बिल्डर से घर खरीदने में नो फिकर, ‘RealtyCompass’ देगा सही खबर
घर लेना हुआ आसान ‘RealtyCompass’ कराये सही बिल्डर की पहचानबिल्डर और प्रोजेक्ट से जुड़ी हर जानकारी ‘RealtyCompass’ परविभिन्न प्रोजेक्टस में तुलना करने की भी सुविधा
किसी शहर में रहने के लिए घर तलाश करना किसी के लिए भी चुनौती होती है। शंकर और निमेष के साथ भी यही परेशानी सामने आई तो उन्होने कई पोर्टल छान मारे। जिसमें उनका वक्त तो बर्बाद हुआ ही और जो जानकारी मिली वो भी आधी अधूरी। जिसके बाद दोनों ने इस क्षेत्र के बारे में काफी माथापच्ची की और तय किया कि दूसरे लोगों को ऐसी दिक्कत ना हो इसके लिए वो लोग घर ढूंढने का आसान तरीका बनाएंगे।
उस वक्त दोनों चेन्नई में Casagrande के लिए काम करते थे। यहां पर शंकर एक परामर्श के तौर पर जुड़े थे तो निमेष कंपनी के एमडी थे। इसके बाद दोनों ने इस क्षेत्र के बारे में तमाम जानकारियां इकठ्ठा करनी शुरू कर दी। दोनों ने इस बात की जांच शुरू की कि ग्राहक की जरूरतें क्या हैं? साथ ही उनका व्यवहार जानने की कोशिश की। धीरे धीरे जैसे उनकी जानकारी बढ़ती गई उन्होने फैसला लिया कि वो एक नई कंपनी बनाएंगे जिसका नाम रखा RealtyCompass। ये देश का पहला सर्च इंजन था जहां पर ग्राहक शहर में बन रहे घरों को ना सिर्फ ढूंढ सकते थे बल्कि उनकी आपस में तुलना भी कर सकते थे। आज इनकी कंपनी ना सिर्फ चेन्नई में बल्कि बेंगलौर, हैदराबाद और कोयबंत्तूर में भी काम कर रही है। आने वाले महिनों में इनकी योजना अहमदाबाद, मुंबई और पूणें में भी अपने पैर जमाने की है।
RealtyCompass की खास बात ये है कि इस पोर्टल लिस्टिंग पारदर्शी और निष्पक्ष की जाती है। इनमें वो प्रोजेक्ट भी शामिल होते हैं जिनके कुछ ही फ्लैट बिकने को बचे होते हैं। ताकि ग्राहक को उसकी जरूरत के मुताबिक अपने सपनों का घर मिल सके। ये वेबसाइट अपने ग्राहकों को ये जानने का मौका देती है कि कौन क्या और कैसी सुविधाएं दे रहा है। अगर कोई ग्राहक किसी प्रोजेक्ट से जुड़ा भी है तो भी वो दूसरे प्रोजेक्ट के साथ तुलना कर सकता है। इसमें ग्राहक जान सकता है कि किसी प्रोजेक्ट का बजट कितना है, किस जगह पर है, बिल्डर की पुरानी परियोजानाओं का इतिहास कैसा है। ये एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां पर ब्रोकर नहीं होता और ग्राहक सीधे बिल्डर से अपनी बात कह सकता है। इससे ग्राहक भी ब्रोकरों की अनचाही कॉल से परेशान नहीं होता। ये वेबसाइट ग्राहक की हर उस चीज को बताती है जो वो जानना चाहता है।
इतना ही नहीं RealtyCompass जटिल गणनाओं को भी आसान बनाने का काम करता है। जिसका परिणाम ये होता है कि कोई भी ये जान सकता है कि अपने वेतन के मुताबिक वो कोई घर खरीद सकता है या नहीं, हर महिने की ईएमआई क्या होगी, अगले 20 सालों के दौरान इस प्रोजेक्ट से ग्राहक को आर्थिक तौर पर क्या फायदे हो सकते हैं, इंकमटैक्स का लाभ कितना मिलेगा, कहीं पर भी घर खरीदने के लिए शुरूआत में कितना पैसा चुकाना होगा, इत्यादी। जो कोई भी घर खरीदता है कि उसके अनेक प्रश्न होते हैं। इसके लिए वो दोस्तों और जानकारों की मदद लेता है, ताकि वो कोई उचित फैसला ले सके। बहुत सारे लोग इसलिए घर लेने का इरादा छोड़ देते हैं क्योंकि उनको डर लगता है कि वो कहीं फंस ना जाएं। Columbuzz जो एक रियल स्टेट फोरम है वो विभिन्न तरीकों से ग्राहकों के हर प्रश्न का उत्तर देने की कोशिश करता है।
देश में हर साल 2 मिलियन लोग घर की तलाश करते हैं लेकिन 0.5 मिलियन घर ही हर साल बिक पाते हैं। RealtyCompass ग्राहकों को अपने साथ जोड़ने के लिए सोशल मीडिया का फायदा उठाना चाहता है इसके लिए हाल ही में मुहिम भी चलाई गई जहां पर ऐसे ग्राहक जिनको तय वक्त पर मकान नहीं मिला या बिल्डर ने अपना किया वादा नहीं निभाया उसके खिलाफ वो अपना गुस्सा जाहिर कर सकते थे। RealtyCompass को 11 महिने पहले ही Propel Holdings LLP से निवेश प्राप्त हुआ है जो प्रौद्योगिकी, फार्मेसी और रियल एस्टेट में काम कर रही है। निवेशी इस्तेमाल RealtyCompass अपने प्राथमिक उत्पाद के विकास, ब्रांड को मजबूत बनाने और अपने विस्तार के लिए करेंगे। इस कंपनी के तीन सह-संस्थापक हैं। निमेष भंडारी, शंकर श्रीनाविसन और आलोक मिश्रा। निमेष भंडारी कंपनी में सीईओ है जो आईआईटी और आईआईएम के पूर्व छात्र भी रह चुके हैं। इससे पहले वो बस टिकट और पेटम के लिए भी काम कर चुके हैं। उनके पास मोबाइल और इंटरनेट के क्षेत्र का 10 सालों से ज्यादा का लंबा अनुभव है। निमेष रिलायंस एडीएजी और टोमटोम में काम कर चुके हैं। RealtyCompass में फिलहाल वो सेल्स और मॉर्केटिंग का काम भी संभाल रहे हैं। शंकर श्रीनिवासन RealtyCompass में सीओओ है। इससे पहले वो Rupeerail.com के संस्थापक भी रह चुके हैं। उन्होने इंफोसिस और आरआर डोनेली में चार्टड एकाउंटेंट की भूमिका भी निभा चुके हैं। RealtyCompass में शंकर के ऊपर जिम्मेदारी रिसर्च और ऑपरेशन की है। कंपनी के तीसरे सह-संस्थापक हैं आलोक मिश्रा जो सीटीओ हैं। वो Games RnD में भी सह-संस्थापक रह चुके हैं। ये बेंगलौर में खेल बनाने वाली कंपनी है। उनको इस क्षेत्र में करीब 6 सालों का अनुभव है। आलोक ने मनिपाल इंस्टिट्यूट से ग्रेजुएट किया और अब यहां पर उत्पाद और तकनीक पर ध्यान दे रहे हैं।
शंकर और निमेष साल 2009 से एक साथ हैं और साल 2011 में इनकी मुलाकात आलोक से हुई तब आलोक Ibibo में काम करते थे। कंपनी में तीनों एक दूसरे के पूरक हैं। तभी तो निमेष में मार्केटिंग को लेकर जोश है तो शंकर विश्लेषक की भूमिका में फिट बैठते हैं जबकि आलोक तकनीक के जानकार हैं। खास बात ये है कि ये लोग देश के अलग अलग हिस्सों से आते हैं जहां आलोक उड़ीसा से हैं, तो निमेष जोधपुर से और शंकर तमिलनाडू से। ये लोग अब ऐसे प्रोजेक्ट जिनमें कुछ गड़बड़ी है और जिनके बारे में ग्राहकों को पता नहीं होता उसको लेकर सामने आने वाले हैं। ग्राहक के तौर पर मकान खरीदने वालों को ऐसी जानकारी होना बहुत जरूरी है। इसके अलावा जल्द ही इनकी कोशिश एक मोबाइल ऐप लाने की है जिसमें कई चीजों का समावेश होगा।