वंडर पार्क आइडिया पर दिल्ली नगर निगम कबाड़ से बना रहा भारत दर्शन पार्क
अपने आसपास का पर्यावरण कचरे से ही कैसे खूबसूरत हो सकता है, यह हुनर कोई दिल्ली नगर निगम से सीखे। सराय काले खां में 150 टन कबाड़ से सुदर्शन 'वेस्ट टु वंडर पार्क' बनाने के बाद निगम अब अपने स्टोर में पड़े 350 टन कचरे और 20 करोड़ की लागत से पंजाबी बाग की छह एकड़ जमीन पर भारत दर्शन पार्क बनाने जा रहा है।
जिस तरह दिल्ली के निजामुद्दीन मेट्रो स्टेशन से सटे सराय काले खां में ऑटोमोबाइल कचरे, पंखों, छड़ी, लोहे की चादरों, नट-बोल्ट, साइकिल, मोटरसाइकिल, गाड़ियों के खराब पार्ट्स और कई धातुओं के कचरे से तैयार 'वेस्ट टु वंडर पार्क' जब से मिसाल बना है, इससे प्रेरित होकर दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने कल से अब भारत दर्शन पार्क बनाने की शुरुआत कर दी है। इसके भी स्मारकों का निर्माण एमसीडी के स्टोर में पड़े कबाड़ से हो रहा है।
करीब 350 टन कबाड़ के इस्तेमाल से भारत दर्शन पार्क प्रोजेक्ट के लिए फिलहाल, 17 आकृतियां अभी तक तय हो चुकी हैं। अनुमानतः नौ-दस माह में यह दर्शनीय पार्क तैयार कर देने का लक्ष्य है।
जब एक कोई अच्छा काम होता है तो उससे अच्छाइयों की श्रृंखलाएं निकल पड़ती हैं, जिस 'वेस्ट टु वंडर पार्क' से प्रेरणा लेकर दिल्ली नगर निगम इस 'भारत दर्शन' के नव निर्माण में जुटा है, वह अब राजधानी के सातवें अजूबे में शुमार होने लगा है।
कचरे से बनाए गए इस पार्क की तरह-तरह की क्रिएटिविटी अचंभे से भर देती है कि क्या फेंके गए कचरे का भी इतना खूबसूरत इस्तेमाल हो सकता है। इस पार्क में 150 टन कचरे से स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी, ताज महल, गीजा पिरामिड, पेरिस के एफिल टॉवर, ब्राजील के क्राइस्ट द रिडीमर, इटली के लीनिंग टावर ऑफ पीस, कोसोलियम ऑफ रोम जैसी इमारतें उकेरी गई हैं। अब संभावना जताई जा रही है कि आगामी कुछ महीनों में, यानी साल 2020 के अंत तक यह नवनिर्माधीन पार्क भी दिल्ली के पर्यटकों में रोमांच पैदा करने लगेगा।
भारत दर्शन पार्क के लिए चयनित आकृतियां वेस्ट टू वंडर पार्क की आकृतियां बनाने वाली कंपनी या वी डू के कलाकार ही बनाएंगे, जिसका टेंडर भी हो चुका है। पार्क के निर्माण में करीब 20 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। भारत दर्शन पार्क पंजाबी बाग में 6 एकड़ जमीन पर बनाया जा रहा है। इसमें खूबसूरत आकृतियों के अलावा लोगों के लिए खान-पान का भी इंतजाम होगा।
इस पार्क में एमसीडी के कचरे से कुतुब मीनार, ताजमहल, चार मीनार, गेटवे ऑफ इंडिया, कोणार्क मंदिर, नालंदा स्मारक, मैसूर पैलेस, स्वर्ण मंदिर, मीनाक्षी मंदिर, हंपी, विक्टोरिया मेमोरियल, सांची स्तूप, गोल गुम्बद, अजंता-एलोरा की गुफाएं, जूनागढ़ का किला आदि की प्रतिकृतियां उकेरी जानी हैं।
इस पार्क में बच्चों के लिए खेलने के लिए अलग तरह की व्यवस्थाएं की जाएंगी। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए एंफीथियेटर, फूड कोर्ट, ऑडियो टूर, फोटोग्राफी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए स्टॉल, झरने और छोटे-छोटे तलाबों का निर्माण भी नगर निगम के प्रोजेक्ट में शामिल हैं।