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Budget 2023: केंद्रीय बजट से क्या चाहता है अंतरिक्ष उद्योग, मैन्युफैक्चरिंग और R&D को कैसे मिलेगा बूस्ट

बजट 2023 को 1 फरवरी 2023 को संसद में पेश किया जाएगा.

Budget 2023: केंद्रीय बजट से क्या चाहता है अंतरिक्ष उद्योग, मैन्युफैक्चरिंग और R&D को कैसे मिलेगा बूस्ट

Tuesday January 17, 2023 , 3 min Read

भारत के निजी अंतरिक्ष क्षेत्र ने आगामी केंद्रीय बजट में कर प्रोत्साहन और उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना लाने की मांग की है. इसके पीछे मकसद स्थानीय विनिर्माण, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना है. न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, अंतरिक्ष क्षेत्र के बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप ‘पिक्सेल’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अवैस अहमद का कहना है, ‘‘वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट में हम अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी स्टार्टअप के लिए अंतरिक्ष-आधारित उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का अनुरोध करना चाहते हैं, ताकि स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने और देश के भीतर क्षमता निर्माण को प्रोत्साहित करने में मदद मिल सके.’’

पिक्सेल ने पिछले साल स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए एक वाणिज्यिक उपग्रह ‘शकुंतला’ का प्रक्षेपण किया था. वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय कंपनी बनी. इसके बाद उसने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पीएसएलवी रॉकेट के जरिए इसी प्रकार के एक अन्य उपग्रह ‘आनंद’ का प्रक्षेपण किया. उसकी पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों का जल्द ही एक समूह बनाने की योजना है.

नए इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए दिए जाएं 100 करोड़ रुपये

‘ध्रुवस्पेस’ में रणनीति और विशेष परियोजनाओं के प्रमुख क्रांति चंद ने कहा, ‘‘केंद्रीय बजट 2023-24 में हम नया इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) के रूप में 100 करोड़ रुपये जारी करने का अनुरोध करते हैं.’’ हैदराबाद स्थित स्टार्टअप ‘ध्रुवस्पेस’ ने भी पीएसएलवी रॉकेट के जरिए नवंबर में दो उपग्रह प्रक्षेपित किए थे और उसकी एक उपग्रह-निर्माण इकाई स्थापित करने की योजना है.

चंद ने इच्छा जताई कि सरकार, उद्योग से नयी प्रौद्योगिकी की खरीद के लिए रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी (डीएसए) के लिए 1,000 करोड़ रुपये का समर्पित आवंटन करे. उन्होंने बताया कि कई उपग्रह और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी परियोजनाओं के लिए रक्षा मंत्रालय ने आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) दे दी है.

क्या बोला ISPA

भारतीय अंतरिक्ष संघ (आईएसपीए) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल ए के भट्ट (सेवानिवृत्त) का कहना है कि अंतरिक्ष उद्योग से कर नीतियों और अंतरिक्ष क्षेत्र में निवेश, अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहन और रोजगार को बढ़ावा देने संबंधी सुझाव मिले हैं. आईएसपीए ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक पीएलआई योजना देश में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देगी और इस क्षेत्र में शामिल संस्थाओं को प्रोत्साहन प्रदान करेगी.

आईएसपीए यह भी चाहता है कि सरकार अंतरिक्ष क्षेत्र की कंपनियों और संगठनों को ऋण, अनुदान और कर प्रोत्साहन के माध्यम से वित्तीय सहायता दे.

2025 तक कितने अरब डॉलर की हो जाएगी अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था

भट्ट ने कहा, ‘‘नयी अंतरिक्ष नीति विकास के अपने अंतिम चरण में है, इसलिए स्टार्टअप के लिए कर छूट का प्रावधान मौजूदा नीति के जारी या लागू होने तक बरकरार रखा जाना चाहिए.’’ आईएसपीए द्वारा पिछले साल जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था 2020 में 9.6 अरब डॉलर थी और 2025 तक इसके 12.8 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.


Edited by Ritika Singh