पति की मौत के बाद बेटे ने दुत्कारा, पुलिस ने 67 वर्षीय महिला को दिया सहारा
गरीब बेसहारा महिला का पुलिस ने मनाया जन्मदिन
बीते 27 नवंबर को अनुश्या का जन्मदिन था। इसके पहले कभी अनुश्या का जन्मदिन नहीं मनाया गया। लेकिन इस बार वह केक काट रही थीं और उनके आसपास जो लोग खड़े थे वे उनके सगे नहीं थे, बल्कि खाकी वर्दी पहने कुछ पुलिसकर्मी थे।
बेटे द्वारा ठुकराने के बाद अनुश्या की जिंदगी गरीबी और अकेलेपन में गुजर रही थी। पुलिस को अनुश्या पर दया आ गई और वह उनके लिए कुछ करने की योजना बनाई गई।
हमारा समाज कितना क्रूर होता जा रहा है! क्या आप सोच सकते हैं कि जिस मां ने अपने बच्चे का पालन-पोषण कर बड़ा किया उस बेटे ने मां की ममता की कद्र नहीं की और उसे अकेला छोड़ दिया। आप भले ही न सोच सकें, लेकिन इसी दुनिया में ऐसे निर्दयी बेटे हैं जिन्हें मां की ममता का हक अदा करना नहीं आता। तमिलनाडु की 67 वर्षीय अनुश्या की कहानी ऐसी ही है। पति की मौत के बाद उनके शराबी बेटे ने उन्हें घर से निकाल दिया। अच्छी बात यह रही कि पुलिस की नजर उन पर पड़ी और उन्हें काम दिलाया गया। अब वे पुलिस स्टेशन के बगीचे में काम करती हैं और सम्मानजनक जिंदगी गुजार रही हैं।
बीते 27 नवंबर को अनुश्या का जन्मदिन था। इसके पहले कभी अनुश्या का जन्मदिन नहीं मनाया गया। लेकिन इस बार वह केक काट रही थीं और उनके आसपास जो लोग खड़े थे वे उनके सगे नहीं थे, बल्कि खाकी वर्दी पहने कुछ पुलिसकर्मी थे। यह कहानी चेन्नई के नांगनल्लूर के पाझावंतंगल पुलिस स्टेशन की है। लगभग एक साल पहले की बात है इसी पुलिस स्टेशन के कुछ पुलिसकर्मियों ने अनुश्या को उनके घर पर रोते हुए देखा था। अनुश्या के पति का देहांत हो चुका था और उनका शराबी बेटा उन्हें प्रताड़ित कर रहा था।
पुलिस उन्हें थाने लेकर आई और शिकायत दर्ज कराने को कहा, लेकिन अनुश्या के दिल की ममता ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया। उन्होंने कहा कि वह अपने बेटे के खिलाफ शिकायत नहीं दर्ज करा सकतीं। इंसपेक्टर जी वेंकटेसन ने कहा कि बेटे द्वारा ठुकराने के बाद अनुश्या की जिंदगी गरीबी और अकेलेपन में गुजर रही थी। पुलिस को अनुश्या पर दया आ गई और वह उनके लिए कुछ करने की योजना बनाई गई। शुरुआत के कुछ दिनों तक अनुश्या को पुलिस ने खाना खिलाया और बाद में उनके काम का भी प्रबंध कर दिया।
पुलिस ने बताया कि अनुश्या को थाने परिसर में ही बगीचे, पेड़-पौधों की देखभाल का काम दे दिया गया। वह पुलिसकर्मियों की पानी की बोतल भी भर देती हैं और उनके लिए ऐसे ही छोटो-छोटे काम करती हैं। इस 27 नवंबर को अनुश्या का जन्मदिन था। पुलिस ने उनके जन्मदिन को खास बनाने के खास इंतजाम किए। उनके लिए केक, चॉकलेट और मिठाई लाई गई। जब अनुश्या को केक काटने के लिए बुलाया गया तो उनकी आंखों में आंसू आ गए। अनुश्या को पता भी नहीं था कि यह उनका जन्मदिन था, लेकिन पुलिस ने इस मौके को इतना यादगार बना दिया कि उन्हें अपनों की कमी नहीं महससू हुई।
हम अक्सर पुलिस को लेकर नकारात्मक बातें सुनते और पढ़ते रहते हैं, लेकिन ऐसी कहानियां न केवल पुलिस की छवि बदलती हैं बल्कि सिस्टम के प्रति हमारा भरोसा भी मजबूत करती हैं। अब अनुश्या काफी खुश रहती हैं और उन्हें घर की याद भी नहीं आती। उनके लिए थाना ही उनका घर है। हम भी उम्मीद करते हैं कि पुलिस आगे भी गरीब, बेसहारों और महिलाओं की युं ही मदद करती रहेगी।
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