IIT बॉम्बे और BITS पिलानी के पूर्व छात्रों का यह एडटेक स्टार्टअप AI की मदद से पैरेंट-टीचर कोलैबरेशन को बना रहा है आसान
पुणे स्थित इल्यूमनस SaaS-आधारित लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम प्रदान करता है, इसी के साथ ही यह स्टार्टअप शैक्षणिक संस्थानों के लिए वन स्टॉप सोल्यूशंस होने का दावा करता है।
लॉकडाउन के दौरान एडटेक स्पेस ने अपना दायरा बड़ी तेजी के साथ बढ़ाया है, इसलिए इस स्पेस में काम करने वाले कई खिलाड़ियों ने निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है और बड़े निवेश को जुटाया है।
इनमें से अधिकांश खिलाड़ी ऑनलाइन कक्षाएं लाने में व्यस्त हैं, पुणे स्थित स्टार्टअप इल्युमनस छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों और संस्थानों की मदद करने के लिए बी2बी SaaS-बेस्ड सहयोगी शिक्षण प्रबंधन प्रणाली (सी-एलएमएस) की पेशकश कर रहा है।
आकाश सिंघल, अक्षय सिंघल, देवाशीष सक्सेना और गौरी देहनकर द्वारा 2018 में स्थापित इल्युमनस एक एडटेक स्टार्टअप है, जिसका उद्देश्य पूरे स्कूल को ऑनलाइन लाना है। यह बेहतर शिक्षक-छात्र सहयोग को सक्षम बनाता है और वीडियो लेक्चर, असाइनमेंट सबमिट करने, अटेंडेंस ट्रैकिंग जैसी सुविधाएँ प्रदान करता है।
अपने छात्र-शिक्षक सूट के अलावा, स्टार्टअप स्कूल प्रशासन और माता-पिता को वास्तविक समय की निगरानी और बच्चों के प्रदर्शन पर नज़र रखने में मदद करता है।
आकाश कहते हैं, "यह शिक्षा प्रणाली के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों को एकीकृत करने के लिए एक मंच है, जिसका उद्देश्य नेटवर्क को अधिक अनुकूल बनाना है।"
सूत्रों के मुताबिक, स्टार्टअप ने अब तक 30 से अधिक विश्वविद्यालयों और स्कूलों के साथ करार किया है।
शुरुआती दिन
आईआईटी बॉम्बे से स्नातक आकाश सिंघल एक सीरियल टेक्नालजी उद्यमी है, जिसके पास स्टार्टअप इकोसिस्टम में सात वर्षों का अनुभव है। उन्होंने पहले हेल्थकेयर स्टार्टअप मेड की सह-स्थापना की, जिसे 1mg/ HealthKart+ द्वारा अधिग्रहित किया गया था। उनकी विशेषज्ञता ने उन्हें स्केलेबल टेक आर्किटेक्चर विकसित करने और लाभप्रदता तक पहुंचने के लिए व्यवसाय बढ़ाने में कई संगठनों की मदद की है।
दूसरी ओर, अक्षय बिट्स पिलानी के पूर्व छात्र हैं। वह एक इंक इलस्ट्रेटर और ग्राफिक्स/UX सलाहकार थे और उन्होने शुरू होने से पहले 40 से अधिक ग्राहकों (ज्यादातर विदेशी) के साथ काम किया था। उत्पाद डिजाइनिंग और उपयोगकर्ता अनुभव में एक पेशेवर होने के नाते वह 2018 में सह-संस्थापक के रूप में शामिल हुए।
तकनीकी विकास के चरण के बाद, इल्युमनस को व्यवसाय विस्तार को औपचारिक रूप देने के लिए एक व्यवसायिक व्यक्ति की आवश्यकता थी और तब संस्थापक ने देवाशीष सक्सेना को साथ लिया, जो 2019 में व्यवसाय के प्रमुख के रूप में और सह-संस्थापक के रूप में शामिल हुए। देवाशीष एक सीरियल उद्यमी हैं और इससे पहले कि वह इल्युमनस में शामिल हुए वो दो स्टार्टअप्स- पोगली (अधिग्रहित) और मेडीक्लाउड 365 में काम कर चुके हैं। वह भोपाल में UIT-RGPV से स्नातक हैं। गौरी 2018 में पुणे विश्वविद्यालय से पास आउट हुईं और इस साल सह-संस्थापक के रूप में शामिल हुईं।
यह काम कैसे करता है?
आकाश कहते हैं, एक कक्षा में कई छात्र होते हैं और हर छात्र की समझ और सीखने की क्षमता समान नहीं होती है। असंतुलित शिक्षक-छात्र अनुपात के साथ शिक्षकों के लिए हर बच्चे पर व्यक्तिगत ध्यान देना लगभग असंभव हो जाता है।
आकाश कहते हैं, "हमारा लक्ष्य एआई/एमएल का उपयोग करके छात्रों और शिक्षकों के लिए एक व्यक्तिगत शिक्षण और सीखने का नया अनुभव प्रदान करना है।"
स्टार्टअप का दावा है कि SaaS-आधारित शिक्षण प्रबंधन प्रणाली स्थापित करना आसान है। एक बार जब कोई स्कूल या संस्थान प्लेटफॉर्म पर साइन अप करता है, तो उन्हें प्रवेश, शिक्षक, छात्र और माता-पिता के लिए अलग-अलग लॉगिन क्रेडेंशियल्स मिलते हैं।
उनमें से प्रत्येक प्लेटफ़ॉर्म पर अपनी एकीकृत पहुंच बना सकता है। शिक्षक उन विषयों/कक्षाओं का उपयोग कर सकते हैं जो वे पढ़ा रहे हैं और छात्र विषयों (एक वर्ग समूह के रूप में) तक पहुंच सकते हैं। इसके अतिरिक्त, शिक्षक और छात्र नोट्स, अध्ययन सामग्री, असाइनमेंट और क्विज़ को साझा करने के साथ चर्चा कर सकते हैं।
प्लेटफॉर्म भी दिन-प्रतिदिन की उपस्थिति को प्रबंधित करने और एक ही समय में ज्ञान प्रसार को केंद्रीकृत, सरलीकृत और सहयोगी बनाने में मदद करता है। स्टार्टअप चैट-आधारित सहयोगी शिक्षण प्रबंधन प्रणाली भी प्रदान करता है, जो सूचना के सुचारू प्रवाह को सक्षम बनाता है।
संस्थापकों के अनुसार, चूंकि इल्युमनस माता-पिता, शिक्षकों, छात्रों और प्रशासन को एक ही मंच पर लाता है, इसलिए सभी इस सीखने की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल होते हैं। इसके अलावा एआई/एमएल-संचालित रिकमेंडेशन और प्रासंगिक आँकड़े निर्णय लेने की प्रक्रिया को प्रशासकों के लिए तेज और आसान बनाते हैं।
चूंकि तकनीकी संरचना यूजर अनुभव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए ये AWS सर्वर और सुरक्षा प्रणालियों का उपयोग करते हैं।
आकाश कहते हैं,
"हम वैश्विक रूप से स्वीकृत डेटा सुरक्षा और एन्क्रिप्शन मानकों के साथ डेटा सुरक्षित करते हैं ताकि सबसे खराब संभावित ब्रीच में भी यूजर का व्यक्तिगत डेटा सुरक्षित और अप्रभावित हो।"
व्यापार
स्टार्टअप बी2बी SaaS मॉडल और लाइसेंस-आधारित सदस्यता मॉडल पर काम करता है और प्रति छात्र/प्रति लाइसेंस) शुल्क लेता है। इसमें सभी प्रौद्योगिकी (छात्र-शिक्षक ऐप, माता-पिता ऐप, प्रशासन ऐप), होस्टिंग, डेप्लॉयमेंट, नियमित अपडेट और सपोर्ट शामिल हैं।
स्टार्टअप में लाइव वीडियो लेक्चर जैसी कुछ एकीकृत प्रीमियम सुविधाएँ भी हैं, जिन्हें सेवाओं के उपयोग के अनुसार अलग से चार्ज किया जाता है।
संस्थापकों ने स्टार्टअप में लगभग 30 लाख रुपये का व्यक्तिगत निवेश किया है। इस साल मई में दुबई के एंजल निवेशकों से इल्युमनस ने भी सीड राउंड में 100,000 डॉलर जुटाए हैं।
अंतर के बारे में बात करते हुए आकाश कहते हैं:
“हम बी2बी SaaS-आधारित एडटेक मार्केट को पूरा करते हैं। हालांकि यह क्षेत्र लंबे समय से अस्तित्व में है, लेकिन बाजार का अनुकूलन बहुत कम है। भारत में बी2सी बाजार में, कई कंपनियां सही रास्ते पर हैं। बायजूस उनमें से एक प्रमुख खिलाड़ी है, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए यह एक भीड़-भाड़ वाला बाजार बन गया है, जिसमें जगह-जगह पर सिंक्रोनाइज़िंग लर्निंग सिस्टम का कोई निर्देश नहीं है और यही हमें अलग बनाता है। ज्ञान और कौशल प्रदान करने के मामले में हमारी मुख्य विचारधाराएँ अलग हैं।”
इल्युमनस वर्तमान में 360AI, मैजिकबॉक्स और वालमिस के साथ प्रतिस्पर्धा करता है।
पहला ग्राहक
आकाश के अनुसार उन्होंने दो से अधिक वर्षों तक उत्पाद विकसित किया, जिसमें उन्हें कई बार स्क्रैच से शुरू करना पड़ा, जब तक कि उन्हें उत्पाद सही नहीं मिला।
आकाश कहते हैं, “हमें 12 पायलट प्रोजेक्ट्स पर काम करना था। फिर हमने अपने पहले ग्राहक का पीछा करना शुरू कर दिया- हम सभी का लक्ष्य बड़े बुनियादी ढांचे और छात्र गणना के साथ एक बड़े ग्राहक थे, जिसने हमें अपने सिस्टम का परीक्षण करने और शुरू करने में सक्षम बनाया। हम अपने बचत कोष से बाहर चल रहे थे और कंपनी को अगली तिमाही में बने रहने के लिए एक बड़े भुगतान वाले ग्राहक की आवश्यकता थी।”
और पिछले साल उन्होंने विश्वास की एक छलांग ली और दुबई चले गए और संभावित ग्राहकों तक पहुंच गए। यात्रा के अंतिम कुछ दिनों में उन्हें अपना पहला बड़ा अंतर्राष्ट्रीय ग्राहक- अरब यूनिटी दुबई (3,500 छात्र) मिला।
आकाश कहते हैं,
“यदि आप वास्तव में काम करने वाले उत्पाद और ग्राहकों और उपयोगकर्ताओं के सही समूह के बिना वित्त पोषित नहीं हैं, तो आपको सही मूल्य नहीं मिलेगा। हमने दोस्तों और परिवार की मदद से खुद से निवेश करके समस्या का हल किया। दृढ़ता सबसे बड़ी भूमिका निभाती है। बचे रहने के लिए आपको इनोवेशन की आवश्यकता है।"
बाजार और आगे की योजना
RedSeer और Omidyar Network India की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि एडटेक यूजर्स में वृद्धि हुई है, इसमें भुगतान करने वाले और मुफ्त यूजर्स दोनों शामिल हैं। 2019 से 2020 तक यूजर बेस 45 मिलियन से 90 मिलियन तक दोगुना हो जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, कक्षा 1 से 12 तक के ऑनलाइन शिक्षा के लिए 2022 तक 6.3 गुना वृद्धि होने का अनुमान है, जिससे 1.7 बिलियन डॉलर का बाजार बन सकेगा।
स्टार्टअप का लक्ष्य 2023 तक कम से कम पांच देशों में अपनी उपस्थिति को बढ़ाना है और अगले 18 महीनों के लिए टियर-I और टियर-II शहरों को लक्षित करना होगा। यह सरकारी शिक्षण संस्थानों के लिए एलएमएस को चालू करने के लिए राज्य सरकारों और शिक्षा मंत्रालय के साथ भी बातचीत कर रहा है। हालांकि स्टार्टअप अपने राजस्व का खुलासा नहीं करना चाहता था।