सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी छोड़ उगाने लगे ऑर्गेनिक सब्जियाँ, हो रही है लाखों की कमाई
तिरुपति के निवासी संदीप कन्नन सब्जियाँ उगाने के लिए जिस हाइड्रोपोनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हैं उसमें मिट्टी की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
एक ओर जहां स्नातक की पढ़ाई खत्म करने के बाद संदीप के अन्य दोस्त सरकारी नौकरी की तलाश में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की तरह रुख कर रहे थे तभी संदीप ने तय कर लिया था कि वे अपने भविष्य के लिए कुछ अलग और नया करेंगे। आज संदीप हाइड्रोपोनिक तकनीक के जरिये से खेती के जरिये ऑर्गेनिक सब्जियाँ उगा कर लाखों की कमाई भी कर रहे हैं।
तिरुपति के निवासी संदीप कन्नन सब्जियाँ उगाने के लिए जिस हाइड्रोपोनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हैं उसमें मिट्टी की आवश्यकता नहीं पड़ती है। संदीप ने अपनी स्नातक की पढ़ाई साल 2020 में पूरी की थी और इसके बाद वे भी सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी करने जा रहे थे, हालांकि तभी संदीप ने अपनी कृषि पृष्ठभूमि से जुड़ते हुए कुछ अलग करने की ठानी और इस दिशा में कदम आगे बढ़ा दिये।
खेती पर की रिसर्च
कोरोना काल के दौरान घर पर बैठे हुए संदीप ने पॉली-हाउस कृषि के बारे में अध्ययन करना शुरू किया और तभी उन्हें हाइड्रोपोनिक तकनीक के बारे में पता चला। संदीप को समझ आया कि इस तकनीक का इस्तेमाल अभी उनके क्षेत्र में कम हो रहा है जबकि ऑर्गेनिक सब्जियाँ उगाने वाले किसानों के लिए यह काफी फायदेमंद साबित हो सकती है।
खेती के पारंपरिक तरीकों में जहां रसायन-युक्त कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाता है वहीं इस तकनीक में पानी के जरिये ही पौधों तक जरूरी पोशक तत्व पहुंचाए जाते हैं। संदीप ने सबसे पहले अपने घर की छत पर इस तकनीक के जरिये कम मात्रा में पत्तेदार सब्जियाँ उगानी शुरू कीं, हालांकि इस दौरान संदीप इसे बड़े स्तर पर भी आजमाना चाहते थे।
हो रही है लाखों की कमाई
संदीप के पास उनकी पैतृक जमीन थी और इस तरह संदीप ने अपना पहला फार्म स्थापित किया। संदीप ने अपने इस उद्यम की शुरुआत करने के लिए जरूरी रकम अपने करीबियों से जुटाई, जिसमें उनकी माँ और दो भाई शामिल हैं। आज अपने फार्म के जरिये संदीप तरह-तरह की हरी ऑर्गेनिक सब्जियाँ उगा रहे हैं जिसमें लेट्युस, पालक और ब्रोकली आदि शामिल हैं।
हालांकि इसके बाज़ार को लेकर शुरुआत में संदीप के मन में थोड़ी सी चिंता थी लेकिन उन्होंने जल्द ही सुपर मार्केट आदि में अपने फार्म की सब्जियों की सप्लाई शुरू कर दी और आज संदीप हर महीने करीब 50 हज़ार से अधिक की सब्जियाँ बेच पा रहे हैं। इसी के साथ संदीप का अनुमान है कि आने वाले कुछ महीनों में ही उनकी सब्जियों का निर्यात हर महीने 2 लाख रुपये तक पहुँच जाएगा।
युवाओं से है ये अपील
संदीप के अनुसार स्थानीय लोगों के बीच अभी भी हाइड्रोपोनिक खेती को लेकर स्वीकार्यता उतनी नहीं बढ़ी है जबकि ऑर्गेनिक सब्जियों की बाज़ार में काफी अधिक मांग है जबकि आपूर्ति उससे कहीं कम है। संदीप अब खुद भी आगे बढ़ते हुए चेन्नई और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में अपनी ऑर्गेनिक सब्जियों को बेचने पर विचार कर रहे हैं।
इसी के साथ संदीप देश के युवाओं को भी कृषि क्षेत्र से जुड़कर अपना करियर बनाने की अपील कर रहे हैं। संदीप के अनुसार वे इस बात को लेकर अधिक खुश हैं कि उन्होंने एक किसान का बेटा होने के बाद कृषि को ही अपना करियर चुना है।
Edited by रविकांत पारीक