अप्रैल-जून तिमाही में सरकार ने 7 लाख करोड़ रुपये टैक्स कलेक्शन किया, पिछले साल की तुलना में 24 फीसदी अधिक
अप्रैल-जून की तिमाही में इनडायरेक्ट टैक्स के रूप में सरकार को कुल 3.44 लाख करोड़ रुपये प्राप्त हुए. यह पिछले साल की तुलना में 9 फीसदी अधिक है.
फाइनेंशियल ईयर 2022-23 की पहली तिमाही में केंद्र सरकार ने कुल 7 लाख करोड़ रुपये का टैक्स कलेक्शन किया है. यह टैक्स कलेक्शन पिछले साल की तुलना में 24 फीसदी अधिक है. सरकार ने सोमवार को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में इसकी जानकारी दी.
अप्रैल-जून की तिमाही में इनडायरेक्ट टैक्स के रूप में सरकार को कुल 3.44 लाख करोड़ रुपये प्राप्त हुए. यह पिछले साल की तुलना में 9 फीसदी अधिक है.
वहीं, इसी अवधि में डायरेक्ट टैक्स के रूप में सरकार को 3.55 लाख करोड़ रुपये का टैक्स कलेक्शन हुआ. यह पिछले साल की तुलना में 41 फीसदी अधिक है.
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद तेजी से सुधार की दिशा में बढ़ती अर्थव्यवस्था और सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों को बेहतर तरीके से लागू करने के कारण टैक्स कलेक्शन में यह वृद्धि दर्ज की गई है.
बता दें कि, टैक्स कलेक्शन सहित केंद्र सरकार के वित्तीय आंकड़े इस महीने के अंत तक रिलीज होने वाले हैं. कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स के हालिया आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से मई में केंद्र सरकार का कुल टैक्स कलेक्शन 3.08 लाख करोड़ रुपये था.
फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के बजट में केंद्र सरकार ने मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के लिए कुल टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य 19.35 लाख करोड़ रुपये रखा था. यह पिछले फाइनेंशियल ईयर के मुकाबले 6 फीसदी अधिक होगा. इस हिसाब से मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के लिए केंद्र सरकार अपना लक्ष्य हासिल करने की ओर बढ़ रही है और संभव है कि उसे पार भी कर जाए.
बीते 1 फरवरी को बजट पेश किए जाने के बाद अर्थशास्त्रियों ने सरकार के टैक्स कलेक्शन के अनुमान को बहुत कंजर्वेटिव बताया था. हालांकि, इसका बचाव करते हुए फाइनेंस सेक्रेटरी टीवी सोमनाथन ने कहा था कि उनका अनुमान रियलिस्टिक है. किसी भी नंबर पर संदेह होने पर सरकार पेपर पेश करने के लिए तैयार है.