कोरोना वायरस : इटली के 14 नागरिकों को गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया, कर्नाटक सरकार ने कंपनियों को दी सलाह: फ्लू के लक्षण वाले कर्मचारियों को घर से काम करने दें
नई दिल्ली, कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए इटली के 14 नागरिकों को आईटीबीपी के एक अलगाव केंद्र से गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अस्पताल ने बृहस्पतिवार सुबह एक बयान जारी कर कहा कि ये मरीज अस्पताल की एक अलग मंजिल के वार्ड में भर्ती हैं और इस वार्ड का बाकी के अस्पताल से कोई संपर्क नहीं है।
इन मरीजों का इलाज कर रही मेडिकल टीम ने सुरक्षा के सभी उपाय कर रखे हैं। अस्पताल की इस मंजिल पर इस्तेमाल किए जा रहे सभी सामान को अलग रखा गया है।
बयान में बताया गया है कि अस्पताल के बाकी कामकाज सामान्य तरीके से चल रहे हैं और मरीजों, यहां आने वाले लोगों या कर्मचारियों को कोई खतरा नहीं है।
इटली के 21 पर्यटकों और उनके तीन भारतीय टूर ऑपरेटरों को कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद बुधवार को आईटीबीपी के अलगाव केंद्र से यहां लाया गया था।
वायरस से संक्रमित इटली के एक जोड़े का जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है।
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि विदेशियों को गुड़गांव के एक निजी अस्पताल और राष्ट्रीय राजधानी के एक केंद्र में भर्ती कराया गया है जबकि भारतीयों को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कर्नाटक सरकार ने कंपनियों को दी सलाह
कर्नाटक सरकार ने शहर की कंपनियों को सलाह दी है कि वे उन कर्मचारियों को घर से ही काम करने की अनुमति दे जिनमें फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हों।
स्वास्थ्य विभाग ने अपने परामर्श में कहा,
‘‘जिन कर्मचारियों में फ्लू जैसे लक्षण हों, उन्हें खासी-जुकाम से बचाव और हाथों को साफ रखने की सलाह के साथ घर से ही काम करने की अनुमति दी जा सकती है।’’
परामर्श में कहा गया है कि लोगों को ऐसे देशों की गैरजरूरी यात्रा करने से बचना चाहिए, जोकि कोरोना वायरस से प्रभावित हैं।
परामर्श के मुताबिक जो भी कर्मचारी प्रतिबंधित देशों के अलावा चीन, दक्षिण कोरिया, जापान, इटली, ईरान, हांगकांग, कतर और वियतनाम जैसे देशों से प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से पहुंच रहे हैं, उनकी हवाई अड्डे के प्रवेश पर ही मेडिकल जांच की जानी चाहिए।
सरकार की ओर से जारी परामर्श में यह भी कहा गया है कि किसी भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान से भारत आने वाले कर्मचारियों को स्वास्थ्य अधिकारियों और आव्रजन अधिकारियों को 'स्वघोषणा पत्र' भरकर देना होगा, जिसमें उनकी निजी जानकारी, फोन नंबर, भारत में उनका पता और यात्रा विवरण देना होगा।
कंपनियों को जारी परामर्श में यह भी अपील की गई है कि कर्मचारियों को साबुन से हाथ धोने को लेकर जागरूक करने के साथ ही कार्यस्थल पर खास जगहों पर सेनेटाइजर डिस्पेंसर रखे जाएं।