कोविड-19 के खिलाफ 'कोवैक्सीन' 77.8 प्रतिशत प्रभावी: लैंसेट अध्ययन
कोवैक्सीन के तीसरे चरण के प्रभाव परीक्षण और सुरक्षा अध्ययन में देश के 25 स्थानों पर 25,800 स्वयंसेवियों को शामिल किया गया है। यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा क्लिनिकल परीक्षण है जो कोविड-19 टीके के लिए किया गया है।
भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की 'कोवैक्सीन' (Covaxin) कोविड-19 के खिलाफ 77.8 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है। कोवैक्सीन का तीसरे चरण का परीक्षण 130 कोविड मामलों पर किया गया। शोध पत्रिका 'लैंसेट' में प्रकाशित आंकड़ों में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई।
आंकड़ों के अनुसार कोवैक्सीन टीका बिना किसी लक्षण वाले मरीजों को 63.6 प्रतिशत की सुरक्षा प्रदान करता है। देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान सबसे अधिक प्रभावी रहे डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ यह टीका 65.2 प्रतिशत और सार्स-सीओवी-2 वायरस के सभी प्रकारों के खिलाफ 70.8 प्रतिशत कारगर है।
कोवैक्सीन के प्रभावकारिता विश्लेषण के अनुसार देश में निर्मित यह टीका कोविड-19 के गंभीर लक्षणों के खिलाफ 93.4 प्रतिशत प्रभावी है।
पीटीआई-भाषा की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत बायोटेक के अध्यक्ष कृष्णा एला ने एक बयान में कहा, ‘‘हमारे उत्पाद विकास और क्लिनिकल परीक्षणों के आंकड़ों को दस समीक्षा पत्रिकाओं में प्रकाशित किया गया है, जो कोवैक्सीन को दुनिया में सबसे अधिक प्रकाशित कोविड-19 टीकों में से एक बनाती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह उपलब्धि भारत बायोटेक में मेरी टीम के सदस्यों, हमारे जन भागीदारों, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान और टीका परीक्षण में भाग लेने वालों लोगों के भरोसे को दर्शाती है।’’
कोवैक्सीन के तीसरे चरण के प्रभाव परीक्षण और सुरक्षा अध्ययन में देश के 25 स्थानों पर 25,800 स्वयंसेवियों को शामिल किया गया है। यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा क्लिनिकल परीक्षण है जो कोविड-19 टीके के लिए किया गया है।
इस उपलब्धि को लेकर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा, ‘‘मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि द लैंसेट में कोवैक्सीन के तीसरे चरण के आंकड़ों को भी प्रकाशित किया गया है, जो दुनियाभर में सबसे प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में से एक है। यह आंकड़े अन्य वैश्विक कोविड टीकों के बीच कोवैक्सीन की मजबूत स्थिति को दर्शाते है।