सुबह 4 बजे उठकर धोई कारें, 12वीं में अर्जित किए 91.7 प्रतिशत अंक
मार्च में उनके पिता की सर्जरी हुई थी। परमेश्वर अपने पिता के साथ अस्पताल में थे और वहीं रहते हुए उन्होंने अपनी हिंदी की परीक्षा की तैयारी की।
मजबूत हौसलों और कड़ी मेहनत के साथ किसी भी हालात में सफलता पाई जा सकती है, और इस कथन को सच कर दिखाया है 17 साल के परमेश्वर ने, जिन्होने तमाम परेशानियों से पार पाते हुए इस बार के बोर्ड एग्ज़ाम शानदार अंक हासिल किए हैं।
दिल्ली के स्लम इलाके में रहने वाले परमेश्वर के घर में दो कमरे हैं, जिसमें कुल 9 लोग रहते हैं। गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले परमेश्वर घर चलाने के लिए पढ़ाई के साथ ही काम भी करते हैं। इस साल सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा में परमेश्वर ने 91.7 प्रतिशत अंक अर्जित किए हैं।
अपने सपनों को पूरा करने की राह में आगे बढ़ते हुए परमेश्वर ने कार धोने की नौकरी की, जिससे उन्हे एक महीने में 3 हज़ार रुपये मिले और इस तरह वे अपनी किताबें और यूनिफॉर्म खरीद पाये।
दिल्ली की कड़कड़ाती ठंड में भी परमेश्वर सुबह 4 बजे उठकर और करीब आधे घंटे का पैदल सफर तय कर अपने काम पर पहुंचते थे। इस दौरान वे लगभग ढाई घंटों में करीब 10 से 15 कारों को धोते थे।
एनडीटीवी के अनुसार परमेश्वर का कहना है कि उसे अपनी शिक्षा को जारी रखने के लिए इस नौकरी की जरूरत थी। उनके 62 वर्षीय पिता दिल के मरीज हैं और उनके परिवार की देखभाल के लिए भाइयों के साथ अस्थिर नौकरियां हैं।
मार्च में उनके पिता की सर्जरी हुई थी। परमेश्वर अपने पिता के साथ अस्पताल में थे और वहीं रहते हुए उन्होंने अपनी हिंदी की परीक्षा की तैयारी की।
इस कठिन समय के दौरान एक गैर सरकारी संगठन, आशा सोसाइटी ने उनकी मदद की। एनजीओ ने परमेश्वर को सैंपल पेपर उपलब्ध कराये और दिल्ली विश्वविद्यालय में अंग्रेजी ऑनर्स पाठ्यक्रम के लिए ऑनलाइन आवेदन करने में भी उनकी मदद की।
परमेश्वर के हौसलों को देखते हुए उनके परिवार का कहना है कि उन्हें उनसे बहुत उम्मीदें हैं और वह उनकी इस यात्रा में उनका साथ देंगे।