लोगों को प्लास्टिक फ्री जीवन जीना सिखा रहा है बेंगलुरु के दंपति का यह इको-फ्रेंडली स्टार्टअप
हर प्रोडक्ट की शेल्फ लाइफ होती है, लेकिन प्लास्टिक की नहीं। प्लास्टिक को पूरी तरह से नष्ट होने में लगभग 500 साल लगते हैं। और भारत सालाना 300 मिलियन टन से अधिक प्लास्टिक कचरा उत्पन्न करता है।
हाल ही में, मारियाना ट्रेंच, प्रशांत महासागर में समुद्र के तल पर सबसे गहरे प्वाइंट पर एक प्लास्टिक बैग पाया गया था। दुनिया भर में प्लास्टिक प्रदूषण पर किए गए विश्व आर्थिक मंच के एक अध्ययन के अनुसार, अगर प्लास्टिक प्रदूषण इसी तरह बढ़ता रहा तो 2050 तक महासागरों में मछलियों की तुलना में प्लास्टिक ज्यादा होगा।
टिकाऊ और प्लास्टिक मुक्त भविष्य के लिए, बेंगलुरु की अक्षता भद्रना और उनके पति राहुल पगड़ ने 2016 में डोपोलॉजी (Dopology) की स्थापना की। बांस के टूथब्रश से लेकर सीड पेपर और अखबार पेंसिल तक, कंपनी इको-फ्रेंडली प्रोडक्ट बनाती है जो न केवल उपयोगी हैं, बल्कि काफी सस्ते भी हैं।
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक अक्षता कहती हैं, "भारत में ज्यादातर लोग मध्यम वर्ग से हैं, और हम उनके लिए स्थिरता (सस्टेनेबिलिटी) को सस्ता बनाना चाहते थे।" इसी उद्देश्य के साथ इस कपल ने ऐसे ईको-फ्रेंडली प्रोडक्ट लाने का विचार बनाया जिसे हर कोई खरीद सकता है। उदाहरण के लिए, यह कपल पुराने अखबारों से पेंसिल बना रहा है। लागत को और नीचे लाने के लिए, राहुल ने अपने गृहनगर धारवाड़ में एक निर्माण इकाई की स्थापना की। ताकि उन्हें जयपुर में निर्माताओं से पेंसिल न मंगानी पड़े जो कि संभव भी नहीं था।
इसी मुद्दे पर एडेक्स लाइव से बात करते हुए अक्षता ने कहा, “ईको-फ्रेंडली होने के अलावा, हम हुबली और धारवाड़ में लोगों को रोजगार देना चाहते थे। हमारे 2बी पेपर पेंसिल की कीमत 9 रुपये है, लेकिन आने वाले दिनों में, हम लागत को घटाकर 5 रुपये से 7 रुपये तक कर देंगे। हम रंगीन पेंसिल का भी निर्माण करते हैं, और लगभग 10 रंगीन पेंसिल की कीमत 120 रुपये है और ये अधिक समय तक चलती हैं।”
एक जानकारी के लिए बता दें कि पेंसिल के लिए भी पेड़ काटे जाते हैं। अक्षता के अनुसार, हर साल 15 मिलियन पेंसिल का उत्पादन करने के लिए छह मिलियन पेड़ लगाते हैं। कागज से बनीं पेंसिल से आगे बढ़ते हुए, दोनों ने बांस के ब्रश बेचने शुरू कर दिए, जो वियतनाम से आयात किए गए थे। शुरू में, इस कपल ने इन ब्रश को अपने परिवार और दोस्तों को बेचा। इस पर बोलते हुए, अक्षता ने कहा, “मेरा भाई एक वैज्ञानिक है। हमने उससे कहा कि वह पर्यावरण की भलाई के लिए अपने ग्राहकों को बांस के ब्रश रेकमंड करे। लेकिन बाजार में बांस के ब्रश की कीमत 210 रुपये या उससे भी अधिक थी। और लोग इतना पैसा खर्च करना पसंद नहीं करते। इसलिए, हमने बेबी और एडल्ट बांस ब्रश केवल 80 रुपये में बेचना शुरू किया। सब के सब बिक गए। अब, हम लागत कम करने के लिए चीन से इन ब्रशों की सोर्सिंग कर रहे हैं।”
हालांकि, मुख्य काम उन लोगों को आश्वस्त करना था जो केवल प्लास्टिक की वस्तुओं पर निर्भर थे। दोनों ने लगभग हर विक्रेता से मुलाकात की और उन्हें पैकेजिंग के लिए रीसाइक्लेबल मटेरियल का उपयोग करने के लिए समझाने का प्रयास किया।
अब, उन्होंने अपनी कस्टमाइज्ड पैकेजिंग के लिए अन्य कंपनियों के साथ काम करना शुरू कर दिया है, और भेजे गए हर प्रोडक्ट के साथ, उन्होंने पार्सल में एक बीज पेपर शामिल किया है। इसमें बीज के साथ एम्बेडेड बायोडिग्रेडेबल पेपर होता है। बीज पेपर में गेंदा और चमेली के बीज होते हैं, और ग्राहक द्वारा कागज का उपयोग करने के बाद इसे लगाया जा सकता है। वर्तमान में, यह दंपति केवल 500 से 1,000 बीज पेपर के ऑर्डर ही लेने में सक्षम हैं। डोपोलॉजी ने बीज पेपर पैकेजिंग भी की है। एक कंपनी के लिए प्राइस टैग भी बनाया है। फिलहाल वे ईको-फ्रेंडली साबुन और ब्यूटी प्रोडक्ट बनाने में लगे हैं।