स्वतंत्रता सेनानियों की जीवनी स्कूलों में पढ़ाई जानी चाहिए: नायडू
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि वीर सावरकर और देश के अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की वीरता की कहानी स्कूलों में पढ़ाई जानी चाहिए।
पोर्ट ब्लेयर, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि वीर सावरकर और देश के अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की वीरता की कहानी स्कूलों में पढ़ाई जानी चाहिए।
देश में सभी कानून बनाने वालों से अंडमान- निकोबार प्रायद्वीप और यहां के सेल्युलर जेल का दौरा करने की अपील करते हुए नायडू ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में जेल की भूमिका भी इतिहास की पुस्तकों का हिस्सा होना चाहिए।
वीर सावरकर, बाबा भान सिंह और इंदू भूषण रॉय जैसे स्वतंत्रता सेनानियों को सेल्युलर जेल में कैद किया गया था जिसे अंग्रेजों ने 1896 से 1906 के बीच बनवाया था।
पोट ब्लेयर नगर निगम द्वारा उपराष्ट्रपति के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में नायडू ने कहा कि बृहस्पतिवार को उनका जेल का दौरान किसी तीर्थयात्रा से कम नहीं था।
उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि अपने स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों से प्रेरणा लें और देश की एकता और अखंडता बनाए रखें।
इससे पहले उपराष्ट्रपति ने यहां हद्दो में नेचर पार्क और इंटरप्रिटेशन सेंटर का उद्घाटन किया और वहां तितलियों को छोड़ा।
अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में तितलियों की करीब 300 प्रजातियां हैं जिनमें से 207 स्थानीय प्रजातियां हैं।