13 साल की उम्र में 12वीं में पढ़ने वाली जाह्नवी पढ़ाती हैं ब्रिटिश इंग्लिश
13 साल की जाह्नवी 12वीं क्लास में पढ़ती हैं। चौंक गए होंगे आप ये सुनकर। लेकिन ये तो कुछ भी नहीं है, भारत के ग्रामीण परिवेश में जन्मीं जाह्नवी को हिंदी, हरियाणवी के अलावा ब्रिटिश और अमेरिकन लहजे में अंग्रेजी भी बोलनी आती है।
आशादीप पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाली जाह्नवी न केवल अंग्रेजी सीख गईं बल्कि अमेरिकन और ब्रिटिश लहजे पर पूरी पकड़ बना ली। जाह्नवी ने यह साबित कर दिया कि किसी भी तरह की अंग्रेजी बोलना कोई मुश्किल काम नहीं है।
जाह्नवी कई सारी यूनिवर्सिटियों में जाकर मोटिवेशनल स्पीच भी देती हैं। अभी फिलहाल वह 12वीं पास करने के बाद IIT-JEE की भी तैयारी करना चाहती हैं।
हरियाणा के पानीपत जिले में एक कस्बा है समालखा। और इस कस्बे को अब यहां की एक होनहार बच्ची जाह्नवी के लिए भी जाना जाता है। 13 साल की जाह्नवी 12वीं क्लास में पढ़ती हैं। चौंक गए होंगे आप ये सुनकर। लेकिन ये तो कुछ भी नहीं है, भारत के ग्रामीण परिवेश में जन्मीं जाह्नवी को हिंदी, हरियाणवी के अलावा ब्रिटिश और अमेरिकन लहजे में अंग्रेजी भी बोलनी आती है। 13 साल की जाह्नवी पवार टीवी चैनल देखकर हूबहू एंकर की तरह न्यूज भी पढ़ लेती हैं। इस बात में कोई शक नहीं कि जाह्नवी का दिमाग शायद कुछ ज्यादा ही विकसित हो गया है, लेकिन इसके पीछे उनके पिता की सोच और उनकी खुद की मेहनत भी शामिल है।
आज से तकरीबन 3 साल पहले की बात है, लगभग सभी क्षेत्रीय और राष्ट्रीय चैनलों पर गूगल बॉय और कॉटिल्य का नाम छाया हुआ था। जाह्नवी की कहानी पूरी दुनिया को दिखाई जा रही थी। तब वे 9वीं कक्षा से 10वीं में जा रहीं थीं। आज वे 12वीं में पहुंच चुकी हैं। उन्होंने बताया कि उनके पिता ने उन्हें बचपन से ही अंग्रेजी की तालीम देनी शुरू कर दी थी। उन्हें अंग्रेजी के तमाम बुनियादी शब्दों का मतलब पता चल गया था। इसके बाद उन्हें 2 साल की उम्र में ही स्कूल भेज दिया गया। वे पढ़ती रहीं। लेकिन स्कूल के टीचर्स ने देखा कि जाह्नवी अपनी कक्षा के आगे की किताबों को पढ़ ले रही हैं तो उन्हें एक कक्षा छोड़कर अगली कक्षा में भेज दिया गया।
ये सिलसिला चलता रहा और सिर्फ 9 साल की उम्र में वे 9वीं कक्षा में पहुंच गईं। हालांकि उनका पूरा जोर अंग्रेजी सीखने पर रहा। आशादीप पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाली जाह्नवी न केवल अंग्रेजी सीख गईं बल्कि अमेरिकन और ब्रिटिश लहजे पर पूरी पकड़ बना ली। जाह्नवी ने यह साबित कर दिया कि किसी भी तरह की अंग्रेजी बोलना कोई मुश्किल काम नहीं है। पानीपत के उस छोटे से कस्बे में अंग्रेजी के लिए कोई अध्यापक पढ़ाने वाला नहीं था। इसके लिए उसने इंटरनेट की खूब मदद ली। यूट्यूब पर विडियो देखकर उसने अंग्रेजी में महारत हासिल कर ली। इतना ही नहीं वह अब यूट्यूब पर अंग्रेजी की कक्षाएं चलाती है।
वैसे तो नियम के मुताबिक 10वीं का बोर्ड एग्जाम देने के लिए कम से कम 15 साल की उम्र होनी जरूरी होती है, लेकिन जाह्नवी को हरियाणा सरकार ने कम उम्र में ही परीक्षा देने की अनुमति प्रदान कर दी। वह बड़ी होकर आईएएस बनना चाहती हैं, लेकिन संघ लोक सेवा आयोग के नियमों के मुताबिक सिविल सेवा की परीक्षा के लिए ग्रैजुएशन होना जरूरी है। इसके अलावा परीक्षा के लिए 21 साल की उम्र आवश्यक होती है, लेकिन जाह्नवी का कहना है कि वह अपने लिए उम्र में रियायत की मांग करेगी।
भाषा के अलावा सामान्य ज्ञान पर भी उसकी अच्छी पकड़ है। वह कई सारे मुद्दों पर सामान्य ज्ञान के प्रश्नों के जवाब दे सकती है। इसके अलाव पचास सेकेंड में विज्ञान की आवर्त सारिणी सुना सकती है। वह जब काफी छोटी थी तभी स्कूल में उसे मंच के संचालन का जिम्मा दे दिया गया था। वह स्कूल के वार्षिकोत्सव में इंग्लिश में मंच संचालन करके दर्शकों को प्रभावित करती थी। उसकी प्रतिभा के चलते ही उसे स्कूल में फ्री एजुकेशन दी जा रही है। उसके पिता बृजमोहन एक अध्यापक हैं।
जाह्नवी कई सारी यूनिवर्सिटियों में जाकर मोटिवेशनल स्पीच भी देती हैं। अभी फिलहाल वह 12वीं पास करने के बाद र IIT-JEE की भी तैयारी करना चाहती हैं। वह हरियाणा के सीएम मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के सामने 8 राज्यों के आईएएस अफसरों को 12 साल की जाह्नवी ने संबोधित कर चुकी हैं। उसे कई सारे स्कूल और विश्वविद्यालय वक्ता के तौर पर बोलने के लिए आमंत्रित करते रहते हैं। जाह्नवी के टैलेंट ने सबको हैरत में डाल दिया है।
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