Byju's को-फाउंडर दिव्या गोकुलनाथ ने रविंद्रन के लिए लिखा इमोशनल पोस्ट बोलीं- बेहद मुश्किल बीते हैं पिछले 6 महीने
Byju's की को-फाउंडर और रविंद्रन बायजू की पत्नी दिव्या गोकुलनाथ ने लिंक्डइन पर एक बेहद इमोशनल पोस्ट लिखा. पोस्ट मे उन्होंने रविंद्रन बायजू की निजी जिंदगी में चल रही कुछ मुश्किल चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि बायजू के लिए ये छह महीने सबसे कठिन रहे हैं.
अपने वित्तीय नतीजों के बाद से निवेशकों से लेकर इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के बीच काफी चर्चा में है. Byju's के लॉस, रेवेन्यू बिजनेस मॉडल सभी को लेकर पॉजिटिव निगेटिव सभी तरह के नैरेटिव आ रहे थे. उसी बीच Byju's की को फाउंडर दिव्या गोकुलनाथ ने कंपनी के फाइनैंशल नतीजों ब्रह्मास्त्र के बाद इस साल का दूसरा सबसे ब्लॉकबस्टर रिलीज का टैग दिया था.
इस बात को करीबन एक हफ्ते ही हुए थे कि दिव्या ने लिंक्डइन पर एक और पोस्ट लिखा, मगर ये पोस्ट उनके पति यानी बायजू रविंद्रन के बारे में था. दिव्या ने लिखा है कि बायजू के लिए ये छह महीने काफी मुश्किल भरे रहे हैं. दिव्या अपने पोस्ट में लिखती हैं, जो लोग बायजू को जानते हैं उन्हें मालूम है कि वो किसी भी स्थिति के लिए मुश्किल शब्द का इस्तेमाल नहीं करते हैं. अगर वो मुश्किल कहते हैं तो इसका मतलब है कि वो चीज वाकई मुश्किल रही होगी.
हालांकि दिव्या का इशारा यहां पर रविंद्रन के कारोबार से जुड़े संघर्ष की तरफ नहीं बल्कि रविंद्रन के पिता की बीमारी की तरफ था. दरअसल रविंद्रन के पिता लास्ट स्टेज कैंसर से जूझ रहे हैं. पिछले सप्ताह ही उनकी सर्जरी हुई है जो सफल रही है. दिव्या ने कहा कि बायजू इन बीते छह महीनों में मुश्किल से ही कभी सोए हैं.
दिव्या आगे लिखती हैं, ऐसा नहीं है कि बायजू सामान्य दिनों में जमकर सोते हैं. उन्होंने एडटेक स्टार्टअप बायजू को बनाते हुए लगभग 10 साल से एक ही रूटीन को फॉलो किया है. पेशे से टीचर पैरेंट्स के घर पैदा हुए रविंद्रन ने अपनी लाखों की नौकरी छोड़कर खुद भी टीचर बनने का फैसला किया. आज कंपनी और इसके लोग जिस मुकाम पर है उन्हें वहां पहुंचाने में बहुत मेहनत लगी है.
आपको बता दें कि Byju's ने हाल ही में 2021 वित्त वर्ष के नतीजे जारी किए थे. जिसमें उसका घाटा 19.8 गुना बढ़कर 4588 करोड़ रुपये हो चुका है. जबकि सेल्स में मामूली तेजी ही आई है.
अपने पुराने दिनों को याद करते हुए दिव्या ने लिखा, मुझे आज भी याद है शुरू के दिनों में हम हर सप्ताह देश के छह शहरों में ट्रैवल करते थे और बैक टू बैक क्लासेज लेते थे.हम आज भी अपने पहले छोटे से प्यारे से कोरामंगला, बेंगलुरु वाले ऑफिस के लिए किराया देते हैं. आज हमारे फाउंडिंग टीम के छह मेंबर्स को कोई फर्क नहीं पड़ता कि फोर्ब्स की रिच लिस्ट में उन्हें कौन सा रैंक मिला है या फिर एडटेक यूनिकॉर्न की वैल्यूएशन अरब डॉलर में है या चंद रुपयों में.
2020-21 के दौरान मीडिया में ऐसी कई रिपोर्ट्स आई थीं जिनमें Byju's के टॉक्सिक सेल्स कल्चर के बारे में बताया गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक Byju's के सेल्सपर्सन पहले तो सीधे साधे पैरेंट्स को प्रॉडक्ट खरीदने के लिए राजी करा लेते हैं और बाद में सर्विस देने में अक्सर फेल हो जाते हैं.
बीबीसी ने तो एक स्टोरी की थी जिसमें बताया गया था कि कैसे तीन अलग अलग मामलों में भारतीय अदालतों ने Byju's को रिफंड और खराब सर्विस के मामले में कस्टमर्स को हर्जाना चुकाने को कहा था. इस स्टोरी पर Byju's ने बीबीसी से कहा था कि कंपनी ने इस सभी मामलों में कस्टमर्स के साथ सेटलमेंट कर लिया था.
पोस्ट के आखिर में दिव्या लिखती हैं, "हमारे लिए सबसे जरूरी चीज ये है कि हम हर दिन जिन भी लोगों से मिलें उनकी जिंदगी में कुछ न कुछ वैल्यू जरूर जोड़ें. वैल्यूएशन तो घटती बढ़ती रहती हैं, मगर वैल्यू हमेशा एक जैसे रहते हैं. हमारी फाउंडिंग टीम के सभी छह मेंबर्स की आंखों में आज भी वही चमक है, वही मकसद है जो आज से 11 साल पहले उनके अंदर थी. बायजू हर शख्स में हर चीज में अच्छाई देखते हैं और उनकी यही आदत मुझे बेहद पसंद है. उनकी सबसे बड़ी ताकत है- करुणा जो उन्हें उनकी जड़ों से मिली है."
Edited by Upasana