ SigTuple की स्थापना की गई थी
  • SigTuple का प्रोडक्ट AI100 रोबोटिक्स और AI के जरिए ब्लड और यूरिन सैंपल के माइक्रोस्कोपिक रिव्यू को ऑटोमेट करता है
  • इस टेक्नोलॉजी के लिए कंपनी के पास 21 पेटेंट हैं, जिनमें से 6 अमेरिकी पेटेंट हैं और शेष भारतीय हैं
  • SigTuple ने अपनी स्थापना के बाद से अब तक करीब 44 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई है
  • कंपनी का टर्नओवर लगभग 10 करोड़ रुपये है और FY2023-24 के अंत तक 20 करोड़ रुपये का लक्ष्य है

सबसे पहले समझिए पैथोलॉजी की परिभाषा: पैथोलॉजी - मेडिकल रिसर्च की एक शाखा है जिसमें शरीर के तरल पदार्थ, अंग और ऊतकों की जांच करके बीमारी के कारण, उत्पत्ति और प्रकृति का पता लगाया जाता है. यह विभिन्न रोगों के उपचार की दिशा तय करने के लिए रोग की वास्तविक स्थिति का निर्धारण करता है.

अब जैसा कि पूरी दुनिया ने हाल ही में कोविड महामारी देखी है और अब यह इससे उबरने की कोशिश कर रही है. इस महामारी ने जहां एक तरफ करोड़ों लोगों की जान ली और हर कोई इससे आहत हुआ, वहीं इसने इनोवेशन और टेक्नोलॉजी को नए आयाम दिए. इसी की बदौलत हेल्थकेयर और हेल्थटेक सेक्टर में जबरदस्त उछाल आया. नए स्टार्टअप्स का जन्म हुआ और पुराने स्टार्टअप्स ने खूब तरक़्क़ी करते हुए सफलता की नई इबारत लिखी.

SigTuple बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप है जो हेल्थटेक सेक्टर में इनोवेशन के जरिए हेल्थकेयर को आसान बना रहा है. यह स्टार्टअप रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के जरिए पैथोलॉजी सेक्टर में क्रांति लाने की और अग्रसर है. साल 2015 में, डॉ. तथागतो राय दस्तीदार (Dr. Tathagato Rai Dastidar) ने हेल्थकेयर सेक्टर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और कंप्यूटर विज़न को लागू करने के लक्ष्य के साथ SigTuple की स्थापना की. कंपनी का उद्देश्य माइक्रोस्कोपी कार्य में पैथोलॉजिस्टों की सहायता करना है, जिससे उनका जीवन आसान हो जाएगा और अंततः रोगी के परिणाम में सुधार होगा.

तथागतो राय दस्तीदार ने IIT खड़गपुर से कंप्यूटर साइंस में बीटेक और पीएचडी की डिग्री हासिल की है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2000 में National Semiconductor में सेमीकंडक्टर डिजाइन ऑटोमेशन के लिए सॉफ्टवेयर बनाने से की थी. उन्होंने 2007-2008 में सेमीकंडक्टर डिज़ाइन ऑटोमेशन डोमेन से आंत्रप्रेन्योरशिप की दुनिया में कदम रखा.

SigTuple के बारे में YourStory से बात करते हुए डॉ. तथागतो बताते हैं, "SigTuple की शुरुआत करने का मकसद AI का निर्माण करना था जो संभवतः कम सेवा वाले क्षेत्रों में प्रारंभिक जांच और निदान (diagnosis) में मदद कर सकता है, जो रोगी के लिए जीवन को बेहतर बना देगा. ब्लड सैंपल का माइक्रोस्कोपिक रिव्यू कई गंभीर बीमारियों के निदान के लिए मददगार है. इसमें ल्यूकेमिया के विभिन्न रूपों जैसी गंभीर बात भी शामिल है. वैश्विक स्तर पर 96%+ प्रयोगशालाओं में यह प्रक्रिया मुख्य रूप से मैन्युअल बनी हुई है और इस प्रकार सैंपल रिपोर्टिंग के लिए टर्नअराउंड समय के मामले में यह सबसे बड़ी बाधा है. मैन्युअल होने के कारण इसमें गलतियां भी होने की संभावना रहती है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ब्लड माइक्रोस्कोपी किसी क्लिनिकल लैब में माइक्रोस्कोप का अब तक का सबसे बड़ा यूज केस है. माइक्रोस्कोप का दूसरा सबसे आम उपयोग यूरिनरी (मूत्र) माइक्रोस्कोपी के लिए है, जो मूत्र पथ के संक्रमण और विभिन्न किडनी विकारों जैसे विकारों का पता लगाता है."

वे आगे कहते हैं, "SigTuple के प्रोडक्ट AI100 को लॉन्च करने का उद्देश्य रोबोटिक्स और एआई के माध्यम से ब्लड और यूरिन सैंपल के माइक्रोस्कोपिक रिव्यू को ऑटोमेट करना, प्रक्रिया को स्टैंडर्ड बनाना, टर्नअराउंड समय को कम करना और रिपोर्टिंग क्वालिटी में सुधार करना है. इस टेक्नोलॉजी के लिए हमारे पास 21 पेटेंट हैं, जिनमें से 6 अमेरिकी पेटेंट हैं और शेष भारतीय हैं."

bengaluru-based-healthtech-sigtuple-revolutionizing-pathology-through-robotics-advanced-artificial-intelligence-ai

बिजनेस मॉडल

AI100 की कस्टमर क्लिनिकल लैब्स है, खासकर छोटी और मध्यम आकार की लैब्स, और यूजर लैब्स टेक्नीशियन और पैथोलॉजिस्ट दोनों हैं. जबकि रेडियोलॉजी में टेली-रिपोर्टिंग कई वर्षों से आम रही है, टेली-पैथोलॉजी ने अभी तक प्रगति नहीं की है. इसका मुख्य कारण यह है कि वैश्विक स्तर पर 96% से अधिक प्रयोगशालाओं में माइक्रोस्कोपी एक मैन्युअल प्रक्रिया है. इसलिए कंपनी ने इस सेक्टर को चुना जो आज ऑटोमेशन की गंभीर कमी से ग्रस्त है.

तथागतो बताते हैं, "हम अपने प्रोडक्ट क्लिनिकल लैब्स को बेचते हैं. फिलहाल सिर्फ भारत में, लेकिन जल्द ही दुनिया के कई अन्य देशों में भी हम बिजनेस का विस्तार करेंगे. हम अपने प्रोडक्ट्स को लैब्स तक ले जाने के लिए मौजूदा मेडिकल डिवाइस डिस्ट्रीब्यूटर्स की मदद लेते हैं, क्योंकि ये डिस्ट्रीब्यूटर्स पहले से ही ग्राहकों से जुड़े हुए हैं, और ये हमें कम लागत के साथ तेज गति से कई ग्राहकों तक पहुंचने में सक्षम बनाते हैं."

कैसे काम करता है SigTuple का AI100

SigTuple का AI100 कैसे काम करता है? इसके जवाब में विस्तार से बताते हुए सीईओ तथागतो कहते हैं, "आमतौर पर लैब में, एक ब्लड सैंपल को एक ग्लास (कांच) स्लाइड पर लगाया जाता है और फिर माइक्रोस्कोप रिव्यू किया जाता है. अब, माइक्रोस्कोप स्लाइड का रिव्यू करने वाले पैथोलॉजिस्ट के बजाय, स्लाइड को AI100 में डाला जाता है. मशीन ऑटोमैटिक रूप से स्लाइड के संबंधित हिस्सों की हाई मैग्निफिकेशन माइक्रोस्कोपिक इमेजेज कैप्चर करती है और उन्हें क्लाउड प्लेटफ़ॉर्म पर अपलोड करती है. AI मॉड्यूल क्लाउड प्लेटफ़ॉर्म पर रहता है. यह इमेजेज का विश्लेषण करता है, माइक्रोस्कोप पर रिव्यू करते समय एक पैथोलॉजिस्ट जो कुछ भी करता है; यह इसकी नकल करता है. इस विश्लेषण का परिणाम वेब ब्राउज़र पर पैथोलॉजिस्ट को दिया जाता है, जो रिपोर्ट को कहीं से भी, कभी भी एक्सेस कर सकता है. पैथोलॉजिस्ट एआई द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट को रिव्यू करता है और फिर उसे मंजूरी देता है. इसी तरह, यूरिन के सैंपल के लिए, सैंपल को एक माइक्रोफ्लुइडिक कार्ट्रिज में लोड किया जाता है, और फिर AI100 में डाला जाता है, जो इसे स्कैन करता है और इमेजेज का विश्लेषण करता है, और पैथोलॉजिस्ट के रिव्यू के लिए रिपोर्ट तैयार करता है."

तथागतो आगे बताते हैं, "यह प्रक्रिया वर्तमान वर्कफ़्लो में कई तरह से मदद करती है. सबसे पहले, सैंपल की रिपोर्ट देने के लिए पैथोलॉजिस्ट के लैब में रहने की आवश्यकता नहीं है. कल्पना करें कि एक गंभीर रोगी को रात के अंधेरे में तत्काल जांच करने की आवश्यकता है. पहले, पैथोलॉजिस्ट को अस्पताल जाना पड़ता था, या मरीज को इंतजार करना पड़ता था. अब, यह जरूरी नहीं है, क्योंकि पैथोलॉजिस्ट घर से रिपोर्ट कर सकता है, जबकि सैंपल लैब में है जहां AI100 मशीन मौजूद है. इसके अलावा, चूंकि एआई पैथोलॉजिस्ट का अधिकांश काम करता है, यह रिव्यू के टाइम को कम करके, उसे और अधिक कुशल बनाता है. वह अब सामान्य नमूनों पर समय बर्बाद करने के बजाय वास्तव में गंभीर रोगियों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकते हैं. अंत में, एआई थकान संबंधी त्रुटियों से मुक्त है जिससे एक ह्यूमन पैथोलॉजिस्ट को खतरा होता है. इसलिए, उन दुर्लभ और आसानी से नज़र आने वाली असामान्यताओं का पता लगाना बेहतर है. इससे अंततः रोगी के जीवन में सुधार होता है."

इस प्रकार निदान (diagnosis) की गति और सटीकता में सुधार के लिए एआई, रोबोटिक्स और क्लाउड सभी एक साथ आते हैं.

bengaluru-based-healthtech-sigtuple-revolutionizing-pathology-through-robotics-advanced-artificial-intelligence-ai

SigTuple AI100

फंडिंग और रेवेन्यू

SigTuple ने अक्टूबर, 2015 में अपने सीड फंडिंग राउंड में 740K डॉलर की फंडिंग जुटाई थी. इसके बाद, फरवरी 2017 में कंपनी ने अपने सीरीज ए राउंड में 5.8 मिलियन डॉलर जुटाए. फिर करीब एक साल बाद जून, 2018 में कंपनी ने सीरीज बी राउंड में 19 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की. अप्रैल, 2019 में SigTuple ने अपने सीरीज सी राउंड में 16 मिलियन डॉलर जुटाए. इस साल मार्च महीने की शुरुआत में कंपनी ने अपने सीरीज सी राउंड के हिस्से के रूप में 4.3 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की है.

अगर कंपनी के निवशकों की बात करें तो इसे Accel Partners, Chiratae Ventures, Trusted Insights, Pi Venture, Trifecta Capital, Endiya Partners और Flipkart के को-फाउंडर बिन्नी बंसल जैसे नामचीन निवेशकों से समर्थन प्राप्त है.

जैसे की SigTuple के प्रोडक्ट क्लिनिकल लैब्स को बेचे जाते हैं, तो इससे कंपनी को डायरेक्ट रेवेन्यू हासिल होता है. रेवेन्यू के आंकड़ों का खुलासा करते हुए को-फाउंडर और सीईओ तथागतो राय दस्तीदार कहते हैं, "हमारा वर्तमान टर्नओवर लगभग 10 करोड़ रुपये है और वित्त वर्ष 2023-24 के अंत तक हमारा लक्ष्य 20 करोड़ रुपये तक पहुंचने का है."

चुनौतियां

इस बिजनेस को खड़ा करने में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा? इसके जवाब में तथागतो कहते हैं, "शुरुआती कठिनाई इस धारणा की लड़ाई लड़ने की रही है - कि भारत में क्वालिटी वाले लेटेस्ट मेडिकल डिवाइस बनाए जा सकते हैं. यह बेवजह नहीं है, क्योंकि भारत से मेडटेक की सफलता की बहुत कम कहानियाँ सामने आई हैं. हमें अपने प्रोडक्ट्स की प्रभावशीलता को बार-बार साबित करना पड़ा है, जबकि विदेशी कंपनियों के प्रोडक्ट्स को तेजी से स्वीकृति मिली है. हालाँकि, हमने अपने प्रोडक्ट की क्वालिटी के जरिए उस चुनौती पर काफी हद तक काबू पा लिया है और आशा करते हैं कि समय के साथ हम इस सफलता को और आगे बढ़ाएँगे. हम अपने समाधानों की प्रभावकारिता को साबित करते हुए CE IVDR जैसे अंतरराष्ट्रीय नियामक प्राधिकरणों और कई देशों में क्षेत्रीय अधिकारियों की मंजूरी हासिल करने में सक्षम हुए हैं."

bengaluru-based-healthtech-sigtuple-revolutionizing-pathology-through-robotics-advanced-artificial-intelligence-ai

SigTuple की टीम

भविष्य की योजनाएं

SigTuple को लेकर भविष्य की योजनाओं के बारे में बाते करते हुए को-फाउंडर और सीईओ तथागतो राय दस्तीदार कहते हैं, "आने वाले महीनों में, हम क्षेत्रीय मेडिकल डिवाइस डिस्ट्रीब्यूटर्स के साथ सहयोग करने के लिए तत्पर हैं क्योंकि कंपनी की योजना दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका, यूरोप और अमेरिका जैसे नए बाजारों में प्रवेश करने की है. हम दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य पूर्व में प्रमुख लोकल डिस्ट्रीब्यूटर्स के साथ भी बातचीत कर रहे हैं. हमने पूरे भारत में 100 से अधिक इंस्टालेशन किए हैं, और जल्द ही दक्षिण पूर्व एशिया और MENA के कई देशों में भी कई इंस्टालेशन होने की उम्मीद है."

वे आगे कहते हैं, "हम अभी कुछ और प्रोडक्ट्स भी तैयार कर रहे हैं - सूक्ष्म जीव विज्ञान (microbiology), कोशिका विज्ञान (cytology) और हिस्टोपैथोलॉजी की पूर्ति के लिए अधिक जैनरिक सॉल्यूशन."

देश के टियर-2 और 3 शहरों में SigTuple के विस्तार के और इन शहरों और कस्बों पर ध्यान केंद्रित करने के पीछे क्या कारण है? इसके जवाब में तथागतो कहते हैं, "ऐसी लैब्स के लिए एक अच्छा पैथोलॉजिस्ट खोजने में असमर्थता के कारण अधिकांश लैब चेन टियर 2 और 3 शहरों (और उससे भी आगे) में क्वालिटी वाले डायग्नोस्टिक सेंटर खोलने की अपनी क्षमता में पिछड़ गई हैं. इसलिए, वे आम तौर पर हब-एंड-स्पोक मॉडल में काम करते हैं, जहां छोटे शहरों और कस्बों से सैंपल बड़े शहरों में उनके मुख्य केंद्रों तक पहुंचाए जाते हैं. इसकी स्पष्ट कमियां हैं - टर्नअराउंड समय में वृद्धि, परिवहन के दौरान सैंपल का खराब होना, इत्यादि. इसलिए इन बातों का ख़याल रखते हुए हम टियर-2 और 3 शहरों में SigTuple के प्रोडक्ट बेचने के लिए लोकल डिस्ट्रीब्यूटरों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं."

यह भी पढ़ें
एडटेक स्टार्टअप Eupheus Learning की बदौलत अब हर बच्चा होगा सुपर-जीनियस