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वो फिल्मी सितारे जो संघर्षों से लड़ कर बने करोड़पति

फिल्म इंडस्ट्री में स्ट्रगल ने बनाया इन सितारों को करोड़पति...

वो फिल्मी सितारे जो संघर्षों से लड़ कर बने करोड़पति

Sunday March 25, 2018 , 8 min Read

कहा जाता है कि एक्सपीरियंस इज़ द बेस्ट टीचर। जीवन के कड़वे अनुभव सफलता की ऊंचाइयों तक ले जाते हैं। यह कहावत भारतीय फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े उन लोगों पर भी लागू होती है, जिन्हें सफलता पाने के लिए तरह-तरह के स्ट्रगल से गुजरना पड़ा है। कठिनाइयों से निखर कर देश दुनिया में मशहूर हुई ऐसी शख्सियतों में धर्मेंद्र कुमार, शम्मी, शगुफ्ता रफीक, कंगना, सुजाता भट्‌टाचार्य (मधुश्री), राज बब्बर, राजकुमार राव, रोनित रॉय, रणवीर सिंह और इरफान खान जैसे कलाकारों के भी नाम आते हैं। शम्मी हाल ही में इस दुनिया से विदा हुई हैं और इरफान खान गंभीर हालत में ब्रिटेन में इलाज करा रहे हैं। 

सांकेतिक तस्वीर: Shutterstock

सांकेतिक तस्वीर: Shutterstock


फिल्मी स्ट्रगल करने वाली हस्तियों में से एक, 'आशिकी-2' की राइटर शगुफ्ता रफीक को भी कठिन संघर्ष करना पड़ा है। घर चलाने के लिए उन्हे जवानी की दहलीज पर कदम रखने से पहले ही प्रॉस्टिट्यूट बनना पड़ा। वह दस वर्षों तक यह नर्क झेलती रहीं। उनकी मां को यह बात पता थी। जो बात सबसे ज्यादा तकलीफदेह है, वो ये है कि उन्हें आज तक अपनी असली मां का पता नहीं।

कहा जाता है कि एक्सपीरियंस इज द बेस्ट टीचर। जीवन के कड़वे अनुभव सफलता की ऊंचाइयों तक ले जाते हैं। यह कहावत भारतीय फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े उन लोगों पर भी लागू होती है, जिन्हे सक्सेज के लिए तरह-तरह के स्ट्रगल से गुजरना पड़ा है। कठिनाइयों से निखर कर देश दुनिया में मशहूर हुई ऐसी शख्सियतों में धर्मेंद्र कुमार, शम्मी, शगुफ्ता रफीक, कंगना, सुजाता भट्‌टाचार्य (मधुश्री), राज बब्बर, राजकुमार राव, रोनित रॉय, रणवीर सिंह, इरफान के भी नाम आते हैं। शम्मी हाल ही में इस दुनिया से विदा हुई हैं और इरफान खान गंभीर हालत में ब्रिटेन में इलाज करा रहे हैं।

फिल्मी स्ट्रगल करने वाली हस्तियों में से एक, 'आशिकी-2' की राइटर शगुफ्ता रफीक को भी कठिन संघर्ष करना पड़ा है। घर चलाने के लिए उन्हे जवानी की दहलीज पर कदम रखने से पहले ही प्रॉस्टिट्यूट बनना पड़ा। वह दस वर्षों तक यह नर्क झेलती रहीं। उनकी मां को यह बात पता थी। उन्हें तो आज तक अपनी असली मां का पता नहीं। अनवरी बेगम ने उन्हें गोद लिया था। वह बताती हैं कि मेरे जन्म को लेकर कई तरह की बातें हैं। पहले उन्हें बताया गया कि वह मशहूर निर्देशक बृज सदाना की की बेटी हैं। फिर पता चला कि किसी औरत ने अमीर आदमी से संबंध बनाकर उन्हें जन्म देने के बाद लावारिस कर दिया। इसके बाद बताया गया कि उनकी मां झोपड़पट्टी में रहती थीं। उन्हें पैदाकर फेंक गईं। बचपन में लोग उन्हें 'हरामी' लड़की कहते थे। वक्त ने उनके अंदर की सारी कोमलता नष्ट कर दी। वह क्रूर हो गईं। स्कूल छोड़ दिया। लोगों से लड़ने लगीं। सबसे नफरत सी होने लगी। जिंदगी जानवर जैसी हो चली। बृज साहब उनसे नफरत करते थे। सिर्फ अनवरी बेगम साथ रहीं। उन्होंने भी घर चलाने के लिए अपनी चूड़ियां और बर्तन तक बेच डाले। इसके बाद बारह साल की उम्र में कत्थक सीखकर वह प्राइवेट पार्टियों में नाचने लगीं। 

सत्रह साल की होते-होते शगुफ्ता के सामने दुनिया का एक नया नर्क आ गया, जिसमें उन्हें दस साल तक घिसटना पड़ा। मुंबई के एक पारसी परिवार में जन्मी फिल्म इंडस्ट्री की जानी-मानी हस्ती शम्मी (नर्गिस राबड़ी) जब तीन साल की थीं, पिता चल बसे। वह दिन काटने के लिए पारसी समुदाय के प्रोग्रामों में मां के साथ खाना बनाने लगीं। आगे चलकर शादी के बाद एक दिन ऐसा आया, जब उन्हें अपने पति फिल्मकार सुलतान अहमद से तलाक लेना पड़ा। उस जमाने की मशहूर अभिनेत्री नर्गिस की मदद से बमुश्किल उनका फिल्मी करियर परवान चढ़ा। ख्यात अभिनेता धर्मेंद्र कुमार छह लाइन की एक स्वरचित छोटी-सी कविता में फिल्मी स्ट्रगल से मिली सफलता का श्रेय अपनी मां को देते हुए लिखते हैं-

खामोश चीख, तड़पते अरमानों की मेरे

मेरी मां ने सुन ली थी

तलाशते अरमानों में ख्वाब अनहोने

हो जाए पूरे मेरे बेटे के,

अर्जी-ए-मुकद्दर-ए-खास ये

यकीनन मेरी मां की दुआ थी!

मूलतः टोंक (जयपुर) के रहने वाले न्यूरो एंडोक्राइन से जूझ रहे इरफान खान (साहबजादे इरफान अली खान) ने अभी हाल ही में मीडिया से अपने स्ट्रगल के दिनो का एक नामालूम वाकया साझा किया है कि वह कास्टिंग काउच के शिकार हुए थे। करियर के शुरुआती दिनों में वह मेल-फीमेल दोनों तरह के फिल्म निर्देशकों की कास्टिंग काउच का सामना कर चुके हैं। एक वक्त ऐसा भी आया, जब 'सलाम बॉम्बे' से मीरा नायर ने उनकी छुट्टी कर दी थी। लाइफ में एक वक्त ऐसा भी आया, जब वह एक्टिंग छोड़ देना चाहे थे। 

फिल्म और राजनीति, दोनो में सफल रहे अभिनेता राज बब्बर को फिल्मी स्ट्रगल के दिनो में नादिरा जहीर की उंगली पकड़कर आगे निकलना पड़ा था। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में पढ़ाई के दौरान दो साल सीनियर नादिरा जहीर से उनकी पहली मुलाकात हुई। बाद में दोनो ने शादी कर ली। फिल्म इंडस्ट्री में पैर जमाने के लिए स्ट्रगल कर रहे राज बब्बर नादिरा की मां के अपार्टमेंट में दिन गुजारने लगे। राह मिल गई। फिर तो एक दिन ऐसा आया, जब मुंबई के जुहू में ऑयस्टर शेल अपार्टमेंट में 2.3 करोड़ का फ्लैट खरीदकर उन्होंने नादिरा को गिफ्ट किया। आज उनके पास घोषित रूप से लगभग 20 करोड़ की संपत्ति और 20.6 लाख की लैंड क्रूजर है। 

स्ट्रगल करने वाली फिल्मी हस्तियों में एक और महिला कलाकार का नाम आता है, फिल्म युवा, किसना, कल हो ना हो, बाहुबली-2 की मशहूर गायिका मधुश्री का। उनके घर का नाम सुजाता भट्‌टाचार्य है। एक वक्त में लगा कि उनका नाम पेशे में आड़े आ रहा है, उसे बदलकर मधुश्री हो गईं। शुरू में हर संगीतकार उन्हें ठुकरा देता था। जब सन् 2001में जावेद अख्तर ने उनकी राजेश रोशन ने मुलाकात करवाई तो 'मोक्ष' के गीत 'मोहब्बत ज़िंदगी है' गाने से उनको पहला ब्रेक मिला। इसके बाद तो वह ए.आर. रहमान के साथ बारह वर्षों तक गीत गाती रहीं। 'कभी नीम नीम' उनका पहला सबसे हिट गाना रहा। वह कहती हैं- 'मैं वक्त के साथ गाना गाते चली जा रही हूं। फिर तो जो हो रहा है, वह ठीक ही हो रहा है।'

इसी तरह मशहूर बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत आज भी फिल्म इंडस्ट्री में अपने स्ट्रगल के कड़वे दिनों को नहीं भुला पाती हैं। भावुक हो जाती हैं। संघर्ष के दिनों में उन्हें शारीरिक उत्पीड़न तक बर्दाश्त करने पड़े। जब वह सत्रह साल की थीं, उन दिनों पिता की उम्र का एक आदमी उनके करियर के लिए गॉडफादर होने का नाटक करता था। एक बार उसने पीछा करते हुए उन पर ऐसा अटैक किया कि वह गिर पड़ीं। सर से खून बहने लगा। उन्होंने भी उस कथित गॉडफादर पर पलटवार कर दिया। इसके बाद वह उनसे जबर्दस्ती करने लगा। बड़ी मुश्किल से वह उसकी पकड़ से आत्मरक्षा कर पाईं। वह बताती हैं कि इससे पहले पढ़ाई के दिनों में भी उनका उत्पीड़न हुआ था।

स्ट्रगल करने वालों में आज के मशहूर बॉलीवुड अभिनेता रणवीर सिंह का भी नाम आता है। वह बताते हैं कि उन्हे स्टारडम पाने के लिए काफी कड़ी मेहनत करनी पड़ी। जब वह फिल्म इंडस्ट्री में तीन साल तक स्ट्रगल करते रहे, उन्हें मॉडलिंग और विज्ञापन निर्माताओं से अपना चेहरा बचाकर रखना पड़ा। मुंबई में आज उन्हें जो कुछ मिला है, कड़वे संघर्षों से।

इसी तरह अभिनेता रोनित रॉय के साथ भी फिल्म इंडस्ट्री में काफी स्ट्रगल के दिन गुजरे हैं। एक वक्त तो ऐसा था, जब मुंबई के होटलों में ठहराने के लिए उनके पापा के पास पैसे नहीं होते थे। वह जेब में मात्र छह रुपए लेकर मुंबई पहुंचे थे। उन दिनो वह शुरू में होटल में नौकरी और मॉडलिंग साथ साथ करने लगे। एक होटल में काम करते हुए पहली सेलरी उन्हें छह सौ रुपए मिली थी, जिसे उन्होंने अपनी मां को दे दिया था। निर्देशक सुभाष घई से पापा के दोस्त हैं। बाद में उन्हीं के घर पर ठिकाना मिल गया। 'जान तेरे नाम' से उनके करियर को पहला ब्रेक मिला।

आज के चर्चित अभिनेता राजकुमार राव का जन्म गुड़गांव में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ है। उनको दसवीं कक्षा में ही अभिनय का कीड़ा लग गया था। वह बताते हैं कि शुरू में फिल्म इंडस्ट्री में उन्हें भी संघर्षों का सामना करना पड़ा। फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) में पढ़ाई पूरी करने के बाद जब अपना सपना पूरा करने के लिए वह मुंबई पहुंचे, किसी ने उन्हें खुले मन से सहयोग नहीं किया। उन्होंने तमाम ऑडिशंस दिए, लेकिन उन्हें ठुकरा दिया गया। ऐसा वक्त ऐसा भी रहा, जब कुछ भी ठीक नहीं था, न वह आगे के लिए कोई योजना बना पा रहे थे। सिर्फ अपने अभिनय पर उनका भरोसा बचा था। बाद संघर्ष रंग लाया और उन्हें अपना मोकाम मिल गया। 

अब तो अभिनेता सुनील शेट्टी और कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा ने फिल्मों में स्ट्रगल कर रही नई पीढ़ी के लिए 'एफ फॉर काउच' वेबसाइट लांच कर रखी है, जिस पर कोई भी कलाकार मुंबई में न रहते हुए भी अपना हुनर अपलोड कर अपनी राह आसान कर सकता है।

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