बजट 2021: घरेलू वस्तुओं और इलेक्ट्रीकल सामानों को लेकर वित्तमंत्री ने की ये बड़ी घोषणाएं
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट पेश कर दिया है। बजट 2021 में क्या हुआ महंगा और क्या हुआ सस्ता, यहां जानें...
Ranjana Tripathi
Monday February 01, 2021 , 4 min Read
"वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के आम बजट 2021 में एक तरफ तो मोबाइल फोन और चार्जर, ऑटो पार्ट्स और सिल्क उत्पाद की कीमतों में बढ़ोत्तरी हुई है, वहीं सोने-चांदी,स्टील, लोहा, नायलॉन के कपड़े आदि की कीमत में कमी आ गई है। कुछ ऑटो पॉर्ट्स पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी गई है। कस्टम ड्यूटी बढ़ने से उत्पाद महंगे तो होंगे, लेकिन इससे देश में मैन्युफैक्चरिंग यानि कि मेड इन इंडिया और MSME को भरपूर सहयोग मिलेगा। ऐसे में यह बजट बेहद सकारात्मक तौर पर देखा जा रहा है।"
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया। यह मोदी सरकार का 9वां और इस दशक का पहला बजट है। यह बजट पूरी तरह से पेपरलेस है, यानि कि इस बार का बजट कागज पर प्रिंट नहीं हुआ। इसलिए वित्तमंत्री ने इस बजट को मेड इन इंडिया टैब में पढ़ा, जो कि डिजिटल इंडिया को प्रोत्साहित करने वाला कदम भी है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार हर बार से अलग तरीके से देश का बजट पेश किया। बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री सत्ता पक्ष की दूसरी कतार में रहीं। आपको बता दें कि इश बार का बजट दस्तावेज सभी सांसदों समेत आम जनता के लिए भी डिजिटल स्वरूप में उपलब्ध कराया जायेगा।
बजट आने से पहले और बजट के दौरान हर आम इंसान की नज़र इस बात पर होती है, कि नये बजट के आने से क्या चीज़ देश में सस्ती हुई है और क्या महंगी। और उसके बाद हर इंसान उसमें से अपने मतलब की चीज़ को समझ लेता है। वित्तमंत्री ने अपने इस बजट भाषण में कई ऐसी चीज़ों का दाम बढ़ा दिया है, जिनका इस्तेमाल रोज़मर्रा की ज़रूरतों में बहुत होता है, लेकिन वहीं कई ऐसी चीज़ें भी हैं जिनके दाम घटा दिये हैं। एक तरफ जहां इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, मोबाइल फोन, मोबाइल फोन चार्जर, आयातित रत्न (महंगे पत्थर), चमड़े के जूते, आयातित ऑटो पार्ट्स, सिल्क उत्पाद, पेट्रोल-डीज़ल और सोलर सेल जैसी चीज़ें महंगी हो गई हैं, वहीं दूसरी तरफ सोना-चांदी, इस्पात (स्टील), लोहा, नायलॉन वस्त्र, तांबे की वस्तुएं, बीमा, बिजली और स्टील के बर्तन सस्ते हो गए हैं।
वित्त मंत्री ने सीमा शुल्क, घरेलु वस्तुओं, इलेक्ट्रीकल आइटम्स आदि को लेकर घोषणाएं करते हुए कहा,
"1 अक्टूबर 2021 से नया कस्टम ड्यूटी सिस्टम लागू होगा। मोबाइल और चार्जर महंगे होंगे, सरकार ने इन पर दी जाने वाली कई छूट को वापस लिया है। लोहा, स्टील और तांबा सस्ता होगा। नायलॉन और पेंट सस्ते होंगे। चुनिंदा ऑटो पार्ट्स पर 15 परसेंट कस्टम ड्यूटी लगाई जाएगी। सिल्क पर 15 परसेंट कस्टम ड्यूटी लगाने का ऐलान। एग्री इंफ्रा डेवलपमेंट सेस लगाया जाएगा।"
उन्होंने घोषणा की,
"वर्तमान में सोना और चांदी 12.5% के मूल सीमा शुल्क को आकर्षित करते हैं। जुलाई 2019 में ड्यूटी 10% से बढ़ाए जाने के बाद से, कीमती धातुओं की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। इसे पिछले स्तरों के करीब लाने के लिए, सोने और चांदी पर नयी कस्टम ड्यूटी लागू करेंगे।"
साथ ही वित्तमंत्री ने यह भी कहा,
"घरेलू इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण तेजी से बढ़ा है। अधिक से अधिक घरेलू मूल्य संवर्धन के लिए हम चार्जर्स और मोबाइल के उप-भागों पर कुछ छूट वापस ले रहे हैं। इसके अलावा मोबाइल के कुछ हिस्से शून्य दर से 2.5% तक बढ़ेंगे।"
वित्तमंत्री के अनुसार,
"गैर-मिश्र धातु, मिश्र धातु और स्टेनलेस स्टील के सेमी, फ्लक्स और लंबे उत्पादों पर सीमा शुल्क को समान रूप से 7.5% तक कम करना है। मेटल रिसाइकलर्स को राहत देने के लिए, ज्यादातर MSMEs को 31 मार्च 2022 तक स्टील स्क्रैप पर शुल्क में छूट दी जाएगी। कुछ स्टील उत्पादों पर ADD और CBD भी वापस होगा।"
उन्होंने आगे कहा,
"अनब्रांडेड पेट्रोल और डीजल क्रमश: 1.4 रुपये, और 1.8 रुपये प्रति लीटर के मूल उत्पाद शुल्क को आकर्षित करेंगे। अनब्रांडेड पेट्रोल और डीजल पर SAED क्रमशः 11 रुपये और 8 रुपये प्रति लीटर होगा। ब्रांडेड पेट्रोल और डीजल के लिए भी इसी तरह के बदलाव किए गए हैं। पेट्रोल, डीजल और महंगा होगा। पेट्रोल पर 2.5 रुपये प्रति लीटर का कृषि सेस लगाया गया। डीजल पर 4 रुपये प्रति लीटर कृषि सेस देना होगा।"
गौरतलब है, कि कस्टम ड्यूटी के बढ़ जाने से ऐसे कई उत्पाद हैं जो महंगे हो जायेंगे, लेकिन इससे देश में मैन्युफैक्चरिंग और MSME को बढ़ावा मिलेगा साथ ही आत्मनिर्भर भारत के वोकल फॉर लोकल अभियान को भी मजबूती मिलेगी।
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