BYJU’S द्वारा कर्मचारियों को निकाले जाने पर अब केरल विभाग करेगा जांच
एजुकेशन-टेक्नोलॉजी (एडटेक) कंपनी बायजू (
) अपने कर्मचारियों को निकालने को लेकर लगातार सुर्ख़ियों में हैं. खबर के जोर-शोर से सुर्ख़ियों में आने के बाद प्रेस रिलीज़ के माध्यम से यह जानकारी दी गई की, लागत में कटौती करने के लिए अपने कर्मचारियों की संख्या में 5 प्रतिशत की कमी की जाएगी क्योंकि कंपनी मार्च 2023 तक अपनी मार्केटिंग और ऑपरेशनल कॉस्ट को सुनियोजित करके लाभ की स्थिति में पहुँचाना चाहती है. इसके लिए कंपनी अगले छह महीनों में पांच प्रतिशत यानी लगभग 2,500 कर्मचारियों की छंटनी करेगी.बायजू के केरल के तिरुवनन्तपुरम टेक्नोपार्क केंद्र में काम करने वाले कुछ कर्मचारी केरल के सामान्य शिक्षा और श्रम मंत्री वी शिवनकुट्टी से मिलकर शिकायत दर्ज करवाई है कि कंपनी प्रबंधन वहां काम कर रहे 170 से अधिक कर्मचारियों को रिजाइन करने का दवाब बना रहा है. कर्मचारी प्रतिनिधियों ने कहा कि बायजू बिना किसी पूर्व सूचना के इस केंद्र को बंद करने जा रहा है, इसलिए उनपर इस्तीफ़ा देने का दवाब बनाया जा रहा है. मामले की सुनवाई के बाद मंत्री वी शिवनकुट्टी ने सोशल मीडिया पर कहा है कि उनका मंत्रालय इस मामले को गंभीरता से लेगा और इसकी जांच करेगा. उन्होंने कहा कि, “टेक्नो पार्क में BYJU'S ऐप के तिरुवनंतपुरम के कर्मचारी, आईटी कर्मचारी कल्याण संगठन इको ऑफ टेक्नोपार्क के पदाधिकारियों के साथ मुझसे मिले. कर्मचारियों की नौकरी छूटने सहित कई शिकायतें हैं. श्रम विभाग इस मामले में गंभीरता से निरीक्षण करेगा."
सामान्य शिक्षा और श्रम मंत्री वी शिवनकुट्टी ने एडटेक कंपनी बायजू के कर्मचारी प्रतिनिधियों के साथ-साथ आईटी कर्मचारियों के एक कल्याणकारी संगठन प्रतिध्वनि (Prathidhwani) से वादा किया है कि वह टेक्नोपार्क में कंपनी के विकास केंद्र में आने वाले ‘श्रम मुद्दों’ पर गौर करेंगे.
प्रतिध्वनि को 150 से अधिक कर्मचारियों की शिकायतें मिली थीं. कर्मचारियों ने प्रबंधन के साथ सौहार्दपूर्ण और सम्मानजनक समझौता करने के लिए मंत्री से मदद का अनुरोध किया है, जिसके तहत वेतन के भुगतान, आगामी तीन महीनों के लिए वेतन का एकमुश्त निपटान; सभी अर्जित पत्तियों का नकदीकरण, और प्रत्येक कर्मचारी के लिए लागू परिवर्तनीय वेतन का पूर्ण निपटान इत्यादि मांगे रखी गई हैं. मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि श्रम विभाग मामले को देखेगा.
Edited by Prerna Bhardwaj