Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
ADVERTISEMENT
Advertise with us

मॉर्गन स्टेनली ने की भारत में एंट्री, स्टार्टअप शुरू करने वाले रहें तैयार

मॉर्गन स्टेनली ने की भारत में एंट्री, स्टार्टअप शुरू करने वाले रहें तैयार

Friday November 09, 2018 , 6 min Read

ग्लोबल फाइनैंशियल सर्विस का पावर हाउस कही जाने वाली कंपनी मॉर्गन स्टेनली अब भारत में भी कदम रख चुकी है। अमेरिका में जिस कार्यक्रम से सारे स्टार्टअप्स को जोड़ने का काम होता है उसे सीटीओ इनोवेशन समिट कहा जाता है।

 एमडी चक्र मन्टेना और सीआईओ बॉबी गिल्जा

 एमडी चक्र मन्टेना और सीआईओ बॉबी गिल्जा


भारत में मॉर्गन स्टेनली के एमडी चक्र मन्टेना और सीआईओ बॉबी गिल्जा ने कहा कि वे भारत में अपनी टेक्नॉलजी और सॉल्यूशन के जरिए स्टार्टअप्स के साथ लंबी साझेदारी विकसित करने की योजना बना रहे हैं।

अमेरिकी इन्वेस्टमेंट बैंकिंग कंपनी मॉर्गन स्टेनली पिछले 18 सालों से टेक स्टार्टअप्स के साथ सफलतापूर्वककाम कर रही है। खासतौर पर अमेरिका में उसने काफी सफलता अर्जित की। कंपनी की नजर अब एशिया पर है और बेंगलुरु में अपना ऑफिस शुरू कर उसने नई शुरुआत भी कर दी है। यहां से कंपनी अपना सारा कामकाज देखेगी। ग्लोबल फाइनैंशियल सर्विस का पावर हाउस कही जाने वाली कंपनी मॉर्गन स्टेनली अब भारत में भी कदम रख चुकी है। अमेरिका में जिस कार्यक्रम से सारे स्टार्टअप्स को जोड़ने का काम होता है उसे सीटीओ इनोवेशन समिट कहा जाता है। इसी समिट का एक संस्करण बीते दिनों बेंगलुरु में आयोजित हुआ जो कि एशिया में पहली बार हुआ।

भारत में मॉर्गन स्टेनली के एमडी चक्र मन्टेना और सीआईओ बॉबी गिल्जा ने कहा कि वे भारत में अपनी टेक्नॉलजी और सॉल्यूशन के जरिए स्टार्टअप्स के साथ लंबी साझेदारी विकसित करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत की नई और युवा फर्म्स को वे पूरी मदद देंगे। योरस्टोरी ने उनसे बात की। पेश है इंटरव्यू के कुछ अंश:

योरस्टोरी: मॉर्गन स्टेनली स्टार्टअप के साथ कैसे कनेक्ट करती है?

बॉबी गिल्जा: हम अपने सालाना कार्यक्रम सीटीओ इनोवेशन समिट के जरिए स्टार्टअप्स के साथ संबंध बनाते हैं जो कि पिछले 18 सालों से कैलिफॉर्निया के सैन फ्रैंसिस्को में आयोजित होता है। इसके साथ ही हमने न्यू यॉर्क में बीते तीन सालों से फिनटेक समिट कार्यक्रम का भी आयोजन किया है। हमने इसी इवेंट को बेंगलरु में आयोजित किया जो कि एशिया का पहला ऐसा इवेंट है। बीते 18 सालों में हमने इन कार्यक्रमों के माध्यम से 750 कंपनियों को अपने साथ जोड़ा है।

बीते साल कैलिफॉर्निया में आयोजित होने वाले सीटीओ शिखर सम्मेलन में पांच टेक्नॉलजी विषय पर आधारित 100 कंपनियां थीं। हम इन कंपनियों में से कुछ का चयन करते हैं, जो कि एक लंबी प्रक्रिया है। यहां महत्वपूर्ण बात यह है कि हम स्टार्टअप के साथ जुड़ने के लिए अपने विशेषज्ञों और बिजनेस लीडरों को भी को भी लगाते हैं। इससे हम उन्हें न केवल समझते हैं बल्कि वास्तव में मदद करने की कोशिश करते हैं।

चक्र मन्टेना: मॉर्गन स्टेनली का ग्लोबल इन हाउस सेंटर भारत में 15 साल पहले ही शुरू हो गया था और बेंगलुरु में पिछले 4 सालों से काम कर रहा है। पहले कार्यक्रम में हमने 120 स्टार्टअप्स का चुनाव किया और उनमें से फाइनल लिस्ट में सिर्फ 16 स्टार्टअप ही पहुंचे। जिन टेक्नॉलजी थीम की तरफ हम ध्यान दे रहे हैं उनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, ऑटोमेशन, डेटा एनालिटिक्स, फिनटेक और इन्फास्ट्रकर प्रमुख हैं। हम स्टार्टअप्स को उनकी खोज, परिपक्वता और अपनी प्रासंगिकता के आधार पर चयनित करते हैं।

बेंगलुरू और भारत के पास एक संपन्न स्टार्टअप इकोसिस्टम है और हम कुछ स्टार्टअप के साथ बातचीत करने जा रहे हैं ताकि हम यह देख सकें कि हम उनके साथ कैसे जुड़ सकते हैं। आमतौर पर, यह एक प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट के साथ शुरू होता है। स्टार्टअप इकोसिस्टम में हमने एक कमी देखी और वो थी कॉर्पोरेट और उद्यम से जुड़ाव के बीच एक फासला है जिसे जोड़ने की आवश्यकता है। हमारे प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्टार्टअप्स सीख सकते हैं कि मॉर्गन स्टेनली जैसे उद्यम क्या चाहते हैं। हमें स्टार्टअप्स से फीडबैक प्राप्त हुआ जिन्होंने कहा कि उनके लिए ये अच्छा अनुभव रहा क्योंकि उन्हें क्लाइंट्स की आवश्यकताओं को समझने की जरूरत नहीं थी। हम इन स्टार्टअप्स के साथ लंबी साझेदारी करने जा रहे हैं।

योर स्टोरी: स्टार्टअप के साथ जुड़ते वक्त मॉर्गन स्टेनली द्वारा कौन सी प्रक्रिया अपनाई जाती है?

बॉबी गिल्जा: मैं यहां एक शब्द का इस्तेमाल करना चाहूंगा जो कि है साझेदारी। हम इसके बारे में ऐसे सोचते हैं कि हम भी स्टार्टअप्स के बारे में जान पा रहे हैं कि वे क्या कर रहे हैं और हम खुद के बारे में भी काफी कुछ सीख रहे हैं। प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट की मदद से हम हम उनकी समस्याओं को समझने का प्रयास करते हैं और उन्हें दूर करने का प्रयास करते हैं। और आखिर में हमें प्रतिभाओं और नए आइडियाज की तलाश है अब चाहे ये अंदरूनी रूप से आए या फिर स्टार्टअप के जरिए आए।

योरस्टोरी: क्या ये लंबी साझेदारी है?

बॉबी गिल्जा: ऐसे कुछ स्टार्टअप्स थे जो शिखर सम्मेलन में आए और उनमें से कुछ हमारे लिए PoC, कुछ उत्पाद उत्पादन और कई जीवनसाथी में बदल गए। हम उन्हें उन्हें उद्यम क्षमता विकसित करने और अन्य कंपनियों को बेचने की क्षमता में भी मदद करते हैं।

योरस्टोरी: आप स्टार्टअप में किन विशेषताओं की तलाश करते हैं?

बॉबी गिल्जा: चयन प्रक्रिया के माध्यम से हम अपनी रुचि वाले क्षेत्रों पर अपना ध्यान केंद्रित करते हैं। जिन गुणों को हम देखते हैं वे विचार, दृढ़ता और ग्राहक केंद्रित होने की क्षमता हैं।

योरस्टोरी: क्या मॉर्गन स्टेनली का एंगेजमेंट कार्यक्रम अन्य कंपनियों के एक्लरेटर प्रोग्राम की ही तरह है?

बॉबी गिल्जा: हम थोड़े अलग हैं। क्योंकि एक्सलरेटर प्रोग्राम मौलिक रूप से स्टार्टअप्स को अपने आइडिया को विकसित करने के लिए आधारभूत संरचना मुहैया कराते हैं, लेकिन हम उनके साथ उनके साथ एक संभावित पार्टनर की तरह काम करते हैं ताकि आगे चलकर वे किसी बड़े उद्यम में तब्दील हो सकें।

चक्र मन्टेना: हम उन स्टार्टअप्स की तरफ देख रहे हैं जो पहले से ही परिपक्वता के निश्चित स्तर पर पहुंच चुके हैं। जिनके पास कोई प्रॉडक्ट है और वो हमारे लिए उपयोगी है. हमारे पास एक बड़ा मंच है और हम उन्हीं प्रॉडक्ट्स पर ध्यान दे रहे हैं जो हमारे बिजनेस के लिए उपयुक्त हैं। हम प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट बनाने के लिए अपने तकनीकी विशेषज्ञों को लगाते हैं ताकि बड़े पैमाने पर स्टार्टअप्स की मदद हो सके।

योरस्टोरी: क्या मॉर्गन स्टेनली के लिए भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का सही समय है?

बॉबी गिल्जा: ऐसी तीन चीजें थीं। एक तो ये कि बेंगलुरु में हमारा ऑफिस और थीम दोनों परिपक्व हो चुका है और कुछ प्रचार भी हुआ था, लेकिन अब हम ज्यादा परिपक्व हो चुके हैं। एक तरह से देखा जाए तो हमारे लिए ये सही समय है।

चक्र मन्टेना: ज्यादातर भारतीय स्टार्टअप बिजनेस टू कस्टमर कंपनियां थीं या घरेलू कारोबार पर केंद्रित थीं। हमें बुनियादी ढांचे, उपकरण, सॉफ़्टवेयर समाधान की आवश्यकता है जो दुनिया भर के वित्तीय बाजारों में हमारी मदद कर सकता है। पहले, हमने महसूस किया कि उनमें से ऐसी कंपनियां नहीं हैं जिनके बारे में हमने सोचा था। अब हम इकोसिस्टिम की निगरानी कर रहे हैं। बेंगलुरु में सीटीओ इनोवेशन शिखर सम्मेलन के साथ स्टार्टअप की गुणवत्ता और संख्या के साथ हमें बड़ी सफलता मिली है।

योर स्टोरी: भारतीय स्टार्टअप के साथ आपकी सहभागिता को कैसे परिभाषित किया जाए?

चक्र मन्टेना: अधिकतर स्टार्टअप टेक्नोलजी और अपने विषय के बारे में गहरी समझ रखते हैं।। जो कि हमें काफी प्रभावशाली लगे। हमने देखा कि यहां के स्टार्टअप और सिलकॉन वैली के स्टार्टटअप्स में एक अच्छा ओवरलैप दिखा। फिर चाहे वो गुणवत्ता की बात हो या फिर ऊर्जा या कौशल की बात हो।

यह भी पढ़ें: पैसों की कमी से छोड़ना पड़ा था स्कूल, आज 100 करोड़ की कंपनी के मालिक