आम बजट में विश्व की सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम शुरू करने का ऐलान
पीएम ने कहा हर वर्ग का संतुलित बजट, ट्विटर यूजर्स ने कहा 'पकौड़ा बजट'
गुरुवार को लोकसभा में केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2018-19 का आम बजट पेश कर दिया। कुछ लोग प्रस्तुत बजट से आश्वत नजर आ रहे हैं तो कुछ लोग यह कहते हुए लुभावना बता रहे हैं कि सब कहने की बातें हैं, कभी पूरी नहीं होंगी। ट्विटर पर तो कुछ लोगों ने इसे 'पकौड़ा बजट' लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे शानदार कहा है...
पीएम ने कहा कि ये महिला, युवा, उद्योग, हर वर्ग का बजट है। गरीब हमेशा बीमारी के इलाज के लिए परेशान रहता है। आयुष्मान भारत योजना के तहत करीब 50 करोड़ नागरिकों को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा।
किसानों की कठिनाई पर ध्यान दिया गया है। किसानों की आय को बढ़ाने के लिए इस बजट में अनेक प्रावधान किए गए है। इस बजट का गरीब, दलित, वंचित, पीड़ितों को लाभ मिलेगा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आदि ने बजट को बेहतर करार दिया है जबकि स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव ने कहा है कि बजट में कई बातों और वर्गों का ध्यान नहीं रखा गया है। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड्गे ने बजट पर नाखुशी जताते हुए कहा है कि इसने मिडिल क्लास को निराश किया है। बजट का सबसे ज्यादा इंतजार आम आदमी को था।
कुछ लोग इस बजट के लेकर इतने नाराज हो गए कि उन्होंने ट्विटर पर इस बजट को ट्रोल करना शुरू कर दिया। मूलतः इस बार का बजट किसान-मजदूर और गरीबों पर फोकस रहा है। किसानों के लिए जहां न्यूनतम समर्थन मूल्य में भारी इजाफा किया गया है, तो गरीबों और मजदूरों के लिए स्वास्थ्य बीमा में बड़ा ऐलान हुआ है। नौकरीपेशा लोगों के लिए यह बजट निराशाजनक रहा है क्योंकि इनकम टैक्स छूट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हां इतना जरूर किया गया है कि अब उन्हें वेतन से 40 हजार घटाकर टैक्स देना होगा।
कृषि में फसल काटने के पश्चात मूल्य संवर्धन में व्यवसायिकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वित्त वर्ष 2018-19 में पांच वर्ष की अवधि के लिए सौ करोड़ रुपए तक के वार्षिक उत्पादन वाली कृषक उत्पादक कंपनियों के रूप में पंजीकृत कंपनियों के अपने कार्यकलापों से होने वाले लाभ के संबंध में सौ प्रतिशत तक कटौती का प्रस्ताव दिया गया है। खुले में शौच से गांवों को मुक्त करने तथा ग्रामीणों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए बजट भाषण में गोबर-धन योजना शुरू करने की घोषणा की गई है। इस योजना के अंतर्गत पशुओं के गोबर और खेतों के ठोस अपशिष्ट पदार्थों को कम्पोस्ट, बायो-गैस और बायो-सीएनजी में परिवर्तित किया जाएगा।
इसके अलावा हेल्थ सेक्टर के लिए दो महत्तवपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। एक तो 1.5 लाख स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रो के लिए 1200 करोड़ रुपये का आवंटन किया जाएगा, दूसरे 10 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवारों को चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना शुरू की जाएगी। घोषणा में दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू करने का ऐलान किया गया है। बजट में भारतीय रेल के लिए 2018-19 में 1,48,528 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। सभी रेलगाड़ियों को वाई-फाई, सीसीटीवी और अन्य अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की सुविधा आसान करने के लिए पांच लाख वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित किए जाने की घोषणा वित्तमंत्री ने की है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत दो करोड़ शौचालय और बनाए जाएंगे।
बजट में बुनियादी ढांचे के आबंटन में महत्वपूर्ण वृद्धि करते हुए इसे वर्ष 2017-18 के 4.94 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर इस बार 5.97 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया है। जहां तक कारखाना श्रमिकों की बात है, चमड़ा उद्योग को आयकर अधिनियम की धारा 80-जेजेएए के अंतर्गत लाभ देने का प्रस्ताव है। वर्तमान में आयकर अधिनियम की धारा 80-जेजेएए के तहत वर्ष के दौरान न्यूनतम 240 दिनों तक रोजगार पाने वाले योग्य नए कर्मचारियों को मिलने वाले 100 प्रतिशत पारिश्रमिक में से सामान्य कटौती के अतिरिक्त 30 प्रतिशत वृद्धि की कटौती की अनुमति है। हालांकि वस्त्र उद्योग में न्यूनतम रोजगार की अवधि में 150 दिनों तक की छूट है।
ऋण समर्थन, पूंजी एवं ब्याज सब्सिडी और नवाचार के लिए सूक्ष्म लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए 3794 करोड़ रूपये के प्रावधान की घोषणा हुई है। बजट में सीमा शुल्क बढ़ा दिए जाने से मोबाइल और टीवी अब महंगे हो जाएंगे। मोबाइल फोन पर सीमा शुल्क को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने, इसके कुछ कलपुर्जों एवं सहायक सामान पर सीमा शुल्क को बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने तथा टीवी के कुछ विशेष कलपुर्जों पर सीमा शुल्क को बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। सरकार ने उज्ज्वला योजना का टारगेट पांच करोड़ से बढ़ाकर 8 करोड़ दिया है। वित्त मंत्री ने 2018-19 के लिए विनिवेश का लक्ष्य 80,000 करोड़ रुपये रखा है।
कुल व्यय 24.42 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है। 3.3 प्रतिशत राजकोषीय घाटा 6 लाख 24 हजार 276 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जिसका वित्त पोषण ऋण लेकर किया जाएगा। वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू किए जाने के साथ ही केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) का नाम बदल कर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) कर दिया गया है। बैंकों के नई पूंजी उपलब्ध कराने के कार्यक्रम से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक 5 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त उधार दे सकेंगे। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन अब 10 फीसदी होगा। 250 करोड़ रुपए तक टर्नओवर वाली कंपनियों को 25 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स देना है। पहले यह राहत 50 करोड़ रुपए तक टर्नओवर वाली कंपनियों को ही थी। वित्त मंत्री ने राष्ट्रपति का वेतन पांच लाख रुपए, उपराष्ट्रपति का 4 लाख रुपए, उपराज्यपाल का 3.5 लाख करने के साथ ही सांसदों के भत्ते और वेतन पांच साल में बढ़ाने की घोषणा की है।
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