एसी की ठंडी-ठंडी हवा कर रही है आपको हद से ज्यादा बीमार
अगर आप उन लोगों में से है जो एक मिनट के लिए भी अपना एयर कंडीशन्ड रूम नहीं छोड़ते तो सतर्क हो जाइये, आप 'सिक बिल्डिंग सिंड्रोम' के चंगुल में फंस सकते हैं...
बुजुर्गों के लिए एसी में बैठना बहुत ही खतरनाक हो सकता है क्योंकि ये शरीर में बहने वाले रक्त को प्रभावित करता है जिससे ह्रदय को सही रूप संकुचित होने में वक्त लगता है जिसके कारण हार्ट अटैक की संभावना बढ़ सकती है।
हाल ही में हुई एक रिसर्च के मुताबिक जो लोग ज्यादा एसी में काम करते हैं, उन्हें सिरदर्द और थकान की गंभीर शिकायत रहती है। जो लोग उन बिल्डिंग्स में काम करते हैं और ठंडी हवा के संपर्क में रहते हैं, उन्हें लगातार सांस में परेशानी अनुभव होती है। यह आपको सर्दी, फ्लू और अन्य बीमारियों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाता है। दमा के मरीजों को एसी में ज्यादा देर नहीं बैठना चाहिए। एसी में मौजूद नालियों की समय समय पर सफाई भी जरूरी है वरना सांस की गंभीर बीमारी होने की भी संभावनाएं बढ़ जाती है।
पिछले कुछ सालों में गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। खासकर बड़े शहरों में हरियाली की कमी और प्रदूषण की वजह से लोगों का गर्मी में जीना बेहाल हो जाता है। ऐसे में लगभग हर घर में एयरकंडीशन ने अपनी जगह बना ली है। घर से लेकर ऑफिस में लोग दिनभर AC में समय बिताने को मजबूर है। अगर आप उन लोगों में से है जो एक मिनट के लिए भी अपना एयर कंडीशन्ड रूम नहीं छोड़ते तो सतर्क हो जाइये, आप 'सिक बिल्डिंग सिंड्रोम' के चंगुल में फंस सकते हैं। आप ने अपनी मां को ये कहते हुए तो जरूर सुना होगा कि अचानक से तापमान बदलने पर ‘शीत-गरम’ हो जाता है। यही होता है जब आप AC कमरे से निकल कर अचानक बहार के तापमान में जाते है। हमारा शरीर इस बदलाव के हिसाब से ढलने में थोड़ा समय लेता है लेकिन एसी से निकल सीधे बाहर जाने से शरीर ऐसा नहीं कर पाता और थकान जैसी समस्याए होने लगती है।
क्यों है AC खतरनाक?
दरअसल होता क्या है कि हम लोग कमरे का कोना-कोना बंद कर देते है ताकि कमरे का तापमान हमारे अनुसार हो, चारों तरफ से बंद होने के कारण एसी कमरों में बाहर की प्राकृतिक हवा नहीं आ पाती। ताजी हवा की कमी के कारण थकान महसूस होने लगती है। कभी कभी कमरे का तापमान जरूरत से ज्यादा कम हो जाता है। अगर हम जगे हुए हैं तो उसे अपने अनुसार बदल देते है लेकिन जब हम नींद में होते है तो हम ऐसा नहीं कर पाते। तापमान कम होने के कार मांसपेशियों में सिकुड़न और खिंचाव महसूस होने लगती है। मसलन पीठदर्द जैसी समस्याएं आम हो जाती है। अगर आप अनुकूल तापमान में न रहकर ज्यादा ठंडा तापमान पसंद करते है तो आपकी हड्डियों को भी नुकसान पहुंच सकता है। और अगर यह दर्द लम्बे समय तक बरकार रहता है तो ऑर्थराइटिस का खतरा बढ़ जाता है। एसी, हवा में मौजूद नमी को पूरी तरह सोख लेता है नतीजतन हमारी त्वचा रूखी हो जाती है। त्वचा की ऊपरी परत को नुकसान पहुंचता है और वह अपनी चमक खो देती है। समय से पहले झुर्रियां भी नजर आने लगती है और आप वक्त से पहले बूढ़े नजर आने लगते है।
AC के फायदे कम नुकसान ज्यादा
हाल ही में हुई एक रिसर्च के मुताबिक जो लोग ज्यादा एसी में काम करते हैं, उन्हें सिरदर्द और थकान की गंभीर शिकायत रहती है। जो लोग उन बिल्डिंग्स में काम करते हैं और ठंडी हवा के संपर्क में रहते हैं, उन्हें लगातार सांस में परेशानी अनुभव होती है। यह आपको सर्दी, फ्लू और अन्य बीमारियों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाता है। दमा के मरीजों को एसी में ज्यादा देर नहीं बैठना चाहिए। एसी में मौजूद नालियों की समय समय पर सफाई भी जरूरी है वरना सांस की गंभीर बीमारी होने की भी संभावनाएं बढ़ जाती है।
एसी के ज्यादा इस्तेमाल से मोटापा बढ़ता है। इसकी वजह यह है कि जब हम लगातार ठंडी जगह में रहते हैं, तो शरीर की ऊर्जा की खपत नहीं होती, जो शरीर की चर्बी बढ़ने का काम करता है। जो लोग ज्यादा समय एसी में बिताते हैं, उनमें गर्मी में तापमान सहने की क्षमता खोने लगती है। इसका मुख्य कारण है आपके शरीर का ठंडे माहौल से सामान्य तापमान पर जाने पर होने वाला तनाव। लंबे समय तक एसी में रहने से आपको थकान बने रहने की समस्या हो सकती है। इतना ही नहीं इसका तापमान ज्यादा कम करने पर आपको सिरदर्द और चिड़चिड़ाहट महसूस हो सकती है।
एसी का तापमान बहुत कम होने पर मस्तिष्क की कोशिकाएं भी संकुचित होती हैं, जिससे मस्तिष्क की क्षमता और क्रियाशीलता प्रभावित होती है। इतना ही नहीं आपको लगातार चक्कर आने की समस्या भी हो सकती है। अगर आप आंखों में कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल करते हैं तो एसी से आपकी आंखों में दर्द हो सकता है। ज्यादातर एसी के सामने बैठे रहने से कांटेक्ट लेंस आपकी आंखों में चिपक जाते हैं, जिससे आंखों में जलन होती है, आपकी आंखों से पानी आने लगता है, आंखें लाल सुर्ख हो जाती हैं और भी कई समस्याएं हो जाती हैं। अगर आप भी कांटेक्ट लेंस इस्तेमाल करते हैं या फिर आपको किसी भी प्रकार आंखों में समस्या होती है तो आप एसी की हवा से परहेज करें।
बुजुर्गों के लिए एसी मैं बैठना बहुत ही खतरनाक हो सकता है क्योंकि ये शरीर में बहने वाले रक्त को प्रभावित करता है जिससे ह्रदय को सही रूप संकुचित होने में वक्त लगता है जिसके कारण हार्ट अटैक जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। बुजुर्गों को ज्यादातर एसी में नहीं बैठना चाहिए और यह सभी के लिए खतरनाक होता है।