Gautam Adani पर आरोपों की जांच में सेबी को नहीं मिले कोई सबूत, दो दिन में 30% चढ़ा अडानी एंटरप्राइजेज
ब्लूमबर्ग ने कहा कि सेबी अपनी जांच में अभी तक किसी भी तरह की अनियमितता नहीं पाई है. ब्लूमबर्ग को इस मामले से जुड़े लोगों से यह जानकारी दी है. हालांकि, सेबी की तरफ से इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद इंडियन मार्केट रेग्युलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) दोनों ग्रुप की जांच कर रहा है.
इस बीच ब्लूमबर्ग ने कहा कि सेबी अपनी जांच में अभी तक किसी भी तरह की अनियमितता नहीं पाई है. ब्लूमबर्ग को इस मामले से जुड़े लोगों से यह जानकारी दी है. हालांकि, सेबी की तरफ से इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
इनसाइडर्स के मुताबिक सेबी अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों की तरफ से नियमों के अनुपालन और उनके शेयरों में ट्रेडिंग पर जांच कर रहा है. हालांकि सेबी की कार्रवाईयों को अभी किसी आधिकारिक जांच के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए. अडानी ग्रुप और हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से अभी तक इस रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं आई है.
इधर बीते दो दिनों से अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के शेयर लगातार बढ़े हैं. बुधवार के ट्रेड के दौरान अडानी ग्रुप की कंपनियों का मार्केट कैप 39,000 करोड़ रुपये ऊपर चढ़कर 7.50 लाख करोड़ रुपये के ऊपर पहुंच गया था.
अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर दो दिन में करीबन 30 फीसदी चढ़े हैं. इससे पहले मंगलवार को 14 फीसदी और बुधवार को करीबन 15 फीसदी बढ़े थे.
अडानी पोर्ट्स के शेयर 2.64 फीसदी, अंबुजा सीमेंट्स के शेयर 2.27 और ACC 1.33 फीसदी ऊपर आए थे. बाकी 6 ग्रुप शेयरों- अडानी ट्रांसिशन, अडानी टोटल गैस, अडानी विल्मर, अडानी ग्रीन एनर्जी, NDTV और अडानी पावर 5 पर्सेंट के अपर लिमिट के साथ लॉक हो गए.
मालूम हो कि अडानी ग्रुप पोर्ट्स से लेकर बिजली के सेक्टर का दिग्गज भारतीय बिजनेस ग्रुप है. वहीं हिंडनबर्ग रिसर्च एक अमेरिकी शॉर्ट सेलर है, जो शेयरों के गिरने के नाम पर पैसे लगाता है.
हिंडनबर्ग ने 24 फरवरी अडानी ग्रुप के शेयरों में मैनिपुलेशन और कंपनी के अंदर अकाउंटिंग फ्रॉड का दावा करते हुए एक रिपोर्ट पेश की थी. जिसके बाद से अडानी ग्रुप की 9 लिस्टेड कंपनियों के लगभग 12 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूब चुके हैं.
अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग पर सोची समझी सिक्योरिटीज फ्रॉड करने का आरोप लगाया है. रिपोर्ट का मकसद मार्केट में गलत खबर फैलाना था, जिसमें ये सफल हो गया.
कंपनी ने बयान जारी कर कहा था, ये किसी एक कंपनी पर नहीं बल्कि भारत, भारत के ग्रोथ की महात्वाकांक्षा, संप्रभुता और स्वतंत्रता के खिलाफ की गई एक सोची समझी साजिश है.
हिंडनबर्ग ने इन आरोप को गलत बताते हुए अडानी ग्रुप को इस मामले पर कानूनी लड़ाई की चुनौती भी दी. कंपनी ने एक ट्वीट पोस्ट करते हुए लिखा,'कंपनी(अडानी ग्रुप) के किसी भी तरह कानूनी कार्रवाई का हम स्वागत करते हैं. हमारी रिपोर्ट पूरी तरह सही है और इसलिए किसी तरह की कानूनी कार्रवाई हमारा कोई नुकसान नहीं होगा.'
Edited by Upasana