93 साल की उम्र में इग्नू से पूरी की मास्टर्स डिग्री, आगे भी जारी रखेंगे अपनी पढ़ाई
वाणिज्य मंत्रालय से डायरेक्टर के पद से रिटायर होने वाले सीआई शिवासुब्रमण्यम ने अपने सपने को लेकर आगे बढ़ते हुए 93 साल की उम्र में इग्नू से मास्टर्स की डिग्री पूरी कर ली।
कहते हैं पढ़ने-लिखने और सीखने के लिए कोई उम्र निर्धारित नहीं होती। इस बात का सबसे ताजा उदाहरण हैं 93 साल के सीआई शिवासुब्रमण्यम जो हाल ही में इग्नू के सबसे अधिक उम्र के छात्र बनकर सबके सामने आए हैं।
शिवासुब्रमण्यम ने हाल ही में इग्नू से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री पूरी की है। शिवासुब्रमण्यम को इग्नू के दीक्षांत समारोह में डिग्री प्रदान की गई। इस उपलब्धि के लिए देश के एचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने भी उनकी प्रशंसा की।
पीटीआई से बात करते हुए शिवासुब्रमण्यम ने बताया कि जब उन्होने साल 1940 में अपनी स्कूली शिक्षा समाप्त की तब उनके माता-पिता की तबीयत खराब हो जाने की वजह से वे आगे की पढ़ाई के लिए बाहर नहीं जा सके। उन्हे आगे की पढ़ाई के लिए तब त्रिची या चेन्नई जाना था।
इसी दौरान शिवासुब्रमण्यम अपने पूरे परिवार के साथ दिल्ली में शिफ्ट हो गए और उन्हे वाणिज्य मंत्रालय में क्लर्क के पद पर नौकरी मिल गई। इस नौकरी के दौरान उन्होने विभाग की कई परीक्षाओं को पास किया और साल 1986 मंत्रालय से डायरेक्टर के पद पर रिटायर हुए।
अपने उच्च शिक्षा का अधूरा सपना लिए शिवासुब्रमण्यम एक दिन किसी से मिले, जिसने उन्हे इग्नू से पढ़ाई के बारे में बताया। संभव होने की दशा में उन्होने इग्नू में पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन विषय से स्नातक कोर्स में दाखिला ले लिया। स्नातक पास करने के बाद उन्होने परास्नातक की ओर कदम बढ़ाए और अंत में परास्नातक की डिग्री हासिल की।
बीते 6 सालों में वे सुबह उठकर अपनी किताबों के जरिये पढ़ाई करते रहे, ताकि बाकी दिन में अन्य काम किए जा सकें। इस दौरान उनकी बेटी ने लिखने में उनकी मदद भी की।
शिवासुब्रमण्यम आगे एम.फिल करना चाहते थे, लेकिन उनकी बेटी ने जब उन्हे समझाया कि एम.फिल में सीटें कम हैं और ऐसा करने से वे किसी जरूरतमंद के लिए एक सीट कम कर देंगे, तब उन्होने यह इरादा छोड़ दिया।
शिवासुब्रमण्यम अब अन्य मास्टर्स कोर्स में दाखिला लेना चाह रहे हैं और इसके लिए उन्होने कई वेबसाइट के जरिये उन कोर्स के बारे में जानकारी भी इकट्ठी कर ली है।