कोरोना एक लड़ाई: स्टार्टअप फाइब्रोहील वुंडकेयर की चुनौतियां
कोविड-19 के प्रकोप से स्टार्टअप की दुनिया भी अछूती नहीं है। कई तरह के उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं, ऐसे में योरस्टोरी ने कोशिश की उन स्टार्टअप्स से बात करने की जो इस समस्या से जूझ रहे हैं। फाइब्रोहील वुंडकेयर के को-फाउंडर विवेक मिश्रा ने हमसे साझा कीं लॉकडाउन के दौरान उनके स्टार्टअप को होने वाली दिक्कतें।
'फाइब्रोहील वुंडकेयर' वो स्टार्टअप है, जो रेशम की मदद से मेडिकल उत्पाद बनाता है। कमाल की बात तो ये है कि ये उत्पाद मधुमेह के बाद हुए घावों को भी भरने में कारगर साबित हो रहे हैं। फाइब्रोहील अपने उत्पाद के दम पर देश और दुनिया की अग्रिणी बायोटेक कंपनी बनने की ओर अग्रसर है।
साल 2017 में विवेक मिश्रा ने फाइब्रोहील की स्थापना सह संस्थापक भरत टंडन और सुब्रमण्यम शिवारामण के साथ मिलकर की थी। फाइब्रोहील द्वारा बनाया गए मेडिकल उत्पाद आज देश के प्रमुख सरकारी अस्पताल में इस्तेमाल में लाये जा रहे हैं, साथ ही कंपनी ने रेशम किसानों के लिए भी आमदनी के कई नए अवसर खोले हैं।
इस स्टार्टअप के बारे में विस्तार से जानने के लिए नीचे दिये हुए लिंक पर जायें,