मिलिए रूस में पॉवरलिफ्टिंग में 4 गोल्ड मेडल जीतने वाली दो बच्चों की मां 47 वर्षीय भावना टोकेकर
समाज में महिलाओं का स्पोर्ट्स और फिटनेस को अपनाना आसान नहीं है। उनकी बॉडीबिल्डिंग को लेकर अक्सर कहा जाता है कि इससे वे स्त्री जैसी नहीं दिखती। हालांकि इन तमाम दिक्कतों के बावजूद खेलों में महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। जहां युवा लड़कियां स्पोर्ट्स में झंडे गाड़ रही हैं ऐसे में हम शायद ही ज्यादा उम्र की महिलाओं को इस फील्ड में देख पाते हैं। लेकिन अब इस मिथक को भी तोड़ रही हैं दो बच्चों की मां 47 वर्षीय भावना टोकेकर।
14 जुलाई को, महाराष्ट्र की रहने वाली भावना टोकेकर ने रूस के चेल्याबिंस्क में वर्ल्ड पॉवरलिफ्टिंग कांग्रेस (डब्ल्यूपीसी) द्वारा आयोजित ओपन एशियन पॉवरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में चार गोल्ड मेडल जीते। उन्होंने 'अंडर 67.5 मास्टर्स 2' कैटेगरी (45-50 आयु वर्ग) में भाग लिया था। यह उनकी पहली प्रतियोगिता थी।
अपने वजन घटाने की जर्नी के बारे में बात करते हुए एक ब्लॉग में, भावना कहती हैं कि उन्होंने 2011 में अपनी फिटनेस यात्रा शुरू की, उन्होंने दवाओं के साइड इफेक्ट से लड़ने के लिए फिटनेस को अपनाया था। इसी दौरान उन्होंने पहली बार साइकिलिंग की, और आखिरकार 2012 में एक जिम में शिफ्ट हो गईं। भावना के पति भारतीय वायु सेना में पायलट हैं। भावना ने प्रोफेशनल वेट लिफ्टिंग की शुरुआत 41 साल की उम्र में की। उन्होंने अपनी ताकत बढ़ाने के लिए यह ट्रेनिंग शुरू की थी, जिसके बारे में इंडियन एयरफोर्स की बॉडी बिल्डिंग टीम ने उन्हें बताया था। हालांकि, भावना वेट लिफ्टिंग के दौरान घायल नहीं होना चाहती थीं और न ही शुरुआत में वे मास्कुलर दिखना चाहती थीं। इसलिए उन्होंने ट्रेनिंग से पहले इंटरनेट पर वेट लिफ्टिंग के बारे में खूब रिसर्च की।
वह कहती हैं, "मुझे अब पूरा विश्वास है कि वेट ट्रेनिंग में कई तरह के फायदे हैं और यह आपको एक फिट बॉडी, स्वस्थ दिमाग, सकारात्मक दृष्टिकोण और, सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि विश्वास निर्माण में मदद करता है।"
भावना लंबी दूरी की रनर (8-10 किमी) भी हैं और उन्होंने कुछ मैराथन स्पर्धाओं में भी हिस्सा लिया है। स्वर्ण पदक विजेता भावना नियमित रूप से इंस्टाग्राम पर खुद के वेट-ट्रेनिंग के वीडियो पोस्ट करती रहती हैं, जिससे उनके फॉलोअर्स को उनकी स्ट्रेन्थ का अंदाजा हो सकता है, और कई को उनसे आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।
इस वर्ष, हमने कई भारतीय महिलाओं को खेलों में शानदार प्रदर्शन कर देश को गौरवान्वित करते हुए देखा है। अगर कुछ महत्वपूर्ण जीत की बात करें तो, इस महीने यूरोप भर में अलग-अलग ईवेंट्स में, 15 दिन में चार स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। 9 जुलाई को, इटली में वर्ल्ड यूनिवर्सियड में एक ट्रैक इवेंट में दुती चंद गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। विनेश फोगाट ने इस्तांबुल और मैड्रिड में कुश्ती स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीता। हम आशा करते हैं कि हमारी महिलाएं भविष्य में अधिक से अधिक ऊंचाइयों को छुएंगी और कई अन्य लोगों के लिए प्रेरणा बनना जारी रखेंगी।