कोरोनावायरस: आईआईटी कानपुर बनाएगा आसानी से ले जा सकने वाले किफायती वेंटिलेटर
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसरों का दावा है कि बाजार में इन्वेसिव वेंटिलेटर की कीमत करीब चार लाख रुपये है जबकि इस वेंटिलेटर की कीमत 70 हजार रुपये आएगी क्योंकि इसके सारे कल-पुर्जे और घटक भारत में ही बने हैं। संस्थान के दो छात्र निखिल कुरुले और हर्षित राठौर ने इस आसानी से कहीं भी ले जा सकने वाले वेंटिलेटर का प्रोटोटाइप तैयार किया है। दोनों ‘नोक्का रोबोटिक्स’ नाम से स्टार्ट अप चलाते हैं।
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच राहत वाली खबर है कि कानपुर का भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ऐसे पोर्टेबल वेंटिलेटर बना रहा है जो बाजार में उपलब्ध ऐसी जीवन रक्षक मशीनों से सस्ता होगा।
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसरों का दावा है कि बाजार में इन्वेसिव वेंटिलेटर की कीमत करीब चार लाख रुपये है जबकि इस वेंटिलेटर की कीमत 70 हजार रुपये आएगी क्योंकि इसके सारे कल-पुर्जे और घटक भारत में ही बने हैं।
संस्थान के दो छात्र निखिल कुरुले और हर्षित राठौर ने इस आसानी से कहीं भी ले जा सकने वाले वेंटिलेटर का प्रोटोटाइप तैयार किया है। दोनों ‘नोक्का रोबोटिक्स’ नाम से स्टार्ट अप चलाते हैं।
आईआईटी कानपुर ने नारायणा इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियक साइंसेज, बेंगलुरू के डॉक्टरों समेत नौ सदस्यों का दल बनाया है जो प्रोटोटाइप पर मुहर लगाएगा और उसके बाद एक महीने में करीब एक हजार पोर्टेबल वेंटिलेटर तैयार किये जाएंगे।
आईआईटी कानपुर के इनक्यूबेशन सेंटर के प्रभारी और प्रोफेसर अमिताभ बंदोपाध्याय ने कहा,
‘‘कोविड-19 ने भयावह तरीके से मानवता को प्रभावित किया है। जब अमेरिका और इटली जैसे विकसित देश इस वायरस के संकट से जूझ रहे हैं जहां चिकित्सा की पर्याप्त सुविधाएं हैं तो भारत में हम तो बिल्कुल भी तैयार नहीं हैं।’’
साथ ही उन्होंने ये भी कहा,
‘‘हम तेजी से, संभवत: एक महीने में वेंटिलेटर बनाने की कोशिश कर रहे हैं।’’