संकटग्रस्त बैंकों से लोग न निकाल पाएं पैसा, इसके लिए चीन ने सड़कों पर तैनात कर दिए टैंक
रिपोर्ट्स के अनुसार बैंकों की सुरक्षा और स्थानीय लोगों को बैंकों तक पहुंचने से रोकने के लिए टैंक को सड़कों पर उतारा गया है.
चीन (China) के हेनान प्रांत में पिछले कई हफ्तों से पुलिस और डिपॉजिटर्स (Bank Depositors) के बीच झड़पें हो रही हैं. डिपॉजिटर्स का कहना है कि उन्हें बैंकों से अपनी सेविंग्स निकालने से रोका जा रहा है और ऐसा अप्रैल 2022 से चल रहा है. ऑनलाइन कुछ ताजा वीडियो सामने आए हैं, जिसमें चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के टैंकों को प्रदर्शनकारियों को डराने के लिए सड़कों पर तैनात देखा जा सकता है. डिपॉजिटर्स, बैंक में डिपॉजिट किए गए अपने पैसे को रिलीज किए जाने की मांग करते हुए प्रांत में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
रिपोर्ट्स के अनुसार बैंकों की सुरक्षा और स्थानीय लोगों को बैंकों तक पहुंचने से रोकने के लिए टैंक को सड़कों पर उतारा गया है. यह प्रकरण बैंक ऑफ चाइना की हेनान शाखा द्वारा एक घोषणा के बाद सामने आया है. घोषणा यह थी कि डिपॉजिटर्स की उनकी बैंक शाखा में सेविंग्स 'इन्वेस्टमेंट प्रॉडक्ट' है और इसे वापस नहीं लिया जा सकता है. यह घटना अब एक गंभीर सवाल खड़ा कर रही है कि क्या इतिहास खुद को दोहराने वाला है. चीन में एक बार पहले भी ऐसी ही एक घटना घट चुकी है.
क्या है वह पुरानी घटना
चीन के हेनान में वर्तमान में जो कुछ चल रहा है, वह 4 जून 1989 की चीन की दमनकारी कार्रवाई की याद दिलाता है. उस वक्त तियानमेन स्क्वायर नरसंहार हुआ था. छात्र प्रदर्शनकारी, लोकतंत्र और अधिक स्वतंत्रता की मांग के लिए बीजिंग के तियानमेन स्क्वायर पर हफ्तों तक इकट्ठा रहे थे. इसे देखकर चीनी नेताओं ने टैंकों और भारी हथियारों से लैस सैनिकों को बीजिंग के तियानमेन स्क्वायर को खाली करने के लिए भेज दिया था. सैकड़ों या शायद हजारों निहत्थे प्रदर्शनकारियों को मार दिया गया था. इस कार्रवाई को मीडिया और ऑनलाइन में सख्ती से सेंसर किया गया था.
क्या बैंकों के पास नहीं रहा पैसा?
वर्तमान की बात करें तो हेनान की राजधानी Zhengzhou में एक विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था. इसके बाद अधिकारियों का कहना है कि वे डिपॉजिटर्स को चरणबद्ध तरीके से पैसा जारी करना शुरू कर देंगे, जिनका कई ग्रामीण बैंकों में पैसा अटक गया है. 15 जुलाई को पहली देय राशि के साथ ऐसा होगा. इसके बाद केवल कुछ मुट्ठी भर डिपॉजिटर्स को ही पैसा प्राप्त हुआ है. ऐसे में एक गंभीर सवाल खड़ा होता है कि क्या बैंकों के पास कुछ भी शेष है.
चीन के सरकारी मीडिया ने रिपेमेंट के बारे में कुछ भी पोस्ट नहीं किया है. गैर-मुख्यधारा के हांगकांग मीडिया का मानना है कि ऐसे समय में जब स्थिरता पर सबसे अधिक जोर दिया गया है और स्थिरता चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के हित में है, ऐसी घटनाओं को बड़ा होने देना (जैसे Zhengzhou बैंक विरोध) दर्शाता है कि इन बैंकों के पास वास्तव में और पैसा नहीं है, कम से कम तब तक नहीं, जब तक मुद्दों का समाधान नहीं हो जाता.
Edited by Ritika Singh