Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

ईको-फ्रेंडली पेन के जरिए पर्यावरण में बेहद अहम योगदान दे रहा है भुवनेश्वर स्थित ये स्टार्टअप

ईको-फ्रेंडली पेन के जरिए पर्यावरण में बेहद अहम योगदान दे रहा है भुवनेश्वर स्थित ये स्टार्टअप

Wednesday July 17, 2019 , 3 min Read

हमारे पर्यावरण को लेकर बढ़ती चिंताओं को देखते हुए, दुनिया भर में पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली अपनाने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है। भले ही ग्रीन प्रोडक्ट्स की तरफ रुख करना थोड़ा मुश्किल है लेकिन यह निश्चित रूप से असंभव नहीं है। इससे प्लास्टिक कचरे को कम करने में मदद मिल सकती है और हम जिस वातावरण में रहते हैं ये उसकी गुणवत्ता में सुधार लाने में भी मदद कर सकता हैं।


टूरिस्ट


हालांकि हममें से बहुत से लोग हैं जो हरित पहल अर्थात ग्रीन इनिशिएटिव को बढ़ाने के लिए प्रयास करते रहते हैं लेकिन उड़ीसा का ये स्टार्टअप एक कदम आगे जाकर इस दिशा में काम कर रहा है। डेटोर ओडिशा (Detour Odisha) नाम का ये स्टार्टअप पर्यटकों को राज्य की राजधानी भुवनेश्वर में स्थित विरासतों की सैर कराता है। हाल ही में चक्रवात फानी ने राज्य को बुरी तरह प्रभावित किया। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इस तूफान के बाद डेटोर ओडिशा ने 124वीं इकाम्रा वॉक ओल्ड टाउन सर्किट का आयोजन किया। इस आयोजन के दौरान उन्होंने एक यादगार भेंट के रूप में पर्यटकों के लिए ईको-फ्रेंडली पेन वितरित किए।


इन पेन की खास बात ये है कि इनमें सब्जी, फल और फूल के बीज भरे हुए हैं। ये पेन लिखान (Likhan) द्वारा निर्मित हैं। लिखान एक स्टार्टअप है जिसे दो कॉलेज छात्रों प्रेम शंकर पांडे और मोहम्मद रजा द्वारा सेंचुरियन विश्वविद्यालय, ओडिशा में शुरू किया गया था।


डेटोर ओडिशा


एनडीटीवी से बातचीत में 21 वर्षीय प्रेम शंकर ने कहा, “हमने यूज-एंड-थ्रो पेन का इको-फ्रेंडली विकल्प बनाया है। बेशक, इन पेन में प्लास्टिक की रिफिल होती है, लेकिन पेन की बॉडी रद्दी अखबार से बनाई गई है। इसलिए, 100 प्रतिशत प्लास्टिक वाले नियमित पेन की तुलना में, हमारे पेन में केवल 10 प्रतिशत प्लास्टिक है। आप अपने रेगुलर पेन की तरह ही इसे भी एक बर्तन या मिट्टी में फेंक सकते हैं, उसका पोषण कर सकते हैं और हफ्तों के भीतर यह पेन एक पौधे में अंकुरित हो जाएगा।”


स्टार्टअप के पीछे का उद्देश्य विश्वविद्यालय परिसर में उत्पन्न कागज के कचरे से निपटना था। जिसके बाद प्रेम और रज़ा कागज पेंसिल बनाने के आइडिया के साथ आए और कागज कलम को विकसित करने के लिए भी इस अवधारणा को अपनाया।





पहल के बारे में बोलते हुए, प्रेम ने कहा, “कॉलेज में, मैंने अपने एक दोस्त के साथ वॉटर बॉल्स बनाने की कोशिश की, जो सिंगल-यूज प्लास्टिक की पानी की बोतलों का एक ईको-फ्रेंडली विकल्प है, लेकिन प्रोजेक्ट फेल हो गया। बाद में, फाइनल एयर में, हमें एक प्रोजेक्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया जो इनोवेटिव और मूल्यवान हो। हमें अपने समुदाय में एक समस्या खोजने और एक समाधान तैयार करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया था। यही हमारा प्रोजेक्ट था।"


पेन को नियमित उत्पादों जैसे अपसाइकिल्ड पेपर, ग्लू (स्वदेशी गोंद से बनाया गया), रिफिल और बीजों से बनाया जाता है। संस्थापकों ने 28,000 रुपये की लागत से पेन उत्पादन के लिए एक मशीन भी डिजाइन की है, जो एक घंटे में 200 पेन का उत्पादन कर सकती है। जहां नियमित रूप से अपग्रेड किए गए पेन की कीमत 5 रुपये है, वहीं प्लांटेबल पेन की कीमत 7 रुपये है।