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किफायती, क्वालिटी और फैशनेबल फुटवियर उपलब्ध करा रहा है नए जमाने का यह ब्रांड, वित्त वर्ष 2021 में किया 1,245 करोड़ रुपये का कारोबार

2013 में वीकेसी नौशाद द्वारा स्थापित कोयंबटूर स्थित वॉकारू (Walkaroo), पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के लिए कैजुअल और फॉर्मल फुटवियर की एक रेंज ऑफर करता है।

किफायती, क्वालिटी और फैशनेबल फुटवियर उपलब्ध करा रहा है नए जमाने का यह ब्रांड, वित्त वर्ष 2021 में किया 1,245 करोड़ रुपये का कारोबार

Wednesday May 26, 2021 , 7 min Read

एक बच्चे के रूप में, जब वीकेसी नौशाद से पूछा गया कि वह बड़े होकर क्या बनना चाहते हैं, तो उन्होंने हमेशा एक ही जवाब दिया: "एक बिजनेसमैन के अलावा कुछ भी।"


 दक्षिण भारत के एक प्रसिद्ध राजनेता और वीकेसी समूह के संस्थापक उनके पिता, वीकेसी ममद कोया इसका जवाब देते हुए कहते थे कि: "आप जो कुछ भी करना, उसे बड़ी ही कुशलता के साथ करना।"


नौशाद कहते हैं, "मेरे पिता का मानना था कि अगर आप कुछ अच्छा करते हैं, तो आप न केवल संगठन के लक्ष्यों हासिल करने में मदद करेंगे बल्कि पूरे देश के लिए भी योगदान दे पाएंगे।"

आज नौशाद ने न केवल पारिवारिक व्यवसाय को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है, बल्कि नए जमाने का ब्रांड वॉकारू भी लॉन्च किया है।

उनका कहना है कि उन्हें बचपन में भले ही बिजनेस करने में कोई दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन बड़े होने के साथ-साथ उद्यमिता के विचार ने उन्हें अपनी ओर आकर्षित किया था, खासकर त्रिशूर इंजीनियरिंग कॉलेज में केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान। उन्होंने बाद में एमटेक किया और यहां तक कि रबर रिसर्च इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग भी ली।


1994 में, जब नौशाद व्यवसाय में शामिल हुए, तो उनका कहना है कि उनका ध्यान "मौजूदा हवाई चप्पलों को बेहतर बनाने" पर था। हालांकि, जब उन्होंने फुटवियर बाजार पर और रिसर्च किया, तो उन्होंने महसूस किया कि उन्हें वर्जिन क्वालिटी पॉलीविनाइल (पीवी) पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है, जो उन दिनों उभर रहा था।


जल्द ही, उन्होंने रबर को पीवी से बदलने का फैसला किया।


आज नौशाद वीकेसी ग्रुप डिवीजन 1 के चेयरमैन हैं। वीकेसी ग्रुप की भारत में छह राज्यों में फैली 20 विनिर्माण इकाइयां हैं और यह लगभग 7,000 लोगों को प्रत्यक्ष और 4,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करता है। यह समूह तीन दशकों से अधिक समय से जूते, बैग आदि बहुत कुछ का निर्माण और बिक्री कर रहा है।


2013 में, नौशाद ने वॉकारू नाम से एक ब्रांड भी लॉन्च किया, जो ऐसे प्रोडक्ट ऑफर करता है जो फैशन, क्वालिटी से भरपूर होने के साथ-साथ किफायती भी होते हैं। यह पुरुषों, महिलाओं, बच्चों आदि के लिए कैजुअल फुटवियर, फॉर्मल फुटवियर, फ्लिप-फ्लॉप, ओपन फुटवियर, चप्पल, सैंडल आदि ऑफर करता है।


फुटवियर का निर्माण कंपनी की केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात और कुछ अन्य जगहों पर इसकी 12 विनिर्माण इकाइयों में किया जाता है। इन इकाइयों की कुल मिलाकर प्रति दिन चार लाख जोड़ी जूते बनाने की क्षमता है।


पिछले वित्तीय वर्ष में 1,245 करोड़ रुपये का कारोबार करने वाले वॉकारू ने कुछ वर्षों के लिए वीकेसी समूह के तहत काम किया। नौशाद अब कंपनी को एक अलग इकाई के रूप में बना रहे हैं। आमिर खान वॉकारू के ब्रांड एंबेसडर हैं।

फैशन, सामर्थ्य और गुणवत्ता

एक चीज जो नौशाद के लिए वर्षों से काम करती आ रही है वह यह ग्राहकों की नब्ज को समझना और समय के अनुसार विकसित होना है।

नौशाद बताते हैं, “दो बाते हैं। सबसे पहली, हमेशा ग्राहक पर ध्यान केंद्रित करें; ग्राहक की ओर से हमेशा कोई न कोई मांग रहती है।" दूसरी बात, वे कहते हैं, सस्ती कीमत पर गुणवत्तापूर्ण उत्पाद उपलब्ध कराना है। नौशाद के मुताबिक यह फॉर्मूला भारतीय बाजार में कभी फेल नहीं होता।

एक और आयाम जो हाल के दिनों में गुणवत्ता और सामर्थ्य में जोड़ा गया है वह है फैशन। वे कहते हैं, "फैशनेबल, गुणवत्तापूर्ण उत्पाद सस्ती कीमतों पर उपलब्ध कराना - यही आज के ग्राहकों की जरूरत है।"


नौशाद कहते हैं, वॉकारू द्वारा बेचे जाने वाले फुटवियर की "बाजार संचालित मूल्य रणनीति" है। ब्रांड देश भर में 700 डीलरों और 1.5 लाख खुदरा विक्रेताओं के साथ काम करता है।

दक्षिण भारत से लेकर दुनिया तक

वॉकारू ने अपनी यात्रा दक्षिण भारत से शुरू की और धीरे-धीरे देश और दुनिया के अन्य हिस्सों में फैल गई। हालांकि दक्षिण भारत इसका सबसे बड़ा बाजार बना हुआ है, लेकिन माहौल बदल रहा है, खासकर COVID-19 महामारी के मद्देनजर।


COVID-19 से पहले, कंपनी के 70 प्रतिशत ग्राहक दक्षिण भारत से और 10 प्रतिशत मांग शेष भारत से आती थी। हालांकि, महामारी के बाद, नौशाद का कहना है कि कंपनी ने अन्य क्षेत्रों से बहुत अधिक मांग देखी है।


वह बताते हैं कि "सालाना, दक्षिण भारत 10 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है जबकि उत्तर भारत लगभग 30 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।"

वॉकारू ने पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक बाजार में भी विस्तार किया है, और मलेशिया, सिंगापुर, म्यांमार और कुछ खाड़ी देशों में भी इसकी उपस्थिति है।

कंपनी ने वैश्विक बाजार, विशेषकर दक्षिण एशियाई बाजार में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने के लिए फरवरी में बांग्लादेश में एक विनिर्माण इकाई की स्थापना की।

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एक आत्मनिर्भर फुटवियर इंडस्ट्री

आत्मनिर्भर भारत भले ही अब चर्चा का विषय बन गया हो, लेकिन कुछ समय पहले से ही इस विचार के इर्द-गिर्द बातचीत हो रही है।


नौशाद एक दिलचस्प घटना याद करते हैं। उनका कहना है कि वह 2010 में एक कार्यक्रम में भाग ले रहे थे जहां एक अमेरिकी ग्लोबल फुटवियर इंडस्ट्री से संबंधित कुछ डेटा दिखा रहा था।


उन्होंने कहा, “चीन हर डेटा चार्ट में सबसे ऊपर है। जब उसने पूछा कि आने वाले समय में चीन के बाद कौन होगा, तो मैंने जोश से कहा कि भारत फुटवियर उद्योग में अग्रणी बन जाएगा!" अमेरिकी ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता है। नौशाद बताते हैं कि, "उनका मानना था कि चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए आवश्यक परिचालन दक्षता, विनिर्माण क्षमताओं और डिजाइन विकास की कमी थी।" ।

नौशाद भले ही उस सज्जन की प्रतिक्रिया से निराश हुए हो गए, लेकिन उन्हें लगता है कि वह पूरी तरह से गलत नहीं थे। वे कहते हैं, “भारतीय उद्यमी अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी को लाना चाहते हैं लेकिन बहुत अधिक समय ले रहे हैं; चीन इस अवसर का इस्तेमाल कर रहा है।”

उनका कहना है कि भारतीय फुटवियर उद्योग में बड़े पैमाने पर असंगठित लोग हैं जो "टेक्नोलॉजी का लाभ उठाने से हिचकिचाते हैं" - यह फैक्ट चीन को बेहतर करने में मदद कर सकता है।


काउंसिल फॉर फुटवियर, लेदर एंड एक्सेसरीज (CFLA) के अनुसार, भारत का फुटवियर उद्योग लगभग 15,000 सूक्ष्म और लघु उद्योगों के साथ अत्यधिक असंगठित है।


नौशाद कहते हैं कि कंपनियों को डिजिटल रूप से मजबूत बनने से पहले परिचालन रूप से मजबूत होने की जरूरत है। वह कहते हैं कि जब टेक्नोलॉजी का लाभ उठाने और परिचालन क्षमता बढ़ाने की बात आती है तो वॉकारू ने हमेशा इस क्रम में आगे रहने की कोशिश की है। इसके लिए, उन्होंने एसएपी लागू किया है, बिक्री स्वचालन सुनिश्चित किया है, और ओमनीचैनल मार्ग अपनाया है।


अपनी खुद की वेबसाइट लॉन्च करने के अलावा, वॉकरू ने 2019 में खुद को अमेजॉन, फ्लिपकार्ट और कुछ अन्य जैसे ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध किया। हालांकि, नौशाद का कहना है कि यह एक डिजिटल-फर्स्ट ब्रांड नहीं है।

एक समाधान-उन्मुख दृष्टिकोण

कंपनी और पूरी टीम के लिए COVID-19 मुश्किल भरा रहा है।


हालाँकि, नौशाद का विपरीत परिस्थितियों से निपटने के लिए एक अलग दृष्टिकोण है। वह कहते हैं, “मैंने देखा है कि बहुत से लोग सरकार और अन्य बाहरी पहलुओं को दोष दे रहे हैं। हालांकि, हम उद्यमी हैं। हमें शिकायत करने का अधिकार नहीं है। हमें खुद ही समाधान तलाशने होंगे।"

नौशाद का कहना है कि बिजनेस साइकिल में किसी भी मुसीबत को दूर करने के लिए तीन चीजें महत्वपूर्ण हैं: अनुकूलन क्षमता, दक्षता में सुधार, और मार्केट ट्रेंड्स को बनाए रखने के लिए लगातार सीखना।

वर्तमान समय में लोग सिंपल और कैजुअल वियर खरीद रहे हैं और लग्जरी सामानों की मांग कम हो गई है। यही वजह है कि कंपनी इस कैटेगरी के फुटवियर के प्रोडक्शन पर फोकस कर रही है।


नौशाद इस सेक्टर के भविष्य को लेकर आशान्वित हैं। इन्वेस्ट इंडिया द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत का फुटवियर उद्योग देश के समग्र सकल घरेलू उत्पाद में दो प्रतिशत का योगदान देता है, और भारत इस सेगमेंट में चीन, वियतनाम और इंडोनेशिया के साथ वैश्विक नेताओं में से एक है।


नौशाद कहते हैं, "हम भारतीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रांड की मौजूदगी को मजबूत करने पर काम कर रहे हैं।"